🌟 पारसी बहमन महीना –📅 तारीख: 11 जून, बुधवार-

Started by Atul Kaviraje, June 12, 2025, 10:24:18 AM

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Atul Kaviraje

पारसी बहमन महीना-

📜 विस्तृत विवेचनात्मक लेख (हिंदी में):
🌟 पारसी बहमन महीना – भक्ति, परंपरा और पर्यावरण चेतना का संगम
📅 तारीख: 11 जून, बुधवार
🎉 विषय: पारसी बहमन महीना – धार्मिक महत्व, भावनात्मक जुड़ाव, और समसामयिक सन्दर्भों में उपयोगिता

🌿 भूमिका
पारसी धर्म, जो कि ईरान से आया एक प्राचीन धर्म है, ज़रथुश्त्र (Zarathustra) द्वारा स्थापित किया गया था। इस धर्म के अनुयायी प्रकृति, अग्नि, और नैतिकता के उपासक हैं। पारसी पंचांग के अनुसार "बहमन महीना" का विशेष महत्व है, और यह महीना पारसी समुदाय के लिए शुद्धता, संयम, सेवा और पशु प्रेम का प्रतीक होता है।

🕊�💧🐄🔥🌱

📖 क्या है बहमन महीना?
"बहमन" पारसी धर्म के बारह पवित्र अमशास्पंदों (दैवी शक्तियों) में से एक है। इसे संस्कृत में "वहुमन" (अर्थात् 'श्रेष्ठ मन' या 'शुद्ध बुद्धि') भी कहा जाता है। बहमन का संबंध गायों की रक्षा, पशुप्रेम, शाकाहार, और पवित्र जीवनशैली से है।

🗓� बहमन महीना, पारसी कैलेंडर के अनुसार, साल के ग्यारहवें महीने के रूप में आता है। इसमें आने वाला बहमन दिवस (बहमन माह का दूसरा दिन) विशेष रूप से पूज्य होता है।

🛕 धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
🌼 बहमन महीना, आत्म-शुद्धि, संयम और धर्म के अभ्यास का काल होता है। इस माह में पारसी लोग:

मांस, मदिरा और अन्य तमसिक वस्तुओं का त्याग करते हैं

प्रकृति की सेवा करते हैं

पशु-पक्षियों की रक्षा करते हैं

अन्न का दान और परोपकार करते हैं

अग्नि मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएँ करते हैं

🔥 अग्नि (Atash), पारसी धर्म का पवित्र तत्व है। बहमन माह में अग्नि को और भी अधिक श्रद्धा से पूजा जाता है।

🧘�♂️ भक्ति और आत्म-संयम का पर्व
बहमन महीना केवल बाह्य आचरण का पर्व नहीं है, बल्कि यह एक आंतरिक साधना है। इसका मूल संदेश है:

🕊� "पवित्र विचार रखो, पवित्र वाणी बोलो, और पवित्र कर्म करो।"

यह महीना लोगों को यह सिखाता है कि यदि मन शुद्ध हो जाए, तो समाज भी सुधर सकता है। इसीलिए इसे "अच्छे विचारों का महीना" भी कहा जाता है।

🐄 गौ-रक्षा और पर्यावरण संरक्षण
🐄 बहमन अमशास्पंद का संबंध गायों और अन्य घरेलू पशुओं से है। इस माह में पारसी समुदाय विशेष रूप से:

गायों की सेवा करते हैं

उन्हें चारा, पानी और देखभाल प्रदान करते हैं

मांस का त्याग कर शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं

🌿 यह एक प्रकार से पारिस्थितिकी संतुलन और पशु अधिकारों के समर्थन का रूप भी है। आज के युग में, जब पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है, बहमन माह का यह संदेश अत्यंत प्रासंगिक है।

🖼� प्रतीक, चित्र और भावना
📸 पारसी संस्कृति में बहमन महीना इन प्रतीकों से जुड़ा होता है:

प्रतीक   अर्थ
🐂 गाय   जीवनदायिनी, करुणा का प्रतीक
🔥 अग्नि   शुद्धि और प्रकाश
🕊� श्वेत कपड़े   पवित्रता और संयम
🌿 हरा पौधा   प्रकृति का आदर
🕯� दीपक   आत्मिक ज्ञान

🖌� चित्रों में पारसी श्रद्धालु अग्नि मंदिर में प्रार्थना करते हुए, सफेद वस्त्रों में शांत मुद्रा में दिखाई देते हैं। बच्चे पशु-पक्षियों को दाना डालते हैं, महिलाएं गायों को गुड़-चना खिला रही होती हैं – ये दृश्य इस माह की करुणा और सेवा भावना को दर्शाते हैं।

📚 उदाहरण के साथ बहमन माह का प्रभाव
🧒 उदाहरण: मुंबई में पारसी कॉलोनी के युवा हर वर्ष बहमन महीना आते ही एक "गो-सेवा सप्ताह" आयोजित करते हैं। इसमें वे स्थानीय गौशाला में गायों की सेवा, पशु चिकित्सा सहायता और गोशाला की सफाई का कार्य करते हैं।

🌿 पर्यावरण मित्र कार्यक्रम: कई पारसी संस्थाएँ इस माह वृक्षारोपण, नदियों की सफाई, और कचरा प्रबंधन के कार्यक्रम भी आयोजित करती हैं – यह दर्शाता है कि धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि प्रकृति की सेवा भी है।

🕯� समकालीन संदर्भ में बहमन महीना
आज के भौतिकवादी और हिंसक समाज में बहमन महीना हमें संयम, करुणा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश देता है:

✔️ शुद्ध भोजन – हेल्दी जीवनशैली
✔️ प्रकृति प्रेम – पर्यावरण सुरक्षा
✔️ पशु संरक्षण – करुणा और संवेदना
✔️ ध्यान और आत्मचिंतन – मानसिक संतुलन

🌟 निष्कर्ष
पारसी बहमन महीना केवल धार्मिक आस्था का समय नहीं है, यह एक सांस्कृतिक चेतना, प्रकृति से सामंजस्य, और मानवता के प्रति करुणा का महान उत्सव है। यह हमें सिखाता है कि यदि हम "अच्छे विचार, अच्छे शब्द और अच्छे कर्म" के सिद्धांत पर चलें, तो समाज में शांति, प्रेम और सह-अस्तित्व संभव है।

🙏

"हम सब एक ही ब्रह्मांड के अंग हैं – प्रकृति, पशु, और मानव – सभी का सम्मान करें।"

✨ भावनात्मक समर्पण में बहमन महीना:
📿 सेवा ही धर्म है
🌿 प्रकृति ही पूजा है
🐄 प्राणीमात्र ही परिजन हैं
🔥 अंतर्मन की अग्नि को शुद्ध करें

--अतुल परब
--दिनांक-11.06.2025-बुधवार.
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