विवस्वत सप्तमी पर हिंदी कविता ☀️🙏✨🌄🌍💖

Started by Atul Kaviraje, July 02, 2025, 11:00:23 AM

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Atul Kaviraje

विवस्वत सप्तमी पर हिंदी कविता ☀️🙏

आज का दिन है पावन,
विवस्वत सप्तमी का आँगन।
सूर्यदेव की है महिमा अपरम्पार,
मिटे अंधियारा, हो उजियारा संसार।
(अर्थ: आज का दिन पवित्र है, विवस्वत सप्तमी का शुभ अवसर है। सूर्यदेव की महिमा असीमित है, अंधकार मिटे और संसार में प्रकाश फैले।)
✨🌄🌍💖

सुबह-सुबह जब रवि निकले,
रश्मियाँ अपनी बिखेरे।
अर्घ्य जल से करें अभिनंदन,
जीवन हो जाए रोशन।
(अर्थ: सुबह जब सूर्य उदय होते हैं और अपनी किरणें फैलाते हैं। जल चढ़ाकर उनका स्वागत करें, जिससे जीवन प्रकाशित हो जाए।)
🌅💧🌟😊

रोग-शोक सब दूर भगाओ,
सूर्य की ऊर्जा मन में पाओ।
स्वस्थ काया, निर्मल मन हो,
जीवन में बस आनंद ही हो।
(अर्थ: सभी रोग और दुख दूर हो जाएं, सूर्य की ऊर्जा मन में भर जाए। शरीर स्वस्थ रहे, मन पवित्र रहे, जीवन में केवल आनंद ही हो।)
💪🧘�♂️🌈😇

अज्ञान का तिमिर हटे,
ज्ञान का दीपक जले।
बुद्धि का प्रकाश बढ़े,
सत्य की राह पर चले।
(अर्थ: अज्ञान का अंधकार दूर हो, ज्ञान का दीपक जले। बुद्धि का प्रकाश बढ़े और हम सत्य के मार्ग पर चलें।)
📚💡🕊�✨

दान-पुण्य का करो विधान,
मिलेगा तुमको शुभ वरदान।
धन-धान्य से भर जाए घर,
खुशियाँ आएँगी हर डगर।
(अर्थ: दान-पुण्य का नियम बनाओ, तुम्हें शुभ वरदान मिलेगा। घर धन-धान्य से भर जाएगा और हर राह पर खुशियाँ आएंगी।)
💰🏠💖🍀

पितरों का आशीष मिले,
कर्मों का फल अच्छा फले।
सूर्यदेव की कृपा सदा रहे,
जीवन की हर बाधा टले।
(अर्थ: पितरों का आशीर्वाद मिले, कर्मों का अच्छा फल प्राप्त हो। सूर्यदेव की कृपा हमेशा बनी रहे, जीवन की हर बाधा दूर हो।)
👨�👩�👧�👦🙏🌟💫

अंतिम किरण जब ढलती जाए,
शुभकामनाएँ सदा संग पाए।
विवस्वत सप्तमी का यह पर्व,
दे जाए हमको जीवन का नव गर्व।
(अर्थ: जब आखिरी किरण ढलती है, तो शुभकामनाएँ हमेशा साथ मिलती हैं। विवस्वत सप्तमी का यह पर्व हमें जीवन का नया गर्व प्रदान करे।)
🌇🌻🥳❤️

--अतुल परब
--दिनांक-01.07.2025-मंगळवार.
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