लोकसत्ता:-०१ जुलाई २०२५ -मंगलवार: केंद्रीय बजट: सीतारमण की मुलाकातों का दौर शुरू

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2025, 04:37:21 PM

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Atul Kaviraje

लोकसत्ता: 'केंद्रीय बजट: सीतारमण की मुलाकातों का दौर शुरू'

०१ जुलाई २०२५ - मंगलवार:

केंद्रीय बजट: सीतारमण की मुलाकातों का दौर शुरू

देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने और आम जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए केंद्रीय बजट की तैयारी ने गति पकड़ ली है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने १ जुलाई २०२५, मंगलवार से आगामी केंद्रीय बजट के लिए विभिन्न क्षेत्रों के महत्वपूर्ण व्यक्तियों और प्रतिनिधियों के साथ मुलाकातों और परामर्श सत्रों का दौर शुरू कर दिया है। इन मुलाकातों को बजट को एक समावेशी और व्यावहारिक स्वरूप देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

अतिरिक्त जानकारी:

मुलाकातों का उद्देश्य: इन उच्च-स्तरीय मुलाकातों का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर गहन जानकारी प्राप्त करना और संबंधित क्षेत्रों की वास्तविक आवश्यकताओं, चुनौतियों के साथ-साथ उनके सुझावों को सीधे जानना है। वित्त मंत्री सीतारमण विशेष रूप से उद्योग जगत के नेताओं, प्रख्यात अर्थशास्त्रियों, ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों, किसान संगठनों, व्यापार मंडलों, सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों और उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रही हैं। इन चर्चाओं से सरकार को जमीनी स्तर की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलती है।

प्रमुख चर्चा के विषय: इन मुलाकातों में कई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों पर विचार-मंथन किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक नीतिगत बदलाव, महंगाई को नियंत्रित करने के उपाय, रोजगार सृजन के नए तरीके, निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए आवश्यक रियायतें, विभिन्न उद्योगों की विशिष्ट मांगें, कर सुधार और देश की राजकोषीय स्थिति को मजबूत करना जैसे मामले शामिल हैं। सीतारमण का यह मुलाकातों का सत्र बजट का ब्लू प्रिंट तैयार करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सीतारमण का दृष्टिकोण: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दृष्टिकोण हमेशा से समावेशी रहा है। इन मुलाकातों के माध्यम से वह केवल आंकड़ों पर निर्भर न रहकर, सीधे हितधारकों (stakeholders) के अनुभवों और सुझावों से एक यथार्थवादी और विकास-उन्मुख बजट तैयार करने का प्रयास कर रही हैं। उनके ये प्रयास आगामी बजट को अधिक जनोन्मुखी और प्रभावी बनाएंगे, ऐसी अपेक्षा है।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: इन पूर्व-बजट चर्चाओं से अर्थव्यवस्था के विभिन्न घटकों को अपनी अपेक्षाएं और सुझाव सीधे सरकार तक पहुंचाने का अवसर मिलता है। इससे बजट में आम जनता से लेकर बड़े उद्योगों तक सभी के हित का संतुलन साधने की संभावना बढ़ जाती है। सीतारमण की इन मुलाकातों के माध्यम से एक मजबूत, स्थिर और वृद्धि-उन्मुख बजट प्रस्तुत किया जाएगा, ऐसी आशा अर्थविश्लेषक और सामान्य नागरिक व्यक्त कर रहे हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.07.2025-बुधवार.
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