July 3rd, 2025:-कानपुर में चमड़ा उद्योग के लिए कौशल विकास कार्यशाला:-

Started by Atul Kaviraje, July 04, 2025, 06:58:25 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

आज की ब्रेकिंग न्यूज़-

July 3rd, 2025:THURSDAY-

कानपुर में चमड़ा उद्योग के लिए कौशल विकास कार्यशाला: विस्तृत जानकारी
आज, 3 जुलाई 2025 को कानपुर (Kanpur) में, जो भारत का एक प्रमुख चमड़ा उद्योग केंद्र (Leather Industry Hub) है, इस उद्योग को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यशाला (Workshop) का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य चमड़ा उद्योग में कार्यरत श्रमिकों को आधुनिक कौशल (Modern Skills) प्रदान करना और नवीनतम तकनीक (Latest Technology) के उपयोग को प्रोत्साहित करना था।

प्रमुख बिंदु:
कार्यशाला के आयोजक और उद्देश्य: इस कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Union Ministry of Commerce and Industry) और स्थानीय चमड़ा उद्योग संघों (Local Leather Industry Associations) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इसका प्राथमिक उद्देश्य चमड़ा उद्योग में श्रमिकों की उत्पादकता (Productivity) और उत्पादों की गुणवत्ता (Product Quality) बढ़ाना था।

लक्षित समूह: यह कार्यशाला मुख्य रूप से चमड़े का काम करने वाले कारीगरों (Artisans), तकनीशियनों (Technicians), और छोटे व मध्यम उद्योगों (MSMEs) के कर्मचारियों के लिए थी।

प्रशिक्षण के विषय: कार्यशाला में निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण (Practical Training) और प्रदर्शन (Demonstrations) दिए गए:

नई टैनिंग प्रक्रियाएँ (New Tanning Processes): पर्यावरण के अनुकूल (Eco-friendly) और कम प्रदूषण करने वाली टैनिंग विधियाँ।

आधुनिक कटिंग और सिलाई तकनीकें (Modern Cutting and Stitching Techniques): लेजर कटिंग (Laser Cutting) और ऑटोमेटेड सिलाई मशीनों (Automated Sewing Machines) के उपयोग का प्रशिक्षण।

उत्पाद डिज़ाइन (Product Design): वैश्विक बाजार की मांग के अनुसार नई डिज़ाइन अवधारणाएँ।

गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control): चमड़े के उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के मानक।

ई-कॉमर्स और मार्केटिंग (E-commerce and Marketing): ऑनलाइन बिक्री और मार्केटिंग के आधुनिक तरीके।

प्रौद्योगिकी का उपयोग: कार्यशाला में नवीनतम मशीनरी और सॉफ्टवेयर (Software) का प्रदर्शन किया गया, जो चमड़े की प्रसंस्करण और उत्पाद निर्माण में दक्षता बढ़ा सकते हैं। उद्योगों को इन तकनीकों का उपयोग करने के लिए सरकार द्वारा मिलने वाली योजनाओं की जानकारी भी दी गई।

उद्योग विशेषज्ञों की उपस्थिति: इस कार्यशाला में चमड़ा उद्योग के अग्रणी विशेषज्ञ (Industry Experts) और डिजाइनर (Designers) उपस्थित थे, जिन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को उपस्थित लोगों के साथ साझा किया।

रोजगार और निर्यात वृद्धि: कौशल विकास से श्रमिकों को नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और चमड़ा उद्योग की निर्यात क्षमता (Export Potential) बढ़ेगी, जिससे कानपुर की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

सतत विकास (Sustainable Development): पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों पर जोर देने से चमड़ा उद्योग का सतत विकास होगा, जिससे लंबी अवधि में उद्योग को लाभ होगा।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-03.07.2025-गुरुवार.
===========================================