श्री जगन्नाथ पुनरयात्रा-पुरी- ५ जुलाई २०२५ - शनिवार:-🛕 🙏 ✨ 🕌 🚩 🕊️ 🌑 🪔 🎉

Started by Atul Kaviraje, July 06, 2025, 11:02:32 AM

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Atul Kaviraje

श्री जगन्नाथ पुनरयात्रा-पुरी-

५ जुलाई २०२५ - शनिवार: श्री जगन्नाथ पुनर्यात्रा - पुरी का महत्व 🙏✨

आज, ५ जुलाई २०२५, शुक्रवार, का दिन उड़ीसा के पुरी में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पावन अवसर का गवाह है। आज श्री जगन्नाथ पुनर्यात्रा है, जिसे 'बहुड़ा यात्रा' के नाम से भी जाना जाता है। यह वह दिन है जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा अपनी मौसी के घर (गुंडिचा मंदिर) से वापस अपने मुख्य मंदिर (श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी) लौटते हैं। यह यात्रा भक्तों के लिए अपार श्रद्धा और आनंद का क्षण होती है, जो इसे शनिवार के महत्व के साथ मिलकर और भी खास बनाती है।

श्री जगन्नाथ पुनर्यात्रा और शनिवार के महत्व के १० प्रमुख बिंदु:
श्री जगन्नाथ पुनर्यात्रा का विशेष दिन: आज पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की पुनर्यात्रा हो रही है। यह रथ यात्रा का दूसरा चरण है, जिसे 'बहुड़ा यात्रा' कहते हैं। इसमें देवता अपने मुख्य मंदिर में वापस लौटते हैं।

उदाहरण: लाखों भक्त रथों को खींचने के लिए पुरी में एकत्र होते हैं, जो इस यात्रा का सबसे पवित्र कार्य माना जाता है।

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक: यह यात्रा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के बीच के अनूठे भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है, जहाँ वे अपनी मौसी के घर कुछ दिनों के लिए निवास करते हैं।

उदाहरण: गुंडिचा मंदिर में नौ दिनों तक रहने के बाद, देवताओं की वापसी यात्रा भक्तों के लिए एक विशेष उत्सव होती है।

शुद्धि और वापसी का संदेश: पुनर्यात्रा 'वापसी' और 'शुद्धि' का संदेश देती है। गुंडिचा मंदिर को देवताओं का जन्मस्थान माना जाता है, और वहां से वापस मुख्य मंदिर में लौटना एक आध्यात्मिक शुद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक है।

उदाहरण: भक्त मानते हैं कि इस यात्रा में भाग लेने से उनके पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

देवताओं का राजसी स्वागत: वापसी यात्रा में देवताओं का भव्य स्वागत किया जाता है। मुख्य मंदिर में लौटने से पहले, रथों को सिंहद्वार के सामने रोका जाता है, जहां विभिन्न अनुष्ठान होते हैं।

उदाहरण: देवताओं को 'सुना वेशा' (सोने के आभूषणों से सजाना) और 'अधर पाणा' (एक विशेष पेय) चढ़ाया जाता है, जो भक्तों के लिए एक अद्भुत दृश्य होता है।

शनिदेव को समर्पित दिन: चूंकि आज शनिवार है, यह दिन भगवान शनिदेव को भी समर्पित है। शनिदेव कर्मफल दाता और न्याय के देवता माने जाते हैं। इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी होता है।

उदाहरण: भक्त शनि मंदिरों में जाकर तेल, काले तिल और उड़द दाल चढ़ाकर शनिदेव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।

कर्म और धर्म का संतुलन: जगन्नाथ यात्रा स्वयं कर्म और धर्म का एक बड़ा प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए हमें भक्ति और आध्यात्मिक मार्ग पर भी चलना चाहिए। शनिवार का दिन इस संतुलन को और मजबूत करता है।

उदाहरण: यात्रा में भाग लेने वाले भक्त अपनी शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों शक्तियों का प्रदर्शन करते हैं।

आध्यात्मिक चिंतन और आत्मनिरीक्षण: यह दिन आध्यात्मिक चिंतन और आत्मनिरीक्षण के लिए उपयुक्त है। हमें अपने जीवन के उद्देश्यों पर विचार करना चाहिए और यह देखना चाहिए कि क्या हम सही मार्ग पर हैं।

उदाहरण: भक्त यात्रा के दौरान या बाद में ध्यान और मंत्रोच्चार में लीन होते हैं।

दान-पुण्य और सेवा: रथ यात्रा के दौरान और पुनर्यात्रा के अवसर पर दान-पुण्य और सेवा का विशेष महत्व होता है। ज़रूरतमंदों की मदद करना और गरीबों को भोजन कराना पुण्य का कार्य माना जाता है।

उदाहरण: जगह-जगह भंडारे आयोजित किए जाते हैं और भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया जाता है।

नकारात्मकता से मुक्ति: शनिवार को शनिदेव की पूजा और जगन्नाथ प्रभु की यात्रा में भाग लेने से जीवन की बाधाएं, दुर्भाग्य और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, और सकारात्मकता आती है।

उदाहरण: भक्त इस दिन अपने घर और मन को शुद्ध करते हैं, जिससे शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

एकता और सद्भाव का प्रतीक: जगन्नाथ यात्रा, चाहे वह वार्षिक हो या पुनर्यात्रा, विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाती है, जो भारत की विविधता में एकता का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करती है।

उदाहरण: जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति से परे, सभी भक्त एक साथ मिलकर रथ खींचते हैं और भगवान का जयकारा लगाते हैं।

दृश्य और इमोजी:
इस लेख के साथ आप निम्नलिखित चित्र, प्रतीक और इमोजी का उपयोग कर सकते हैं:

चित्र/प्रतीक:

भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ 🛕

पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर 🕌

भक्त रथ खींचते हुए 🙏

लहराते हुए झंडे 🚩

उड़ते हुए पक्षी (आशीर्वाद के रूप में) 🕊�

शनिदेव का प्रतीक 🌑

तेल का दीपक या दीया 🪔

भीड़ का उत्साह 🎉

इमोजी:
🛕 🙏 ✨ 🕌 🚩 🕊� 🌑 🪔 🎉 💖

इमोजी सारांश:
आज, ५ जुलाई २०२५, शनिवार को पुरी में श्री जगन्नाथ पुनर्यात्रा 🛕 का पवित्र दिन है। भगवान जगन्नाथ 🙏 अपने घर लौट रहे हैं, यह वापसी और शुद्धि ✨ का प्रतीक है। शनिदेव 🌑 की पूजा भी इस दिन महत्वपूर्ण है। लाखों भक्त 👨�👩�👧�👦 एकजुट होकर इस उत्सव 🎉 में भाग लेते हैं, जिससे शांति 🕊� और प्रेम 💖 का संचार होता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-05.07.2025-शनिवार.
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