हिंदुस्तान: 'महंगाई और विकास पर रहेगा फोकस, बजट से पहले परामर्श शुरू'-

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2025, 04:41:32 PM

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Atul Kaviraje

हिंदुस्तान (Hindustan): 'महंगाई और विकास पर रहेगा फोकस, बजट से पहले परामर्श शुरू'

हिंदुस्तान: 'महंगाई और विकास पर रहेगा फोकस, बजट से पहले परामर्श शुरू'

०१ जुलाई २०२५ - मंगलवार:

महंगाई और विकास पर रहेगा फोकस, बजट से पहले परामर्श शुरू

देश के आगामी केंद्रीय बजट की तैयारी को लेकर हलचल तेज हो गई है। १ जुलाई २०२५, मंगलवार से केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बजट पूर्व परामर्श सत्रों की शुरुआत कर दी है, जिसमें मुख्य फोकस महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास को गति देने पर रहेगा। 'हिंदुस्तान' अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इन दोनों महत्वपूर्ण पहलुओं के बीच संतुलन साधने का प्रयास कर रही है ताकि देश को आर्थिक स्थिरता और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाया जा सके।

अतिरिक्त जानकारी (हिंदी में):

दोहरी चुनौती और उद्देश्य: वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, सरकार के सामने दोहरी चुनौती है – एक ओर बढ़ती महंगाई से आम जनता को राहत दिलाना और दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था को निरंतर उच्च विकास दर पर बनाए रखना। इन परामर्शों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आगामी बजट इन दोनों चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करे। विभिन्न हितधारकों (stakeholders) से सुझाव लेकर एक ऐसी रणनीति तैयार की जा रही है जो बिना महंगाई बढ़ाए विकास को बढ़ावा दे।

महंगाई नियंत्रण के लिए संभावित उपाय: बैठकों में महंगाई पर नियंत्रण के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा हो रही है। इनमें आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना ताकि उत्पादों की उपलब्धता बनी रहे, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर निगरानी रखना, राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सरकारी खर्च में विवेकपूर्ण प्रबंधन करना, और कच्चे तेल व अन्य प्रमुख आयातीत वस्तुओं के वैश्विक मूल्य परिवर्तनों के प्रभाव को कम करने के लिए नीतियां बनाना शामिल है।

विकास को गति देने के लिए रणनीति: आर्थिक विकास पर केंद्रित चर्चाओं में पूंजीगत व्यय में वृद्धि, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देना, घरेलू और विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए कर प्रोत्साहन और नियामक सुधार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को समर्थन, और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाले क्षेत्रों की पहचान करना शामिल है। "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" जैसी पहलों को और मजबूत करने पर भी विचार किया जा रहा है।

हितधारकों की भागीदारी: इन परामर्श सत्रों में उद्योग संघों, अर्थशास्त्रियों, किसान प्रतिनिधियों, श्रमिक संगठनों, सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों और विभिन्न सरकारी मंत्रालयों के अधिकारियों की भागीदारी देखी जा रही है। इन सभी से प्राप्त इनपुट सरकार को जमीनी हकीकत को समझने और एक व्यावहारिक तथा प्रभावी बजट तैयार करने में मदद करेंगे।

अपेक्षाएँ: आम जनता और उद्योग जगत दोनों को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। नागरिक महंगाई से राहत और आय में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि उद्योग जगत निवेश के लिए अनुकूल माहौल और विकास के अवसरों की तलाश में है। यह बजट भारत की आर्थिक प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.07.2025-बुधवार.
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