🌺 संत निवृत्तीनाथ पुण्यतिथि-त्र्यंबकेश्वर-📅 तिथि: 22 जून 2025 – रविवार-

Started by Atul Kaviraje, June 23, 2025, 09:52:54 AM

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Atul Kaviraje

संत निवृत्तीनाथ पुण्यतिथी-त्र्यंबकेश्वर-

यह रहा 22 जून, रविवार को मनाई जाने वाली संत निवृत्तीनाथ पुण्यतिथी (त्र्यंबकेश्वर) पर आधारित एक भावपूर्ण, विचारप्रधान और विस्तृत हिंदी लेख, भक्ति, प्रतीक, उदाहरण, और भावनात्मक विवेचन के साथ — 10 प्रमुख बिंदुओं में।

🌺 संत निवृत्तीनाथ पुण्यतिथि
📅 तिथि: 22 जून 2025 – रविवार
📍 स्थान: त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र
🔱 अवसर: महान संत निवृत्तीनाथ की पुण्यतिथि

✨ 1. परिचय: संत निवृत्तीनाथ कौन थे?
संत निवृत्तीनाथ, महान संत ज्ञानेश्वर (माउली) के ज्येष्ठ भ्राता व गुरु थे। वे नाथ संप्रदाय के महान योगी थे, जिन्होंने सांसारिक बंधनों से परे जाकर अध्यात्म, तपस्या और भक्ति के मार्ग को अपनाया।

🕉� "संत निवृत्तीनाथ – गुरु, योगी और आत्मज्ञान के प्रतीक।"

📜 2. त्र्यंबकेश्वर से जीवन का आरंभ
उनका जीवन त्र्यंबकेश्वर (नासिक) के पवित्र क्षेत्र में आध्यात्मिक उन्नयन के साथ प्रारंभ हुआ। उन्होंने वहीं नाथ पंथ की दीक्षा ली और कठोर तपस्या की।

🌄 त्र्यंबकेश्वर — जहाँ गंगा, गोदावरी और आत्मा की यात्रा मिलती है।

🌿 3. संत ज्ञानेश्वर के गुरु के रूप में
निवृत्तीनाथ ने अपने छोटे भाई संत ज्ञानेश्वर को केवल वेद-शास्त्र ही नहीं, बल्कि विवेक, करूणा और आत्मज्ञान का पाठ पढ़ाया। ज्ञानेश्वरी जैसी अमूल्य रचना इसी गुरुकृपा से जन्मी।

📖 "जहाँ गुरु निवृत्तीनाथ हों, वहाँ ज्ञान अमर होता है।"

🔱 4. भक्ति और वैराग्य का समन्वय
उनका जीवन संयम, साधना और सेवा का प्रतीक रहा। उन्होंने लोकहित में अपना जीवन अर्पित किया लेकिन भीतर पूर्ण वैराग्य और ईश्वर के प्रति भक्ति का भाव था।

🔥 "त्याग से तप बनता है और भक्ति से ब्रह्मदर्शन।"

🪔 5. पुण्यतिथि का महत्व
22 जून को उनकी पुण्यतिथि त्र्यंबकेश्वर में भव्यता से मनाई जाती है। संतों की पालखी, अभिषेक, भजन, कीर्तन, ध्यान आदि के माध्यम से संत का स्मरण किया जाता है।

🔔 "संत की पुण्यतिथि — आत्मा के लिए नवप्रेरणा का दिवस।"

📚 6. उदाहरण और प्रसंग
ज्ञानेश्वर समाधि पूर्व: ज्ञानेश्वर माउली की समाधि यात्रा में निवृत्तीनाथ ने उन्हें शुभ आशीर्वाद दिया।

जीवन समर्पण: वे हिमालय की ओर निकल पड़े और त्र्यंबकेश्वर में समाधि ली।

🕊� "मौन समाधि भी उनकी वाणी थी।"

🎨 7. प्रतीक और चित्र कल्पना
🌟 प्रतीक   📖 अर्थ
🔱 त्रिशूल   नाथ परंपरा और योगशक्ति
🕯� दीपक   ज्ञान और आंतरिक प्रकाश
🧘�♂️ योग मुद्रा   ध्यान और समाधि
📿 माला   भक्ति और तप
🌄 पर्वत   तपस्या, निर्लिप्तता
📖 पोथी   अध्यात्म और गुरुज्ञान

🧘 8. क्या करें इस दिन
त्र्यंबकेश्वर या घर में संत निवृत्तीनाथ का स्मरण करें

ज्ञानेश्वरी का पाठ, कीर्तन, ध्यान

व्रत रखें, फलाहार करें

वृद्धों, साधुओं या जरूरतमंदों को दान दें

🌼 "इस दिन सेवा और साधना का संकल्प लें।"

💬 9. संदेश और प्रेरणा
संत निवृत्तीनाथ हमें सिखाते हैं कि सच्ची गुरुता मौन में होती है, और सच्चा भक्ति मार्ग त्याग से सजता है। उनका जीवन हर आत्मा के लिए पथदर्शक है।

🌺 "गुरु निवृत्तीनाथ – तप, भक्ति और ज्ञान का संगम।"

📌 10. निष्कर्ष: क्यों मनाएं पुण्यतिथि?
पुण्यतिथियाँ केवल तिथियाँ नहीं होतीं, वे आत्मिक उत्सव होती हैं।
संत निवृत्तीनाथ की पुण्यतिथि — उनके योगदान को सम्मान देने और अपने जीवन में गंभीरता, साधना और सेवा का समावेश करने का अवसर है।

🌸 22 जून 2025 – आइए, संत निवृत्तीनाथ को श्रद्धा से स्मरण करें।

🙏 अंतिम शुभकामना:
🕯� "संत निवृत्तीनाथ की पुण्यस्मृति आपको आध्यात्मिक बल दे, जीवन को दिव्यता से भर दे।"
🔱 हरिओम तत्सत। जय संत निवृत्तीनाथ!

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-22.06.2025-रविवार.
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