🌼🙏 रम्भाव्रत – भक्तिभावपूर्ण कविता 🙏🌼29 मई, 2025 (गुरुवार)-

Started by Atul Kaviraje, May 29, 2025, 10:38:03 PM

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Atul Kaviraje

🪔 रम्भाव्रत पर एक सुंदर, अर्थपूर्ण, भक्तिभावपूर्ण दीर्घ हिंदी कविता —
दिनांक: 29 मई, 2025 (गुरुवार) के सन्दर्भ में
➡️ ७ चरण (स्त्रोक्स), प्रत्येक में ४ पंक्तियाँ
➡️ हर चरण के बाद उसका अर्थ (हिंदी में)
➡️ भाव, चित्रात्मक प्रतीक ✨🪔🌸 और इमोजी सहित संपूर्ण सुंदर प्रस्तुति।

🌼🙏 रम्भाव्रत – भक्तिभावपूर्ण कविता 🙏🌼
विषय: श्रीराम-कृष्ण आराधना, स्त्री-संस्कार, व्रत की महिमा

🪔 चरण १
रम्भा व्रत का शुभ ये दिन, मंगलकारी भोर।
साजे तुलसी चौरा आज, हर्षित मन की कोर॥
रामनाम की रुनझुन बहे, दीप जलें दस ओर।
स्त्रियाँ करें आराधना, रख प्रेमभाव चौर॥

🔸 अर्थ:
रम्भाव्रत का दिन अत्यंत पवित्र माना जाता है। महिलाएँ तुलसी चौरे को सजाती हैं, और प्रेम से भगवान की पूजा करती हैं। हर दिशा में दीपक की ज्योति और रामनाम की ध्वनि गूंजती है। 🪔🌿✨

🌸 चरण २
पति की आयु लंबी हो, संतान रहे सुखी।
मन वचन से अर्चा करें, भक्ति से ना रुकी॥
रम्भा देवी की याद में, रचे शुभारंभ कथा।
विष्णुचरण को चढ़े सुमन, मिटे कष्ट की व्यथा॥

🔸 अर्थ:
इस व्रत का उद्देश्य पति की दीर्घायु, संतान की रक्षा और पारिवारिक सुख-शांति है। महिलाएँ पूरे भक्ति भाव से कथा करती हैं और भगवान विष्णु को पुष्प अर्पित करती हैं। 🌺🙏👨�👩�👧�👦

🌿 चरण ३
रामनाम की गूंज से, तन-मन हो पावन।
सीता-राम के प्रेम से, निर्मल हो जीवन॥
व्रत में शक्ति, व्रत में धीरज, व्रत में है आस।
धैर्य-स्नेह का संगम है, यह नारी की प्यास॥

🔸 अर्थ:
राम और सीता के पवित्र प्रेम की प्रेरणा से महिलाएँ अपना जीवन शुद्ध करती हैं। रम्भाव्रत में धैर्य और स्नेह का मिलन होता है। 🙏💖🕊�

🏵� चरण ४
कृष्ण चरणों में फूल चढ़े, रास के गीत बहे।
गोपी-भाव से जो भरे, मन मंदिर में रहे॥
धूप और दीप सजें जहाँ, तुलसी सजे द्वार।
राम-कृष्ण के प्रेम में, खोया हर व्यवहार॥

🔸 अर्थ:
श्रीकृष्ण की भक्ति में गोपी-भाव से पूजा होती है। तुलसी चौरे पर दीप-धूप से सजावट की जाती है और घर का हर कार्य भक्ति में समर्पित होता है। 🌿🌼🕯�

🌞 चरण ५
गंगा जल से स्नान कर, करें व्रत की शुरुआत।
मन में न हो द्वेष कुछ, हो केवल प्रभु भक्ति बात॥
संकल्प ये मन से करें, नारी हो तेजस्विनी।
धर्म, ममता, प्रेम लिए, बने वो सत्यव्रती॥

🔸 अर्थ:
स्त्रियाँ गंगाजल से शुद्ध होकर व्रत का संकल्प लेती हैं। बिना किसी द्वेष के, पूरी श्रद्धा से भगवान की सेवा करती हैं। नारी को तेजस्विनी और धर्मनिष्ठा की प्रतिमूर्ति माना गया है। 💧🕊�🌺

🪷 चरण ६
शुभ नारियाँ व्रत करें, सजे सिन्दूर भाल।
करवट लेती है किस्मत, पावन बनें हर चाल॥
राम-कृष्ण का नाम ले, संकल्प पूर्ण होए।
रम्भा व्रत की पुण्य तिथि, नव जीवन बुनो कोए॥

🔸 अर्थ:
रम्भाव्रत करने वाली स्त्रियाँ अपने सौभाग्य को सजाती हैं। इस व्रत की पुण्यतिथि उनके जीवन में नए संकल्प और नए सौंदर्य भर देती है। 👰🪔🌟

🌼 चरण ७
शांति, समृद्धि, प्रेम का, संदेश ले चलें।
रम्भाव्रत की कथा कहें, औरों को भी जलें॥
राम नाम की मशाल हो, जीवन ज्योति बनें।
हर घर में हो हरियाली, और प्रेम-पथ गहें॥

🔸 अर्थ:
यह व्रत केवल स्वयं के लिए नहीं, बल्कि समाज में शांति, समृद्धि और प्रेम फैलाने का संदेश देता है। यह व्रत हर घर को पावन करता है। 🕯�🌳💞

🔚 संक्षिप्त सारांश (Short Meaning):
रम्भाव्रत एक पारंपरिक हिन्दू व्रत है जो स्त्रियाँ श्रद्धा से अपने पति की दीर्घायु, संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि के लिए करती हैं। यह व्रत भगवान विष्णु, विशेषतः श्रीराम और कृष्ण को समर्पित होता है। इसमें तुलसी पूजन, कथा, संकल्प, और उपवास किया जाता है। यह स्त्रियों के प्रेम, संयम, और आस्था का प्रतीक है। 🙏🌿🌺

🖼� इमोजी व प्रतीक सारणी
विषय   प्रतीक   अर्थ

व्रत   🪔   आस्था का प्रतीक
भगवान राम   🕉�   भक्ति का केंद्र
श्रीकृष्ण   🎵   प्रेम और माधुर्य
स्त्री शक्ति   👩�🦰   नारी की आस्था
तुलसी   🌿   शुद्धता और समर्पण
दीपक   🕯�   प्रकाश और श्रद्धा
फूल   🌸   भेंट और सौंदर्य
जल   💧   शुद्धि और पवित्रता

--अतुल परब
--दिनांक-29.05.2025-गुरुवार.
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