🌺🙏 भागवत एकादशी – 07 जून 2025 – शनिवार 🙏🌺

Started by Atul Kaviraje, June 08, 2025, 11:03:10 AM

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Atul Kaviraje

भागवत एकादशी-

🌺🙏 भागवत एकादशी – 07 जून 2025 – शनिवार 🙏🌺
🔶 हिन्दी लेख | 📅 तिथि विशेष | 🛕 भक्तिभाव पूर्ण विवेचनात्मक विवरण | 🌸 प्रतीक, चित्र और इमोजी सहित

🌟 परिचय: भागवत एकादशी क्या है?
भागवत एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इसे 'निर्जला एकादशी' भी कहते हैं क्योंकि इस दिन भक्त अन्न और जल दोनों का त्याग करते हैं।

🔸 इसे सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
🔸 कहा जाता है कि केवल इस एक व्रत से साल भर की एकादशियों का फल प्राप्त होता है।

🛕 धार्मिक महत्त्व और पौराणिक संदर्भ:
📖 भागवत महापुराण के अनुसार, इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को
👉 पापों से मुक्ति,
👉 पूर्व जन्म के कर्मों का क्षय,
👉 स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

🌼 इस दिन भीमसेन को ऋषियों ने एकादशी व्रत का महत्व बताया था।
भीम, जो भोजन के बिना रह नहीं सकते थे, उन्होंने केवल एक बार निर्जल उपवास किया — वह दिन था भागवत (निर्जला) एकादशी।

📿 व्रत की विधि (कैसे करें व्रत?):
🕯� व्रती प्रातः स्नान करके पवित्र मन से संकल्प लें।
🛐 विष्णु भगवान की पूजा करें – तुलसी, पीले फूल, धूप, दीप और गीता पाठ करें।
🚫 अन्न, जल, फल आदि से पूर्णतः दूर रहें (निर्जला)।
🌙 रात्रि में भजन-कीर्तन करें और जागरण करें।

🙏 व्रत के लाभ:
लाभ   विवरण
🌟 पापों से मुक्ति   जीवन के सभी दोषों से छुटकारा
🕊� मन की शुद्धि   चित्त शांत, श्रद्धा दृढ़ होती है
🛐 भगवत प्राप्ति   श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है
🧘 शारीरिक संयम   आत्मसंयम व सद्गुणों की वृद्धि

🌸 प्रेरणादायक उदाहरण:
✨ भीमसेन का उदाहरण:
भीमसेन ने कहा, "मैं भोजन के बिना रह नहीं सकता।"
महर्षि व्यास ने उन्हें एक उपाय बताया –
"साल भर की सभी एकादशियों का फल निर्जला एकादशी के व्रत से प्राप्त होता है।"
तब से भीमसेन ने यह एक व्रत पूरी श्रद्धा से किया।
💡 इससे हमें श्रद्धा, आत्मबल और प्रभु पर विश्वास की प्रेरणा मिलती है।

🎨 प्रतीक व इमोजी अर्थ:
चित्र / इमोजी   अर्थ

🌺   भक्ति और श्रद्धा
🛕   भगवान का मंदिर
📿   जाप व ध्यान
🕯�   प्रकाश और जागृति
🙏   समर्पण और नम्रता
🌙   रात्रि जागरण का संकेत

💖 नैतिक संदेश और निष्कर्ष:
भागवत एकादशी न केवल एक व्रत है, बल्कि यह आत्मशुद्धि, संयम, त्याग और ईश्वर प्रेम का प्रतीक है।
यह दिन हमें सिखाता है कि –
🧘 "इच्छाओं पर संयम रखकर ईश्वर की शरण में जाना ही सच्चा धर्म है।"
जो व्यक्ति श्रद्धा से इस दिन व्रत रखता है, वह भौतिक और आत्मिक दोनों सुखों को प्राप्त करता है।

✨ अंतिम शुभकामना:
ईश्वर श्रीहरि विष्णु की कृपा से आपका जीवन भी भागवत एकादशी जैसे पवित्र, उज्ज्वल और सफल हो।
आप सभी को भागवत एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🙏🌸🛕✨

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.06.2025-शनिवार.
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