🌺 भागवत एकादशी 📅 तारीख: 22 जून 2025 – रविवार-

Started by Atul Kaviraje, June 23, 2025, 09:51:56 AM

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Atul Kaviraje

भागवत एकादशी-

यह रहा एक सुंदर, भक्ति-भावपूर्ण और विस्तृत हिंदी लेख — "भागवत एकादशी" के विषय पर, दिनांक 22 जून, रविवार को मनाई जाने वाली इस एकादशी का महत्व, उदाहरन, प्रतीक (symbols), चित्रों की कल्पना और भावनात्मक विवेचन के साथ।

🌺 भागवत एकादशी
📅 तारीख: 22 जून 2025 – रविवार
🔱 व्रत और उपासना का विशेष दिन

✨ 1. एकादशी का सामान्य परिचय
एकादशी हर महीने में दो बार आती है — शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को।
भागवत एकादशी, विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन व्रत, जप, ध्यान और श्री हरि की आराधना से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।

🪔 "एकादशी व्रत से मन और आत्मा शुद्ध होती है।"

📖 2. भागवत एकादशी का धार्मिक महत्व
यह एकादशी आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की होती है। इसे शयन एकादशी, देवशयनी एकादशी भी कहा जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं — जिसे "चातुर्मास" कहते हैं। इस दौरान विवाह, शुभ कार्य वर्जित रहते हैं।

🔔 "यह दिन भगवान के शयन का, आत्मा के जागरण का होता है।"

💫 3. व्रत करने की विधि
एक दिन पूर्व (दशमी) से ही सात्विक भोजन लें।

एकादशी पर उपवास रखें (फलाहार / निर्जल)।

श्री विष्णु की प्रतिमा को पीले वस्त्र, तुलसी-दल, पीले फूल चढ़ाएं।

"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करें।

🧘�♀️ "व्रत तन की तपस्या नहीं, आत्मा की पूजा है।"

📜 4. पुराणों में भागवत एकादशी
पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भागवत एकादशी का विस्तार से वर्णन है।
राजा हरिश्चंद्र, राजा अम्बरीष और व्रत की रक्षा हेतु भगवान द्वारा सुदर्शन चक्र चलाना — ये प्रसंग इस एकादशी की शक्ति को दर्शाते हैं।

📚 "हरि व्रत रक्षा करते हैं – जब भाव शुद्ध हो।"

🌿 5. तुलसी का विशेष महत्व
तुलसी माता को श्री हरि की प्रिया कहा गया है। एकादशी पर तुलसी-दल अर्पण करने से व्रत पूर्ण माना जाता है।
तुलसी के बिना न पूजन पूर्ण होता है, न भक्ति।

🌿 "तुलसी के बिना हरि को भोग भी नहीं लगता।"

🎨 6. प्रतीक (Symbols) और चित्र कल्पना (Visual Imagination)
✨ प्रतीक   📜 अर्थ
🌙 चंद्रमा   समय चक्र, एकादशी तिथि
🪔 दीपक   ज्ञान और भक्ति का प्रकाश
🌿 तुलसी   शुद्धता और विष्णु भक्ति
🛏� शयनासन   विष्णु का योगनिद्रा प्रवेश
🔱 शंख-चक्र   श्री हरि का दिव्य तेज
📿 जप माला   ध्यान और साधना

🙏 7. इस दिन क्या करें, क्या न करें
करें:

व्रत, जप, भजन-कीर्तन, श्रीमद्भागवत पाठ

जरूरतमंदों को दान

न करें:

अनाज, तामसिक भोजन

क्रोध, कलह, व्यर्थ वाणी

⛔ "वाणी में विष्णु हो — यही असली उपवास है।"

🕉� 8. भागवत एकादशी का संदेश (संकल्प और विचार)
🌟 इस एकादशी पर संकल्प लें:

अपने जीवन को अधिक सात्विक बनाने का

नियमित रूप से भक्ति करने का

कर्मों में ईमानदारी और सेवा भावना रखने का

💬 "हर एकादशी आत्मा के सफर का एक पड़ाव है।"

💖 9. जीवन में प्रभाव और लाभ
मानसिक शांति

कर्मों का परिशोधन

आध्यात्मिक उन्नति

मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसरता

🌈 "एकादशी न केवल व्रत है, यह भीतर की यात्रा है।"

📌 10. निष्कर्ष (समापन विचार)
भागवत एकादशी हमें अपने भीतर के अंधकार को दूर कर प्रभु के प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है।
इस दिन का प्रत्येक क्षण — ध्यान, सेवा और श्रद्धा में बिताना चाहिए।

🎉 "22 जून 2025, रविवार — आइए, इस भागवत एकादशी को पवित्र भाव से मनाएं।"

🌺 अंतिम शुभकामना:
🪔 "भागवत एकादशी की आपको एवं आपके परिवार को मंगलमयी शुभकामनाएं!"
🌼 श्री हरि की कृपा सदा आप पर बनी रहे।

🙏 जय श्री विष्णु! 🙏
🔔 हरि ॐ! 🔔

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-22.06.2025-रविवार.
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