🕉️ तुळजा भवानी भवानी शंकर मंदिर स्थापना दिवस – १६ जून २०२५-

Started by Atul Kaviraje, June 17, 2025, 10:45:19 AM

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Atul Kaviraje

🌺 तुळजा भवानी - भवानी शंकर मंदिर स्थापना दिवस 🌺-
दिनांक: १६ जून २०२५
(Tulja Bhavani – Bhavani Shankar Mandir Vardhapan Diwas)

🕉� तुळजा भवानी भवानी शंकर मंदिर स्थापना दिवस – १६ जून २०२५
👉 यह लेख १६ जून २०२५ को मनाए जाने वाले तुळजा भवानी – भवानी शंकर मंदिर के वर्धापन (स्थापना) दिवस पर आधारित है। इसमें भक्तिभाव, इतिहास, धार्मिक महत्व और सांकेतिक तत्वों को समाहित किया गया है।

📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
तुळजा भवानी मंदिर महाराष्ट्र के उस्मानाबाद ज़िले के तुळजापूर में स्थित है। यह मंदिर देवी भवानी को समर्पित है और इसे महाराष्ट्र के साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।

इसका इतिहास १२वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब यादव वंश के एक राजा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया।

छत्रपति शिवाजी महाराज इस मंदिर के परम भक्त माने जाते हैं। मान्यता है कि देवी ने उन्हें भवानी तलवार प्रदान की थी, जिसने उन्हें स्वराज्य स्थापना की प्रेरणा दी।

🛕 मंदिर की रचना और महत्व:
यह मंदिर हेमाडपंथी स्थापत्यशैली में निर्मित है। गर्भगृह में काले पत्थर की आठ भुजाओं वाली मूर्ति स्थापित है, जिसमें हर हाथ में एक शस्त्र है।

यह मूर्ति स्वयंभू (स्वतः प्रकट) मानी जाती है।

मंदिर परिसर में गोपाळकुंड, अमृतकुंड और गोंमुख तीर्थ जैसे पवित्र जलस्रोत हैं, जहां श्रद्धालु स्नान कर शुद्धता प्राप्त करते हैं।

📅 स्थापना दिवस का महत्व:
वर्धापन दिवस यानी मंदिर की स्थापना या पुनर्निर्माण की स्मृति में मनाया जाने वाला पावन दिन।

इस दिन:

विशेष पूजन विधि,

महाआरती,

महाप्रसाद,

और भक्ति कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित होकर देवी के चरणों में प्रणाम करते हैं, आशीर्वाद लेते हैं।

यह दिन श्रद्धा, समर्पण और एकता का प्रतीक बन जाता है।

🙏 भक्तिभाव और धार्मिक महत्व:
भक्तजन परिवार सहित मंदिर पहुँचते हैं।

मनोकामनाएं देवी के चरणों में अर्पित करते हैं।

भजन, कीर्तन, आरती आदि से मंदिर गूंज उठता है।

यह दिन आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनता है।

🎨 प्रतीक और इमोजी:
प्रतीक   अर्थ
🕉�   आध्यात्मिकता और भक्ति
🙏   नमन और श्रद्धा
🛕   मंदिर का रूप
🌺   पूजा और पुष्प अर्पण
🔱   देवी की शक्ति और शस्त्र

📸 चित्र प्रस्तावना:
(यहाँ मंदिर, देवी भवानी की मूर्ति, पूजा विधि, और भक्तों की भीड़ के चित्र हो सकते हैं।)

📝 निष्कर्ष:
तुळजा भवानी – भवानी शंकर मंदिर का स्थापना दिवस एक पवित्र, श्रद्धापूर्ण और ऐक्यदर्शक अवसर है।

इस दिन:

भक्तजन देवी की कृपा से जीवन के कष्ट दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

धर्म, संस्कृति और समर्पण की भावना से एकत्र होते हैं।

यह दिवस हमें सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिकता का बोध कराता है।

🌼 जय भवानी! 🙏🌸

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-16.06.2025-सोमवार.
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