📝 कविता शीर्षक: "संकष्ट हरता श्री गणेशा"

Started by Atul Kaviraje, June 15, 2025, 10:35:59 AM

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Atul Kaviraje

🙏📿 संकष्ट चतुर्थी – एक भक्तिभावपूर्ण हिंदी कविता
📅 तारीख: 14 जून 2025 – शनिवार
🪔 विषय: संकट हरने वाले श्री गणेश को समर्पित
🧘�♀️ भाव: आस्था, संकटमोचन कृपा, सरल जीवन संदेश
🎨 विशेष: 7 चरणों की तुकबंदी कविता | प्रत्येक पद का अर्थ | प्रतीक, चित्र, इमोजी सहित

📝 कविता शीर्षक: "संकष्ट हरता श्री गणेशा"

चरण 1
वक्रतुंड महाकाय, भक्तों के रक्षक।
ज्ञानदायक, सुखदाता, संकट के भक्षक।
मोदकप्रिय विनायक, शुभ दिन के साज।
चतुर्थी पर सुन लो, भक्तों की आज। 🙏🐘

👉 अर्थ: हे वक्रतुंड महाकाय श्री गणेश, आप ज्ञान और सुख देने वाले हैं। चतुर्थी के इस दिन हम आपको पुकारते हैं, कृपया हमारी रक्षा करें।

चरण 2
चतुर्थी का दिन है, उपवास हम करते।
संकटों को हरने, मन से जपते रहते।
ध्यान लगाते प्रभु पर, हाथ जोड़ निवेदन।
हे गणपति बाप्पा, दूर करो विषादन। 🪔🍃

👉 अर्थ: संकष्ट चतुर्थी के दिन हम उपवास रखकर श्री गणेश का ध्यान करते हैं और उनसे हर संकट से रक्षा की प्रार्थना करते हैं।

चरण 3
माता पार्वती के लाल, शिवशंभु के प्यारे।
दूर्वा, लड्डू, आरती, करते हम सारे।
गजमुख से झलके तेज, करुणा का सागर।
भक्तों के जीवन में, बनो सुख के प्रहर। 🌺🕯�

👉 अर्थ: माता पार्वती और शिवजी के पुत्र श्री गणेश, आप करुणा के सागर हैं। आपकी पूजा से जीवन में आनंद और रक्षा का अनुभव होता है।

चरण 4
मूषक वाहन साथ, मस्तक पर तिलक।
कर में परशु और अंकुश, बनो जीवन श्लोक।
बाधाएँ हटाओ सारी, करो कृपा विशाल।
संकष्ट की इस रात को, बनाओ खुशहाल। 🐭🛕🌙

👉 अर्थ: अपने वाहन मूषक के साथ, श्री गणेश रात्रि के अंधकार में भी प्रकाश फैलाते हैं। वे संकटों को हटाकर जीवन में सुख लाते हैं।

चरण 5
बाल रूप में आए, पर बुद्धि से भारी।
सृष्टि की हर रचना में, गणेश की सवारी।
अक्षर ज्ञान से लेकर, विवाह तक साथी।
हर प्रारंभ के रक्षक, पूज्य सदा स्वार्थी। 📚💍🧠

👉 अर्थ: श्री गणेश हर कार्य की शुरुआत में पूजे जाते हैं, चाहे शिक्षा हो या विवाह, वे जीवन के हर मोड़ पर साथ निभाते हैं।

चरण 6
संकष्ट का अर्थ जो जाने, वो ही सफल व्रती।
सत्य, श्रद्धा और प्रेम से, हो चतुर्थी प्रति।
गणपति की कृपा सदा, जिस घर में वास।
वहां न हो कोई पीड़ा, न हो कोई त्रास। 🏠🌼

👉 अर्थ: जो संकष्ट चतुर्थी को श्रद्धा और प्रेम से मानते हैं, उनके जीवन में सुख और गणेश जी का वास होता है।

चरण 7
आओ गणपति को मनाएं, दीप जलाएं हम।
संकट को करें विदा, नवप्रभा लाएं हम।
हर चतुर्थी को मानें, जैसे पर्व महान।
भक्ति, शांति, आनंद से भर जाए जहान। 🕯�✨🌍

👉 अर्थ: आइए इस चतुर्थी पर हम गणपति को नमन करें, दीप जलाएं और अपने जीवन से सभी संकटों को दूर करें।

🎯 संक्षिप्त सार (Short Meaning):
संकष्ट चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित वह दिन है जब भक्त अपने समर्पण, उपवास और जप से जीवन के संकटों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। यह दिन आस्था, संयम, और सकारात्मकता का प्रतीक है। 🙏

🖼� चित्रात्मक प्रतीक और इमोजी
🐘 – गणेश जी का मुख

🪔 – दीपक

🐭 – मूषक वाहन

🌙 – चतुर्थी की रात्रि

📿 – जपमाला

🍥 – मोदक

🌸 – पूजा के फूल

🛕 – गणेश मंदिर

📜 निष्कर्ष
संकष्ट चतुर्थी केवल व्रत नहीं, बल्कि आत्मा का शुद्धिकरण है। यह दिन हमें सिखाता है कि संकटों से डरना नहीं, बल्कि श्री गणेश का स्मरण कर, उन्हें मात देना चाहिए।

🌼 "विघ्नहर्ता से जो जुड़े, संकट जीवन से खुद छूटे।"

🙏 गणपति बाप्पा मोरया! मंगलमूर्ति मोरया!

--अतुल परब
--दिनांक-14.06.2025-शनिवार.
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