🚩 सरसेनापति संताजी घोरपडे पुण्यदिन-"शौर्य की अमिट छाया – संताजी"

Started by Atul Kaviraje, June 19, 2025, 10:53:29 AM

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Atul Kaviraje

📅 दिनांक: 18 जून 2025 – बुधवार
🚩 सरसेनापति संताजी घोरपडे पुण्यदिन विशेष
🛡� एक अर्थपूर्ण, भक्तिभावपूर्ण दीर्घ हिंदी कविता
📝 7 चरण | 4 पंक्तियाँ प्रति चरण | सरल तुकबंदी | प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ | प्रतीक, चित्र, भाव और सम्मान सहित

🏹 कविता शीर्षक: "शौर्य की अमिट छाया – संताजी"

🔰 1. चरण
शिवाजी के सच्चे सेनापति, रण में जो लड़े वीर,
शत्रु दलों में डर समाया, जब निकले उनकी तीर।
धोखे और संकट में भी, झुके नहीं संताजीराव,
मराठा अभिमान बने, जयजयकार हो उनका भाव। ⚔️🛡�

🔸 अर्थ: संताजी घोरपड़े शिवाजी महाराज के विश्वस्त सेनापति थे। वे रणभूमि में दुश्मनों में भय उत्पन्न करते थे और कभी हार नहीं मानी।

🏇 2. चरण
घोड़े पर चढ़ वीर चलें, बिजली सा वे दौड़े,
हर किले, हर पर्वत पर, दुश्मनों के छक्के छोड़े।
रणनीति की मिसाल बने, चपल चालों के धनी,
शिवराय की सेना में, संताजी थे उज्ज्वल रत्न जनी। 🐎⚡

🔸 अर्थ: वे असाधारण गति, योजना और रणनीति से लड़ते थे। उनकी तेज़ी और चपलता उनके युद्ध कौशल को अद्वितीय बनाती थी।

🛡� 3. चरण
धर्म, स्वराज्य, मराठा मान – यही उनका ध्येय,
हर लड़ाई में दिखाया साहस और श्रद्धा का गेह।
छोटे बल से जीते रण, बल नहीं बुद्धि दिखाई,
मराठा ध्वज लहराया, विजय की रेखा खींच पाई। 🚩🧠

🔸 अर्थ: संताजी ने केवल ताकत से नहीं, बुद्धि से भी युद्ध जीतकर मराठा राज्य का गौरव बढ़ाया।

🏞� 4. चरण
गर्मी, वर्षा, अंधेरे में भी न रुके उनका अभियान,
हर युद्ध में आगे रहे, यह था उनका स्वाभिमान।
मुगलों को कई बार उन्होंने दिखाया युद्ध कौशल,
दुश्मनों को छोड़ना पड़ा मैदान, सह गए वे विफल। 🌩�🌧�

🔸 अर्थ: उन्होंने हर परिस्थिति में, चाहे वह कठिन मौसम हो या कम संसाधन, वीरता से लड़ाई लड़ी और मुगलों को हराया।

🔥 5. चरण
निज जीवन का अर्पण किया, स्वराज्य की रचना में,
त्याग और बलिदान बने, इतिहास की वंदना में।
आज भी गूंजता नाम, रणबाँकुरों में तेजस्वी,
संताजी की कथा अमर, बने इतिहास का हिस्सा रसभी। 📜🔥

🔸 अर्थ: संताजी घोरपड़े ने अपना सम्पूर्ण जीवन स्वराज्य के लिए समर्पित किया और उनका बलिदान आज भी अमर है।

🌄 6. चरण
आज पुण्यदिन पर हम करें स्मरण, श्रद्धा से भर मन,
वीरों की इस धरती पर, संताजी जैसा ना कोई जन।
नमन उन्हें जो रण के फूल, विजय पताका बन गए,
इतिहास ने जिनकी गाथा को अमर गीत बना कहे। 🙏🌼

🔸 अर्थ: इस पुण्यतिथि पर हम उनका श्रद्धाभाव से स्मरण करते हैं, जिन्होंने वीरता और त्याग से मराठा इतिहास को गौरवमयी बनाया।

🌟 7. चरण
कृपा करें संताजी हम पर, साहस, विवेक दे जीवन में,
हर संघर्ष में उनकी छाया, दे जय की प्रेरणा हर क्षण में।
युवाओं में जगे फिर से, देशभक्ति का उजियारा,
घोरपडे जैसे वीरों से, बने भारत पुनः सितारा। 🇮🇳✨

🔸 अर्थ: संताजी घोरपड़े की प्रेरणा से हम सबमें राष्ट्रभक्ति, साहस और विवेक की ज्योति फिर से जागे।

🎨 चित्र कल्पना / Visual Imagination
📸 कल्पना कीजिए:

एक विशाल रणभूमि में घोड़े पर सवार संताजी घोरपड़े

हवा में लहराता भगवा ध्वज

वीरों की गूंज और युद्ध की हुंकार

चारों ओर भक्तों की वंदना 🙏🛡�🐎🚩

📘 संक्षिप्त संदेश / सारांश
सरसेनापति संताजी घोरपडे एक ऐसे अद्वितीय योद्धा थे, जिनकी वीरता, चातुर्य और समर्पण से मराठा साम्राज्य ने इतिहास में अमिट स्थान पाया।
उनकी पुण्यतिथि हमें यह स्मरण दिलाती है कि देश और धर्म की रक्षा केवल शस्त्र से नहीं, बल्कि साहस, समर्पण और चरित्र से भी होती है।

📜 जय भवानी! जय शिवाजी! जय संताजी!
📅 18 जून – संताजी घोरपडे पुण्यस्मरण दिवस
🚩 #SantajiGhorpade #MarathaGlory #Swabhimaan #Swarajya
🌺 नमन वीर संताजी घोरपड़े को!

--अतुल परब
--दिनांक-18.06.2025-बुधवार.
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