🍷 राष्ट्रीय वाइन दिवस – 25 मई 2025, रविवार-"रस में रंगा जीवन"

Started by Atul Kaviraje, May 26, 2025, 10:54:34 AM

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Atul Kaviraje

🍷 राष्ट्रीय वाइन दिवस – 25 मई 2025, रविवार-
(एक अर्थपूर्ण और सरल तुकबंदी वाली दीर्घ हिंदी कविता – 7 चरणों में, अर्थ, प्रतीक और इमोजी सहित)

📝 कविता शीर्षक – "रस में रंगा जीवन"
(वाइन का प्रतीकात्मक और सकारात्मक दृष्टिकोण – मित्रता, आनंद, संयम और संस्कृति के भाव में)

🪷 चरण 1 –
🍇 अंगूरों की प्याली में छिपी, रस की दुनिया न्यारी।
मधुर घूंट में मिलती है, जीवन की फुलवारी।
मन में मधुमास रच जाए, गूंजे दिल की झंकार।
संग वाइन के सज जाए, हर शाम का त्योहार।

📘 अर्थ:
वाइन के मधुर स्वाद में जीवन की मिठास छिपी है। यह एक आनंद का प्रतीक बन जाती है।

🪷 चरण 2 –
🍷 साज-श्रृंगार की थाली में, संस्कृति की बूँदें ढलतीं।
कभी फ्रांस, कभी इटली से, खुशबुएँ जब चलतीं।
आदर से पीना हो जिसे, वो समझे रस की बात।
संयम में ही सुंदरता है, यही है इसकी जात।

📘 अर्थ:
वाइन एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पेय है, लेकिन उसका सही उपयोग संयम और समझ से जुड़ा है।

🪷 चरण 3 –
🥂 जब मित्र हों संग प्याले हों, बातें हों दिल की।
संगीत की धुन पर बहती जाएं, लहरें मधु मिल की।
सांझ की हवा में घुल जाए, खुशबू हर जज्बात की।
पल बन जाएं यादों के जैसे, किताबों की बात की।

📘 अर्थ:
मित्रों के संग बिताए गए पल, वाइन के साथ यादगार बन जाते हैं — आनंद और आत्मीयता से भरपूर।

🪷 चरण 4 –
🌿 अंगूर से आती मिठास, मेहनत की वो गाथा।
किसानों के श्रम की बूँदें, हर स्वाद में सच्ची व्यथा।
एक बूँद में छुपी होती है, खेतों की पूरी बात।
हर घूँट में झलकता है, प्रकृति का सौम्य साथ।

📘 अर्थ:
वाइन सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि खेतों, प्रकृति और श्रमिकों के श्रम की कहानी भी है।

🪷 चरण 5 –
🚫 नशा बने यदि अभिशाप, तो रस हो जाए जहर।
मर्यादा से ही मधु बने, नहीं हो कोई कहर।
त्योहार हो या मिलन हो, हो उसमें संतुलन।
रस का रस तभी है सच्चा, जब ना हो कोई दु:खदचन।

📘 अर्थ:
वाइन का सेवन संयम और मर्यादा में होना चाहिए, तभी यह आनंद देता है, नहीं तो दुःखद बन सकता है।

🪷 चरण 6 –
🎨 कला, प्रेम और कविता में, जो वाइन दे रंग।
वो पंक्तियाँ बन जाएं सजीव, संगीत दे उमंग।
रसिकों के होंठों से निकले, भावों की बरसात।
संवेदनाओं से भर जाए, हर सर्जन की बात।

📘 अर्थ:
वाइन कलाकारों और कवियों के लिए प्रेरणा बनती है, बशर्ते उसका सार्थक और सृजनात्मक रूप में उपयोग हो।

🪷 चरण 7 –
🌅 जीवन का हर क्षण बने, मधुर, शांत, रंगीन।
ना हो शोर शराबे का, बस रस हो सुगंधीन।
इस राष्ट्रीय वाइन दिवस पर, लें हम यही प्रण।
आदर, संयम, संस्कार से, जीवन बने मधुबन।

📘 अर्थ:
राष्ट्रीय वाइन दिवस हमें संयम, आनंद और आपसी मेल-जोल से भरपूर जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

🎯 संक्षिप्त संदेश / निष्कर्ष
🍷 "वाइन हो, लेकिन संयम में। मित्रता हो, लेकिन स्नेह में। उत्सव हो, लेकिन मर्यादा में। यही है वाइन दिवस का सच्चा संदेश।"

🖼� प्रतीक और इमोजी सारणी
प्रतीक/इमोजी   अर्थ

🍇   अंगूर – वाइन का मूल स्रोत
🍷   वाइन – आनंद का प्रतीक
🥂   मिलन, मित्रता
🌿   प्रकृति, कृषि
🚫   संयम की आवश्यकता
🌅   शांति और सौम्यता

--अतुल परब
--दिनांक-25.05.2025-रविवार.
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