श्री गुरु देव दत्त और उनके भक्तों का सामूहिक धार्मिक कार्य (कविता)-

Started by Atul Kaviraje, July 04, 2025, 10:17:21 AM

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Atul Kaviraje

श्री गुरु देव दत्त और उनके भक्तों का सामूहिक धार्मिक कार्य (कविता)-

चरण 1
श्री गुरु देव दत्त का, नाम जग में महान।
भक्तों संग मिलकर करते, सेवा के सब काम।
एकता का है प्रतीक, उनका हर इक कार्य।
भक्ति से करते हैं मिल, हर बाधा को पार्य।

अर्थ: श्री गुरु देव दत्त का नाम विश्व में महान है। उनके भक्त मिलकर सेवा के सारे काम करते हैं। उनका हर कार्य एकता का प्रतीक है और वे भक्ति से हर बाधा को पार करते हैं।

प्रतीक: 🕉�🤝

चरण 2
मंदिरों का हो निर्माण, जहाँ बजे घंटियाँ।
दत्त जयंती की धूम हो, जगमगाए बत्तियाँ।
प्रसाद बँटे भरपूर, हर भूखा तृप्त हो जाए।
अन्नदान की महिमा, जग को गुरु समझाए।

अर्थ: भक्त मंदिरों का निर्माण करते हैं जहाँ घंटियाँ बजती हैं। दत्त जयंती पर धूम मचती है और हर जगह रोशनी होती है। भरपूर प्रसाद बाँटा जाता है ताकि कोई भूखा न रहे। गुरु दत्तात्रेय अन्नदान की महिमा संसार को समझाते हैं।

प्रतीक: 🕌🎊🍲

चरण 3
निर्धन का बने सहारा, दुखियों के आँसू पोंछे।
ज्ञान का हो प्रसार, हर मन को ये सींचे।
पुस्तकें बाँटे, सत्संग कराएँ, हर घर में हो ज्ञान।
अज्ञान का हो नाश, मिटे हर अज्ञान।

अर्थ: भक्त निर्धनों का सहारा बनते हैं और दुखियों के आँसू पोंछते हैं। वे ज्ञान का प्रसार करते हैं जिससे हर मन को शांति मिले। किताबें बाँटते हैं और सत्संग कराते हैं ताकि हर घर में ज्ञान का प्रकाश फैले और अज्ञानता का नाश हो।

प्रतीक: 🤝📚💡

चरण 4
पर्यावरण की रक्षा हो, पेड़ लगाएँ हर बार।
प्रकृति का हो सम्मान, ये ही गुरु का सार।
गोसेवा का हो संकल्प, पशुओं पर हो दया।
जीव-जंतुओं की रक्षा ही, सच्ची है ये माया।

अर्थ: भक्त पर्यावरण की रक्षा के लिए हर बार पेड़ लगाते हैं। प्रकृति का सम्मान करना ही गुरु का मुख्य संदेश है। गोसेवा का संकल्प लेते हैं और पशुओं पर दया करते हैं। सभी जीव-जंतुओं की रक्षा करना ही सच्ची भक्ति है।

प्र प्रतीक: 🌳🐄❤️

चरण 5
तीर्थ यात्राएँ करें सब, मन को करें पवित्र।
गुरु के चरणों में लीन हों, हो जीवन ये चित्र।
सफाई का हो अभियान, हर कोना हो स्वच्छ।
तन और मन से निर्मल हो, गुरु मार्ग यह समक्ष।

अर्थ: सभी भक्त तीर्थ यात्राएँ करते हैं और अपने मन को पवित्र करते हैं। गुरु के चरणों में लीन होकर जीवन को सुंदर बनाते हैं। सफाई अभियान चलाकर हर कोने को स्वच्छ करते हैं। यह गुरु का मार्ग है कि तन और मन से निर्मल रहा जाए।

प्रतीक: 🚶�♀️🧹✨

चरण 6
गुरु तत्व का हो प्रचार, घर-घर में हो जाप।
भक्ति की गंगा बहे, मिट जाए हर संताप।
एकता की हो डोर मजबूत, ना टूटे कभी।
दत्त भक्तों की निष्ठा, है ये अटल सभी।

अर्थ: गुरु तत्व का प्रचार हो और घर-घर में उनका जाप हो। भक्ति की गंगा बहे जिससे हर दुःख मिट जाए। एकता की डोर हमेशा मजबूत रहे और कभी न टूटे। दत्त भक्तों की निष्ठा हमेशा अटल है।

प्रतीक: 🗣�🌟🙌

चरण 7
सेवा और साधना का, अनुपम ये संगम।
गुरु कृपा से ही चलता, ये जीवन का क्रम।
दत्त महाराज की जय हो, उनकी कृपा अपरंपार।
भक्तों के हर कार्य से, गूंजे जय-जयकार।

अर्थ: यह सेवा और साधना का एक अद्भुत संगम है। गुरु की कृपा से ही यह जीवन चलता रहता है। दत्त महाराज की जय हो, उनकी कृपा अपरंपार है। भक्तों के हर कार्य से उनकी जय-जयकार गूंजती है।

प्रतीक: 🙏✨🥳

--अतुल परब
--दिनांक-03.07.2025-गुरुवार.
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