🏇 महाराणा प्रताप जयंती पर कविता "गौरव का सूर्य" ☀️29 मई, 2025-गुरुवार-

Started by Atul Kaviraje, May 29, 2025, 10:39:16 PM

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Atul Kaviraje

"महाराणा प्रताप जयंती" पर आधारित एक दीर्घ, भक्तिभावपूर्ण, अर्थपूर्ण और सरल हिंदी कविता,
🗓� तिथि: 29 मई, 2025 – गुरुवार को ध्यान में रखते हुए।

➡️ 07 चरण, हर चरण में 04 पंक्तियाँ
➡️ हर चरण के बाद उसका हिंदी अर्थ
➡️ भावना, प्रतीक 🏹🛡�🌄🇮🇳 और इमोजी के साथ सुंदर प्रस्तुति
➡️ संक्षिप्त सारांश अंत में

🏇 महाराणा प्रताप जयंती पर कविता
"गौरव का सूर्य" ☀️
वीरता की प्रतिमा महाराणा प्रताप को नमन 🙏

🏹 चरण 1
गर्व से ऊँचा शीश था, स्वाभिमान की ढाल।
प्रताप थे वो सूर्य सम, जिनसे कांपे काल॥
हल्दीघाटी की रणभूमि, गाथा वीर वंश की।
सिंह जैसा दहाड़ता, माटी माँ के अंश की॥

🔸 अर्थ:
महाराणा प्रताप स्वाभिमान के प्रतीक थे। हल्दीघाटी की लड़ाई उनकी वीरता की मिसाल है। वे मातृभूमि के सच्चे पुत्र थे। 🏔�🛡�🇮🇳

🛡� चरण 2
ना झुका मस्तक कभी, ना बदली चाल थी।
अकबर का हर लालच, प्रताप पर बेहाल थी॥
घास की रोटी खाई, पर माटी ना बेची।
स्वतंत्रता की पुकार थी, हृदय में जो सांची॥

🔸 अर्थ:
महाराणा प्रताप ने कभी समर्पण नहीं किया। भले ही उन्हें जंगलों में रहकर कठिनाइयाँ सहनी पड़ीं, उन्होंने स्वतंत्रता नहीं छोड़ी। 🌾🔥✊

🐎 चरण 3
चेतक उसका घोड़ा था, गति में था वो बिजली।
रण में दौड़ा प्राण पर, था जैसे प्रखर अग्नि॥
घायल राणा को ले भागा, मृत्यु से भी टकराया।
ऐसे रिश्ते की मिसाल, इतिहास ने गाया॥

🔸 अर्थ:
चेतक महाराणा प्रताप का वफादार घोड़ा था, जिसने राणा को बचाने के लिए अपने प्राण तक दे दिए। ये निष्ठा अतुल्य थी। 🐎❤️🔥

🌄 चरण 4
अरावली के वन-गहनों में, जीवन व्यतीत किया।
संघर्षों की तपश्चर्या से, राष्ट्र को पूजित किया॥
कभी न झुके, कभी न थके, चले अकेले राह।
मेवाड़ की आत्मा बनकर, किया भारत को चाह॥

🔸 अर्थ:
अरावली की कठिनाइयों में रहकर भी महाराणा प्रताप ने अपना मार्ग नहीं छोड़ा। वे आज़ादी की प्रेरणा बने। 🌳🌞🗡�

🔔 चरण 5
राज्य नहीं स्वाभिमान बड़ा, यह प्रताप ने सिखाया।
धन-दौलत से पहले वतन, ये पाठ उन्होंने पढ़ाया॥
यशस्वी ना राजसिंहासन से, यश है त्याग महान।
ऐसे नायक को वंदन, जय प्रताप बलवान॥

🔸 अर्थ:
महाराणा प्रताप ने सिखाया कि स्वाभिमान, स्वतंत्रता और आत्मसम्मान धन से कहीं अधिक मूल्यवान हैं। 👑🚫🧡

🏔� चरण 6
जयंती पर आज हम, दीप जलाएँ ज्ञान के।
बलिदान की लौ से सीखें, संदेश उस महान के॥
बचपन में भी वीर बने, व्रत रहा हर साँस में।
भारत माता के चरणों में, जीवन समर्पण त्रास में॥

🔸 अर्थ:
उनकी जयंती पर हम ज्ञान और प्रेरणा के दीप जलाएँ। उनका जीवन हर भारतीय के लिए सीख है। 🪔📚🇮🇳

🇮🇳 चरण 7
आज भी उनकी छवि, हृदय में दीप जलाए।
जब भी उठे अन्याय कहीं, प्रताप याद आए॥
वीरों की इस भूमि में, जन्मे ऐसा वीर।
जो लड़ता था न्याय हेतु, बनकर देश का शूर॥

🔸 अर्थ:
महाराणा प्रताप आज भी प्रेरणा हैं। जब भी कोई अन्याय के खिलाफ खड़ा होता है, महाराणा की छवि उस हिम्मत में दिखती है। 🔥🙏🛡�

📜 संक्षिप्त सारांश (Short Meaning):
महाराणा प्रताप सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि भारतीय स्वाभिमान और स्वतंत्रता के प्रतीक थे। उन्होंने बिना झुके संघर्ष किया, और अपने आत्मसम्मान की कीमत पर भी समर्पण नहीं किया।
उनकी जयंती (29 मई) हमें प्रेरणा देती है कि देश, धर्म, और आत्मगौरव से बड़ा कुछ नहीं।

🖼� चित्रात्मक प्रतीक व इमोजी सारणी
प्रतीक   अर्थ

🛡�   रक्षा, स्वाभिमान
🏇   चेतक और वीरता
🔥   संघर्ष, तेज
🏔�   तपस्या, प्रकृति
🪔   श्रद्धांजलि, स्मृति
🇮🇳   देशभक्ति
🌄   मातृभूमि
👑🚫   त्याग

--अतुल परब
--दिनांक-29.05.2025-गुरुवार.
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