🌺 "गायत्री जयंती – वेदमाता का प्राकट्य" 🌺06 जून, शुक्रवार-

Started by Atul Kaviraje, June 06, 2025, 10:24:38 PM

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Atul Kaviraje

यह रही एक सुंदर, सरल, तुकबंदीयुक्त और भक्तिभाव-पूर्ण दीर्घ हिंदी कविता:
🌺 "गायत्री जयंती – वेदमाता का प्राकट्य" 🌺
📅 तिथि: 06 जून, शुक्रवार | अवसर: गायत्री जयंती
🕉� कुल चरण: 07 | प्रत्येक चरण: 04 पंक्तियाँ + सरल हिंदी अर्थ + इमोजी और प्रतीक 🌞📿📖🪔🕊�

🕉� चरण 1: वेदमाता का अवतरण
ज्येष्ठ शुक्ल की एकादशी, पावन दिवस महान,
गायत्री माता प्रकट हुईं, हुआ प्रकाश महान।
विश्वामित्र ने जो रचा, वो मंत्रों की माया,
गायत्री मंत्र बना तब, ज्ञान-ज्योति की छाया।

🔸अर्थ:
गायत्री जयंती वह दिन है जब वेदमाता प्रकट हुईं और ब्रह्मर्षि विश्वामित्र ने गायत्री मंत्र की रचना की — जो वेदों का सार है।
🌞📜🪔🧘�♂️

🌼 चरण 2: गायत्री मंत्र की महिमा
ॐ भूर्भुवः स्वः से शुरू, उजियारा हर ओर,
सच्चिदानंद की यह वाणी, करे हृदय को भोर।
मन, प्राण और आत्मा तक, पहुँचे इसकी धार,
यह मंत्र न केवल शब्द है, यह ईश्वर का सार।

🔸अर्थ:
गायत्री मंत्र केवल उच्चारण नहीं, बल्कि दिव्य ऊर्जा है जो चेतना को जगाती है और परमात्मा तक ले जाती है।
📿🌟💫🕯�

🪷 चरण 3: ब्रह्मर्षि की तपस्या
विश्वामित्र की साधना, युगों की एक पुकार,
ज्ञान का ऐसा दीप जला, मिटा अज्ञान अंधकार।
गायत्री ने जब साथ दिया, वेदों की धारा बही,
उनकी तपस्या से ही, यह मंत्र जाग्रत रही।

🔸अर्थ:
ब्रह्मर्षि विश्वामित्र ने कठिन तप से गायत्री मंत्र की अनुभूति की और वेदों के सार को लोक में प्रकट किया।
🧘�♂️🔥📖🌊

🔔 चरण 4: शक्ति का स्त्रोत
गायत्री नारी का तेज है, मातृत्व की पहचान,
ज्ञान, भक्ति और कर्म की, देती सच्ची जान।
जहाँ हो उसका स्मरण सदा, वहाँ तम नहीं टिके,
वह शक्ति है, श्रद्धा भी है, जो हर पथ में दिखे।

🔸अर्थ:
गायत्री माता शक्ति और ज्ञान का स्त्रोत हैं। उनका स्मरण अंधकार को दूर करता है और जीवन को प्रकाशमय बनाता है।
💫👩�🦳🛕🔱🌸

📖 चरण 5: हर दिन हो आराधना
सूर्योदय से पूर्व करें, गायत्री का ध्यान,
सात्विक भाव से जप करें, मिले चित्त को जान।
हर दिन जो उसका जप करे, वह भव से पार जाए,
उसके मन में शांति रहे, जीवन संगीत गाए।

🔸अर्थ:
गायत्री मंत्र का जप विशेषकर सूर्योदय से पहले करने से मानसिक शांति, आत्मिक बल और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🌄📿🧘�♀️🎶🕊�

🌿 चरण 6: गायत्री और वेदों का नाता
चारों वेदों का जो सार है, वो मंत्रों की जननी,
गायत्री से ही उपजे सब ज्ञान की अनुपम धनी।
वह केवल देवी नहीं, चेतना की रेखा है,
जो हमें जोड़ती प्रभु से, आत्मा की लेखा है।

🔸अर्थ:
गायत्री मंत्र संपूर्ण वेदों का सार है और वह हमें परमात्मा से जोड़ने का मार्ग है।
📜🧠🌺🛤�🌟

✨ चरण 7: अंतर्मन की पूजा
आज के दिन मनाएं हम, श्रद्धा से यह पर्व,
हर मन में हो ज्योति फिर, मिटे दुखों का गर्व।
गायत्री माता का नाम लो, जीवन बने उजास,
प्रभु का ज्ञान, प्रेम और शांति, भर जाए हर सांस।

🔸अर्थ:
गायत्री जयंती का पर्व आत्मज्ञान, शांति और दिव्यता का स्मरण है। आज के दिन श्रद्धा से जप कर जीवन को पवित्र बनाएं।
🎉🪔🕉�💖🌞

--अतुल परब
--दिनांक-06.06.2025-शुक्रवार.
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