"राजमाता जीजाऊसाहेब भोसले को श्रद्धांजलि"

Started by Atul Kaviraje, June 21, 2025, 11:31:46 AM

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Atul Kaviraje

🙏 भावभरी हिंदी कविता: "राजमाता जीजाऊसाहेब भोसले को श्रद्धांजलि"

📅 तिथि – 20 जून, शुक्रवार (पुण्यतिथि अनुसार)
🪔 विषय – माँ, मातृभूमि और मराठा स्वाभिमान की प्रेरणा
🎨 रचना विशेषता – 7 चरण (प्रत्येक में 4 पंक्तियाँ), सरल तुकबंदी, भक्ति और गर्व से ओतप्रोत, साथ में अर्थ और प्रतीक 🕊�⚔️🌺

🌺 चरण 1
राजमाता की गोद में, जन्मा था तेजस्वी दीप,
धर्म, शौर्य, नीति का, जिसमें था गहरा सीप।
शिवाजी को दी शिक्षा, निष्ठा-धैर्य का पाठ,
उनकी छाया बनी, जैसे माँ साक्षात।

🔸 अर्थ: जीजाऊसाहेब ने शिवाजी महाराज को केवल जन्म ही नहीं दिया, बल्कि उन्हें धर्म, साहस और कर्तव्य की शिक्षा देकर महान राजा बनाया।
📷: 👑🕊�👩�👦🔥

⚔️ चरण 2
नारी होकर भी बनी, मर्यादा की ढाल,
रणनीति में थीं प्रवीण, बुद्धि में बेमिसाल।
किले की प्राचीरों में, गूंजा उनका स्वर,
"धर्म रक्षा हेतु, उठे शिवबा का शौर्य!"

🔸 अर्थ: उन्होंने मर्यादा, रणनीति और धर्म के पालन में अपना योगदान देकर माँ के साथ-साथ एक राजनीतिज्ञ की भूमिका निभाई।
📷: 🏰🛡�📜🗣�

🪔 चरण 3
सिंधखेड की माटी ने, जन्मा ऐसा रत्न,
जननी बन वह कहलाई, मराठा वंश की कांति।
त्याग, तपस्या, श्रम से, साकार किया स्वप्न,
राज्य नहीं, स्वराज्य था उनका अंतिम प्रण।

🔸 अर्थ: सिंधखेड से जन्मी जीजाबाई ने स्वराज्य का सपना देखा और उसे शिवाजी के माध्यम से साकार किया।
📷: 🌄💫👣🔥

🕊� चरण 4
धर्म संकट के क्षणों में, बनीं प्रकाश पुंज,
हर निर्णय में दिखा उनका, दृढ़ सोच और बूँज।
राज्य नहीं, धर्मराज्य था, उनका संकल्प,
हर माँ के लिए बनीं वो, प्रेरणा का स्तंभ।

🔸 अर्थ: जीजाऊसाहेब केवल राजनीति की ज्ञाता नहीं थीं, बल्कि हर माँ के लिए एक आदर्श थीं, जिनकी सोच दूरदर्शी थी।
📷: 📿📖🌟👩�👦

🌸 चरण 5
शिवनेरी की हवाओं में, उनकी छाया गूंजे,
शिवबाचा हर निर्णय, माँ के संस्कार बूझे।
शत्रुओं की आँखों में भी, था उनके लिए सम्मान,
क्योंकि उनके जीवन में था, नारी का असाधारण मान।

🔸 अर्थ: उनका चरित्र इतना उच्च था कि शत्रु भी उनका सम्मान करते थे। उन्होंने शिवाजी को सही निर्णय लेना सिखाया।
📷: 🏞�🕊�🧠💪

🌟 चरण 6
पुण्यतिथि के इस दिन, करें नमन हम साथ,
उनकी शिक्षा से ही, बना शिवाजी महान।
हर स्त्री में बसी, एक जीजाऊ की शक्ति,
जिसमें हो मातृत्व, नीति और भक्ति।

🔸 अर्थ: इस दिन हम जीजाऊ को नमन करते हैं और हर नारी में उनकी शक्ति को पहचानते हैं।
📷: 🌺🛕🧎�♀️⚡

🕯� चरण 7
राजमाता की पूजा, केवल शब्दों से नहीं,
उनके जीवन को समझना, है असली श्रद्धांजलि यही।
शिवबा की तलवार में, माँ के संस्कार थे,
हर स्वराज्य के बीज में, माँ के विचार थे।

🔸 अर्थ: राजमाता का सम्मान केवल स्मरण नहीं, बल्कि उनके विचारों को अपनाने में है — वही सच्ची श्रद्धांजलि है।
📷: 🕯�📜⚔️💖

📜 अंतिम समर्पण: दो पंक्तियाँ
"माँ की गोद में पला स्वराज्य का सपना,
राजमाता जीजाऊ, तुम हो हर युग की रचना!"

🌺 प्रतीक और चित्रात्मक संकेत
👑 – मातृशक्ति की गरिमा
🕊� – शांति और धैर्य
⚔️ – शौर्य और संकल्प
🌄 – स्वराज्य का उदय
📿 – धर्म और आस्था
🧎�♀️ – नमन और समर्पण

--अतुल परब
--दिनांक-20.06.2025-शुक्रवार.
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