भक्तिभावपूर्ण हिंदी कविता - ५ जुलाई २०२५ - शनिवार 🪔🙏शनिवार की महिमा🪔 🙏 🌳 🤲

Started by Atul Kaviraje, July 05, 2025, 10:17:23 PM

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Atul Kaviraje

भक्तिभावपूर्ण हिंदी कविता - ५ जुलाई २०२५ - शनिवार 🪔🙏

यह शनिवार के महत्व को दर्शाती हुई एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सीधी-सादी, सरल और तुकबंदी वाली भक्तिपूर्ण दीर्घ कविता है, जिसमें प्रत्येक चरण का अर्थ और दृश्य भी दिए गए हैं।

शनिवार की महिमा

चरण १
आज है शनिवार, ५ जुलाई का दिन,
शनिदेव का आशीर्वाद, सब लें गिन-गिन।
कर्मों के दाता हैं, न्याय के वे देव,
दूर करें हर बाधा, मिटाएँ हर क्लेश।
अर्थ: आज ५ जुलाई, शनिवार का दिन है। इस दिन सभी को शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वे कर्मों के दाता और न्याय के देवता हैं, जो सभी बाधाओं और क्लेशों को दूर करते हैं।

चरण २
काले तिल, तेल चढ़ाएँ, दीप जलाएँ घर,
शनिदेव प्रसन्न हों, कृपा करें हम पर।
पीपल की छाया में, मन को मिले शांति,
हर दुख मिटे जीवन से, आए नई क्रांति।
अर्थ: काले तिल और तेल चढ़ाकर, घर में दीपक जलाकर हम शनिदेव को प्रसन्न करते हैं, ताकि वे हम पर कृपा करें। पीपल के पेड़ की छाया में मन को शांति मिलती है, जीवन से हर दुख मिटता है और एक नई क्रांति आती है।

चरण ३
हनुमान जी की भक्ति, देती है सहारा,
शनिदेव भी खुश हों, जब बजरंग प्यारा।
चालीसा का पाठ करें, सुंदरकांड गाएँ,
संकट कटें जीवन के, खुशियाँ घर आएँ।
अर्थ: हनुमान जी की भक्ति हमें सहारा देती है, और जब बजरंग बली प्यारे लगते हैं तो शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और घर में खुशियाँ आती हैं।

चरण ४
गरीबों की सेवा में, हाथ बढ़ाएँ हम,
शनिदेव प्रसन्न हों, दूर हो हर गम।
अन्न-वस्त्र का दान करें, दें हर को सहारा,
जीवन बने सफल और, खुशियों से प्यारा।
अर्थ: हमें गरीबों की सेवा में हाथ बढ़ाना चाहिए, इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और हर दुख दूर होता है। अन्न और वस्त्र का दान करके, हर किसी को सहारा देकर जीवन सफल और खुशियों से भरा बनता है।

चरण ५
नकारात्मक ऊर्जा, हो दूर आज सारी,
सकारात्मकता फैले, जीवन में हमारी।
बुरी नज़र हट जाए, शुभ हो हर काम,
शनिदेव का नाम जपे, सुबह और शाम।
अर्थ: आज सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाए और हमारे जीवन में सकारात्मकता फैल जाए। बुरी नज़र हट जाए और हर काम शुभ हो, इसके लिए सुबह-शाम शनिदेव का नाम जपना चाहिए।

चरण ६
आत्म-चिंतन का अवसर, मिला आज हमें,
अपने कर्मों का लेखा, करें धीमे-धीमे।
गलतियों से सीख लें, राह नई चुनें,
आने वाले कल को, बेहतर अब बुनें।
अर्थ: आज हमें आत्म-चिंतन का अवसर मिला है। हमें अपने कर्मों का लेखा-जोखा धीरे-धीरे करना चाहिए। गलतियों से सीख लेकर नई राह चुननी चाहिए और आने वाले कल को अब बेहतर बनाना चाहिए।

चरण ७
शांति और संतोष से, भरे मन के द्वार,
शनिवार का ये दिन, लाए सुख अपार।
हर इच्छा पूरी हो, हर सपना सजे,
जीवन में खुशहाली, सदा ऐसे ही बजे।
अर्थ: मन के द्वार शांति और संतोष से भर जाएं। शनिवार का यह दिन अपार सुख लाए। हर इच्छा पूरी हो और हर सपना सजे, जीवन में खुशहाली सदा ऐसे ही बनी रहे।

दृश्य और इमोजी:
इस कविता के साथ आप निम्नलिखित चित्र, प्रतीक और इमोजी का उपयोग कर सकते हैं:

चित्र/प्रतीक:

शनिदेव की प्रतिमा या चित्र 🙏

पीपल का पेड़ 🌳

जलते हुए दीपक या तेल का दीया 🪔

हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए 🙏

दान करते हुए हाथ 🤲

चक्र या ब्रह्मांड 🌌

इमोजी:
🪔 🙏 🌳 🤲 🧘 ⚖️ 🌌 ✨ 😊 ❤️ 🌑

इमोजी सारांश:
आज, ५ जुलाई २०२५, शनिवार को शनिदेव 🙏 की भक्ति में लीन रहें। पीपल के पेड़ 🌳 के नीचे दीपक जलाएँ 🪔 और दान-पुण्य 🤲 करें। यह दिन आत्म-चिंतन 🧘, न्याय ⚖️ और शांति ✨ प्रदान करता है। सभी नकारात्मकता 🌑 दूर हो, जीवन में आनंद 😊 और प्रेम ❤️ बना रहे।

--अतुल परब
--दिनांक-05.07.2025-शनिवार.
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