SATURDAY-05.07.2025- Patna (पटना) CET B.Ed – २०२५ काउंसलिंग शुरू-

Started by Atul Kaviraje, July 06, 2025, 09:50:36 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

ब्रेकिंग न्यूज़-

SATURDAY-05.07.2025-

Patna (पटना)
CET B.Ed – २०२५ काउंसलिंग शुरू; 4 जुलाई को विजय सूची, 5-15 जुलाई शुल्क भरने और दस्तावेजों की प्रक्रिया शुरू:

प्रक्रिया की शुरुआत: बिहार के शिक्षा महाविद्यालयों में बी.एड. पाठ्यक्रम के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CET B.Ed) २०२५ की काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है।

विजय सूची जारी: 4 जुलाई २०२५ को CET B.Ed. परीक्षा में सफल उम्मीदवारों की विजय सूची (मेरिट लिस्ट) जारी कर दी गई है। इस सूची में योग्य उम्मीदवारों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है।

शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि: उम्मीदवारों को 5 जुलाई से 15 जुलाई २०२५ तक काउंसलिंग शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि दी गई है। यह शुल्क ऑनलाइन माध्यम से भरा जाएगा।

दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया: शुल्क जमा करने के बाद, इसी अवधि (5 से 15 जुलाई २०२५) में उम्मीदवारों को अपने संबंधित कॉलेज या निर्धारित केंद्रों पर आवश्यक दस्तावेज (प्रमाणपत्र) जमा करने होंगे। इसमें शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) आदि शामिल होंगे।

अगले चरण: इस प्रक्रिया के बाद सीट आवंटन और प्रवेश की आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट और सूचनाओं पर नजर रखना चाहिए।

उद्देश्य: यह प्रक्रिया बिहार के सरकारी और निजी शिक्षा महाविद्यालयों में बी.एड. पाठ्यक्रम के लिए पारदर्शी और उचित प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए लागू की जा रही है।

"पटना में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नई आपातकालीन योजना लागू।"

बाढ़ की स्थिति की पृष्ठभूमि: पटना शहर गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे बसा हुआ है, जिससे बारिश के मौसम में और नदियों में बाढ़ आने पर बाढ़ की स्थिति का खतरा बना रहता है। इससे जनजीवन और संपत्ति को काफी नुकसान होता है।

नई आपातकालीन योजना: भविष्य की बाढ़ की स्थिति से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पटना प्रशासन ने एक नई और व्यापक आपातकालीन योजना लागू की है।

योजना के उद्देश्य: इस योजना का मुख्य उद्देश्य बाढ़ आने से पहले निवारक उपाय करना, बाढ़ आने पर नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना, और उसके बाद तत्काल राहत और पुनर्वास कार्य करना है।

मुख्य घटक:

पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली: मौसम विभाग और जल प्रबंधन संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कर, वर्षा की मात्रा और नदियों के स्तर पर लगातार नजर रखना और समय पर चेतावनी देना।

जल निकासी: शहर में पानी जमा न हो, इसके लिए नालों और सीवेज सिस्टम को साफ करना और उनकी क्षमता बढ़ाना।

बचाव दल: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) जैसे बचाव दलों को तत्काल सहायता के लिए तैयार रखना।

आश्रय केंद्र: बाढ़ पीड़ितों के लिए अस्थायी आश्रय केंद्र निर्धारित करना, जहां भोजन, पानी, दवाएं और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

नागरिकों की भागीदारी: बाढ़ निवारक उपायों के बारे में नागरिकों को जागरूक करना और उन्हें आपातकालीन स्थिति में सहयोग करने का आह्वान करना।

दीर्घकालिक उपाय: इस योजना में कुछ दीर्घकालिक उपाय भी शामिल हैं, जैसे नदी तटों पर सुरक्षात्मक बांधों को मजबूत करना और जल प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-05.07.2025-शनिवार.
===========================================