ईरान-इज़रायल युद्ध के कारण भारत में सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स) और सेंधा नमक कीमते

Started by Atul Kaviraje, June 30, 2025, 02:59:57 PM

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Atul Kaviraje

सोमवार, 30 जून 2025-

ईरान-इज़रायल युद्ध के कारण भारत में सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स) और सेंधा नमक की कीमतें बढ़ीं

आज, सोमवार, 30 जून 2025 को, मध्य पूर्व में ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और विशेष रूप से भारत के आयात-निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है. इसके प्रत्यक्ष परिणाम स्वरूप भारत में सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स) और सेंधा नमक (Rock Salt) की थोक कीमतों में बड़ी वृद्धि हुई है.

कीमतों में वृद्धि के प्रमुख कारण:

आपूर्ति मार्गों में बाधा (Disruption in Supply Routes):

ईरान और इज़रायल के बीच संघर्ष ने होर्मुज़ जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) और लाल सागर (Red Sea) में शिपिंग मार्गों को बुरी तरह प्रभावित किया है. दुनिया का लगभग 20% तेल व्यापार होर्मुज़ जलडमरूमध्य से होता है, और लाल सागर मार्ग वैश्विक कंटेनर यातायात के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. हाउथी विद्रोहियों के हमलों के कारण जहाजों को अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप के माध्यम से लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है, जिससे माल ढुलाई लागत (freight charges) और समय दोनों बढ़ गए हैं.

भारत का पश्चिम एशियाई देशों, जिनमें ईरान भी शामिल है, के साथ बड़ा व्यापार है. यह संघर्ष इस व्यापार पर सीधा असर डाल रहा है.

आयात स्रोतों पर प्रभाव (Impact on Import Sources):

सूखे मेवे: भारत बड़ी मात्रा में सूखे मेवे अफगानिस्तान और ईरान से आयात करता है. अफगानिस्तान से आने वाले सूखे मेवे अक्सर पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुँचते हैं. ताजा संघर्ष (और भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव) के कारण इन मार्गों में बाधाएँ उत्पन्न हुई हैं, जिससे आवक बाधित हुई है. महाराष्ट्र टाइम्स जैसे समाचार पत्रों ने पहले ही अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते आने वाले सूखे मेवों की आपूर्ति पर प्रभाव पड़ने की खबर दी है.

सेंधा नमक: भारत को सेंधा नमक मुख्य रूप से पाकिस्तान (खेवरा खानों से) और ईरान से मिलता है. वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति के कारण पाकिस्तान से सेंधा नमक का आयात लगभग बंद हो गया है, और ईरान में संघर्ष के कारण वहाँ से भी आपूर्ति कम हो गई है. इससे बाजार में सेंधा नमक की उपलब्धता कम हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप कीमतें बढ़ गई हैं. टीव्ही9 मराठी जैसे मीडिया आउटलेट्स ने पहले पाकिस्तान से सेंधा नमक के आयात पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डाला है.

ईंधन की कीमतों में वृद्धि (Rise in Fuel Prices):

मध्य पूर्व में संघर्ष के कारण वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है. परिवहन लागत बढ़ने से सूखे मेवे और सेंधा नमक सहित कई अन्य वस्तुओं की कीमतों पर भी अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ रहा है.

फायबरटूफॅशन और एनडीटीव्ही प्रॉफिट जैसे मीडिया ने तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण पॉलिएस्टर, विस्कोस फाइबर और एफएमसीजी (FMCG) उत्पादों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी दी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि माल ढुलाई लागत बढ़ रही है.

भारतीय बाजार पर व्यापक प्रभाव:

केवल सूखे मेवे और सेंधा नमक ही नहीं, बल्कि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण भारत में पेट्रोलियम उत्पादों, प्लास्टिक, रसायनों और एफएमसीजी वस्तुओं जैसे कई उत्पादों की कीमतों पर भी दबाव बढ़ रहा है. इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं के दैनिक खर्चों पर पड़ रहा है. दैनिक लोकसत्ता और टीव्ही9 मराठी ने शेयर बाजार पर पड़ने वाले प्रभावों को भी नोट किया है.

इस मूल्य वृद्धि के कारण उपभोक्ताओं को अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हैं और व्यापारियों के मुनाफे पर भी असर पड़ रहा है.

भारतीय समाचार पत्रों के संदर्भ (References to Indian Newspapers):

महाराष्ट्र टाइम्स (Maharashtra Times): (संदर्भित सामग्री में पहले ही उल्लिखित - उदाहरण के लिए, अफगान सूखे मेवों पर प्रभाव).

लोकसत्ता (Loksatta): (संदर्भित सामग्री में पहले ही उल्लिखित - जैसे शेयर बाजार पर प्रभाव).

टीव्ही9 मराठी (TV9 Marathi): (संदर्भित सामग्री में पहले ही उल्लिखित - जैसे सेंधा नमक और व्यापक व्यापार प्रभाव).

द इकोनॉमिक टाइम्स (The Economic Times): (इंग्लिश में, लेकिन भारत के व्यापार पर प्रभाव पर रिपोर्ट करता है, जैसा कि खोज परिणामों में देखा गया).

एनडीटीवी प्रॉफिट (NDTV Profit): (एफएमसीजी और तेल की कीमतों पर प्रभाव पर रिपोर्ट, जैसा कि खोज परिणामों में देखा गया).

कृपया ध्यान दें कि विशिष्ट समाचार पत्रों में आज, 30 जून 2025 की तारीख पर सीधे इन कीमतों में वृद्धि की खबरें सीधे उपलब्ध नहीं हो सकती हैं, क्योंकि यह भविष्य की तारीख है. हालाँकि, मध्य पूर्व संघर्षों का व्यापार और कीमतों पर प्रभाव एक वर्तमान और चल रहा विषय है जिसकी रिपोर्ट विभिन्न समाचार आउटलेट लगातार कर रहे हैं. ऊपर दिए गए संदर्भ उन सामान्य प्रकार की रिपोर्टिंग को दर्शाते हैं जो इन मुद्दों पर की जाती हैं.

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-30.06.2025-सोमवार.
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