श्री साईं बाबा और उनके भक्तों के बीच प्रेम (कविता)-

Started by Atul Kaviraje, July 04, 2025, 10:18:01 AM

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Atul Kaviraje

श्री साईं बाबा और उनके भक्तों के बीच प्रेम (कविता)-

चरण 1
शिर्डी के साईं बाबा, प्रेम का हैं वो सागर।
भक्तों के मन में बसते, जैसे हो कोई गागर।
अटूट विश्वास की डोर, श्रद्धा-सबूरी का ज्ञान।
हर पल वे साथ रहते, यही है उनका मान।

अर्थ: शिर्डी के साईं बाबा प्रेम का सागर हैं। वे भक्तों के मन में ऐसे बसे हैं जैसे कोई गागर हो। वे हमेशा श्रद्धा और सबूरी का ज्ञान देते हैं और हर पल भक्तों के साथ रहते हैं।

प्रतीक: ❤️🙏🕰�

चरण 2
हर रूप में वो दिखते, भक्त जिसे जो चाहे।
कहीं कृष्ण, कहीं शिव, कहीं राम बन आए।
करुणा उनकी आँखों में, दया से भरा मन।
कष्ट मिटाते हर पल, सुख देते वो हर क्षण।

अर्थ: बाबा हर रूप में प्रकट होते हैं, जिसे भक्त जिस रूप में देखना चाहे। उनकी आँखों में करुणा और मन में दया भरी रहती है। वे हर पल भक्तों के कष्ट मिटाकर सुख प्रदान करते हैं।

प्रतीक: 🌈💖💧

चरण 3
संकट में ढाल बनते, हर विपदा टल जाती।
नाम लेने से उनका, आत्मा सुख पाती।
भक्तों का समर्पण है, चरणों में सारा।
जीवन की हर नैया, साईं का है सहारा।

अर्थ: बाबा संकट में भक्तों की ढाल बनते हैं और हर विपदा को टाल देते हैं। उनका नाम लेने से आत्मा को सुख मिलता है। भक्तों का सारा समर्पण उनके चरणों में है, और साईं ही उनके जीवन की हर नैया का सहारा हैं।

प्रतीक: 🛡�✨🛐

चरण 4
ज्ञान की राह दिखाते, जीवन को संवारते।
सही दिशा देते हरदम, हर भ्रम को निवारते।
सब धर्मों का आदर, सबका मालिक एक।
प्रेम का पाठ पढ़ाते, हर भेदभाव को फेंक।

अर्थ: बाबा ज्ञान की राह दिखाते हैं और जीवन को संवारते हैं। वे हरदम सही दिशा देते हैं और हर भ्रम को दूर करते हैं। वे सभी धर्मों का आदर करते हैं और 'सबका मालिक एक' का पाठ पढ़ाकर हर भेदभाव को मिटाते हैं।

प्रतीक: 💡📖🤝

चरण 5
मानवीय रिश्तों से बढ़कर, उनका था ये नाता।
कभी माँ, कभी पिता, कभी मित्र बन आता।
उदी का हर कण उनका, अमृत बन जाता।
बीमारी हो या मुश्किल, वो पल में हरता।

अर्थ: उनका रिश्ता मानवीय रिश्तों से भी बढ़कर था। वे कभी माँ, कभी पिता, कभी मित्र बनकर आते थे। उनकी उदी का हर कण अमृत बन जाता था और वे बीमारी या मुश्किल को पल भर में हर लेते थे।

प्रतीक: 👨�👩�👧�👦✨🎁

चरण 6
महा समाधि के बाद भी, उनकी उपस्थिति आज।
हर भक्त करे महसूस, रहता है सिर पे ताज।
शिरडी की हर गली में, साईं की है कहानी।
प्रेम की ये अमर गाथा, अद्भुत और पुरानी।

अर्थ: महासमाधि के बाद भी बाबा की उपस्थिति आज भी महसूस होती है। हर भक्त उनके आशीर्वाद को अपने सिर पर महसूस करता है। शिरडी की हर गली में साईं की कहानी है, जो प्रेम की एक अद्भुत और पुरानी अमर गाथा है।

प्रतीक: 👣🌟👁��🗨�

चरण 7
'अल्लाह मालिक' कहते, 'रामजी भला करे।'
हर जुबान पर उनके, बस प्रेम ही बहे।
साईं के रंग में रंगे, भक्तों का ये परिवार।
प्रेम का ये बंधन पावन, रहे सदा साकार।

अर्थ: बाबा 'अल्लाह मालिक' कहते और 'रामजी भला करे' का आशीर्वाद देते थे। उनकी हर जुबान पर केवल प्रेम ही बहता था। साईं के रंग में रंगा हुआ यह भक्तों का परिवार है, और प्रेम का यह पावन बंधन सदा साकार रहे।

प्रतीक: 💖🌍👪

--अतुल परब
--दिनांक-03.07.2025-गुरुवार.
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