हिजरी १४४७: नव वर्ष का शुभ आरंभ - एक भक्तिमय काव्य 🌙🕌🌙🕌📜✨🕋🚢🌱🙏🥳

Started by Atul Kaviraje, June 28, 2025, 10:55:10 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

हिजरी १४४७: नव वर्ष का शुभ आरंभ - एक भक्तिमय काव्य 🌙🕌

आज, २७ जून, २०२५, शुक्रवार, का दिन अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ एक और जुम्मा नहीं, बल्कि इस्लामी कैलेंडर के अनुसार हिजरी सन १४४७ का शुभ आरंभ है। यह दिन चिंतन, प्रार्थना और नए संकल्पों का संगम लेकर आया है। इस पावन अवसर पर, प्रस्तुत है एक भक्तिपूर्ण हिंदी कविता:

हिजरी नव वर्ष का आगमन 📜✨

१. शुक्रवार की पवित्रता 🕌
आज जुम्मे का दिन है आया, बरकत संग है छाया।
नया साल हिजरी का, देखो, अब है पास बुलाया।
खुशियों की सौगातें लेकर, हर दिल को है भाया,
अल्लाह का रहमत का सागर, हम सब पर लहराया।
अर्थ: आज शुक्रवार का पवित्र दिन आया है, जो अपने साथ आशीर्वाद लेकर आया है। देखो, हिजरी का नया साल अब पास आ गया है। यह अपने साथ खुशियों की सौगात लेकर आया है और हर दिल को भाया है, अल्लाह की रहमत का सागर हम सब पर लहरा रहा है।

२. हिजरत की कहानी 🕋
मोहम्मद पैगंबर की हिजरत, याद दिलाता ये दिन,
मक्का से मदीना का सफर, था जो संघर्ष से भिन्न।
इस्लाम की नींव यहाँ से, मजबूत हुई हर पल,
सत्य और न्याय की राह पर, बढ़ता जाए हर कल।
अर्थ: यह दिन पैगंबर मोहम्मद की हिजरत (प्रवास) की याद दिलाता है, जो मक्का से मदीना का एक संघर्षपूर्ण सफर था। इसी प्रवास से इस्लाम की नींव हर पल मजबूत हुई, और सत्य व न्याय के मार्ग पर हर आने वाला कल आगे बढ़ता गया।

३. मुहर्रम की महक 🌙
मुहर्रम का चाँद ये निकला, शांति का पैगाम,
अल्लाह की इबादत में डूबे, हर सुबह और शाम।
अशरफ की ये यादें लेकर, करता हमको सलाम,
पुण्य कमाओ इस महीने में, छोड़ो सब बद-नाम।
अर्थ: मुहर्रम का यह चाँद शांति का संदेश लेकर निकला है। अल्लाह की इबादत में हर सुबह और शाम डूब जाओ। यह महीना हमें शहीदों की याद दिलाता है और सलाम करता है। इस महीने में पुण्य कमाओ और सभी बुरे कामों को छोड़ दो।

४. आशूरा का महत्व 🚢
नूह की किश्ती बची थी, मूसा को मिली आज़ादी,
कर्बला की यादें भी हैं, इमाम हुसैन की कुर्बानी।
रोज़े रखो, दुआएँ माँगो, पावन ये है दिन,
इंसाफ और सच की खातिर, न झुकना कभी।
अर्थ: इसी महीने में पैगंबर नूह की नाव बची थी और पैगंबर मूसा को फिरौन से आज़ादी मिली थी। कर्बला और इमाम हुसैन की कुर्बानी की यादें भी जुड़ी हैं। रोज़े रखो, दुआएँ माँगो, यह पवित्र दिन है। इंसाफ और सच्चाई के लिए कभी मत झुको।

५. नए संकल्पों का दौर 🌱
पिछली सारी भूलें भुलाकर, लो अब नया संकल्प,
नेकी की राह पर चलना, जीवन का हो ये कल्प।
अल्लाह का नाम लेकर, करो अच्छे काम,
आशीर्वाद मिले तुम्हें हर पल, सुबह से लेकर शाम।
अर्थ: पिछली सारी गलतियों को भूलकर अब नया संकल्प लो। जीवन का यह उद्देश्य हो कि नेकी के मार्ग पर चलना है। अल्लाह का नाम लेकर अच्छे काम करो। तुम्हें हर पल, सुबह से शाम तक आशीर्वाद मिले।

६. प्रार्थना और सद्भाव 🙏
दुआओं में याद रखो सबको, छोटे बड़े और खास,
रौनक आए हर जीवन में, फैले प्रेम की आस।
भाईचारा और एकता, बना रहे हरदम,
मिलकर चलो, नेक राह पर, मिटेगा हर गम।
अर्थ: अपनी दुआओं में सभी को याद रखो, चाहे वे छोटे हों, बड़े हों या खास हों। हर जीवन में रौनक आए और प्रेम की आशा फैले। भाईचारा और एकता हमेशा बनी रहे। मिलकर नेक राह पर चलो, हर गम मिट जाएगा।

७. नव वर्ष की शुभकामनाएँ 🥳
हिजरी १४४७ की, हार्दिक शुभकामनाएँ,
जीवन में खुशियाँ भर दे, ऐसी हम करते कामनाएँ।
अल्लाह का करम बरसे, हर घर में हो शांति,
नव वर्ष मुबारक हो सबको, दूर हो हर भ्रांति।
अर्थ: हिजरी १४४७ की हार्दिक शुभकामनाएँ। हम कामना करते हैं कि यह वर्ष आपके जीवन में खुशियाँ भर दे। अल्लाह की कृपा बरसे और हर घर में शांति हो। सभी को नव वर्ष मुबारक हो, और हर भ्रम दूर हो।

इमोजी सारांश:
🌙🕌📜✨🕋🚢🌱🙏🥳

यह हिजरी नव वर्ष आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाए।

--अतुल परब
--दिनांक-27.06.2025-शुक्रवार.
===========================================