किसानों के लिए सब्सिडी पर अपराध:-29 जून 2025-

Started by Atul Kaviraje, June 29, 2025, 10:36:53 PM

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Atul Kaviraje

किसानों के लिए सब्सिडी पर अपराध:-

लोटे में सब्सिडी वाले यूरिया खाद के दुरुपयोग पर मामला दर्ज
29 जून 2025 को, रत्नागिरी जिले के लोटे एमआईडीसी क्षेत्र में सब्सिडी वाले यूरिया खाद के दुरुपयोग के आरोप में कृषि विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिससे खाद वितरण और उपयोग के नियमों पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है।

घटना का विवरण:

स्थान: रत्नागिरी जिले का लोटे एमआईडीसी (महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल) क्षेत्र।

दिनांक: 29 जून 2025।

मामला दर्ज: कृषि विभाग द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर स्थानीय पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) की संबंधित धाराओं के तहत सात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

क्या है मामला? केंद्र सरकार किसानों को सब्सिडी दरों पर यूरिया खाद उपलब्ध कराती है, ताकि कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद मिले और किसानों पर आर्थिक बोझ कम हो। हालांकि, लोटे में कुछ व्यक्तियों पर इस सब्सिडी वाले यूरिया खाद का इस्तेमाल खेती के बजाय औद्योगिक उद्देश्यों के लिए या काला बाजार में बेचने के लिए करने का संदेह है। कृषि विभाग को इस दुरुपयोग की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने तुरंत छापा मारकर यह कार्रवाई की।

जब्त किया गया स्टॉक: कार्रवाई के दौरान, बड़ी मात्रा में सब्सिडी वाले यूरिया खाद का स्टॉक जब्त किया गया है, जिसका उपयोग औद्योगिक या अन्य गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था। इस स्टॉक की कीमत लाखों रुपये में होने की संभावना है।

मुख्य आरोपी और जांच: जिन सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें कुछ स्थानीय व्यापारी और बिचौलिए (ब्रोकर्स) होने की संभावना है। पुलिस और कृषि विभाग इस मामले की आगे जांच कर रहे हैं, और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसमें और कौन शामिल है। यह भी जांच की जा रही है कि यह यूरिया खाद वास्तव में कहां से आया और किसे बेचा जा रहा था।

सब्सिडी वाली खाद का दुरुपयोग क्यों होता है?
कीमतों में अंतर: किसानों के लिए सब्सिडी दरों पर मिलने वाले यूरिया खाद की कीमत खुले बाजार या औद्योगिक उपयोग के लिए यूरिया से बहुत कम होती है। इस बड़े कीमत अंतर के कारण कुछ व्यक्ति वित्तीय लाभ के लिए इसका दुरुपयोग करते हैं।

औद्योगिक उपयोग: यूरिया खाद का उपयोग रासायनिक उद्योगों, प्लाईवुड निर्माण, रेजिन उद्योग और कुछ अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं में होता है। इसलिए, उद्योगों के लिए सस्ता यूरिया प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।

नियंत्रण का अभाव: खाद वितरण प्रणाली में कुछ स्थानों पर ढिलाई या नियंत्रण के अभाव के कारण, सब्सिडी वाली खाद किसानों तक पहुंचने के बजाय बिचौलियों के हाथों में पड़ जाती है और उसका दुरुपयोग होता है।

मुनाफाखोरी: काला बाजार में यूरिया बेचकर बड़ा मुनाफा कमाने का प्रयास किया जाता है।

इस कार्रवाई का महत्व:
लोटे में हुई इस कार्रवाई से यह पता चलता है कि कृषि विभाग और प्रशासन ने सब्सिडी वाली खाद के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी भूमिका अपनाई है। ऐसी कार्रवाइयां किसानों को समय पर और उचित दरों पर खाद मिलने में मदद करेंगी, साथ ही खाद के दुरुपयोग को रोककर देश की अर्थव्यवस्था पर सब्सिडी का बोझ कम करने में भी योगदान देंगी।

कृषि विभाग ने पहले भी ऐसी कई कार्रवाइयां की हैं और अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में भी इस पर नजर रखी जाएगी।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-29.06.2025-रविवार
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