SATURDAY-05.07.2025- Nashik-नाशिक कुंभ मेला – खर्च ऑडिट-2

Started by Atul Kaviraje, July 06, 2025, 09:54:59 PM

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Atul Kaviraje

ब्रेकिंग न्यूज़-

SATURDAY-05.07.2025-

Nashik (नाशिक)
नाशिक कुंभ मेला – खर्च ऑडिट; विधानमंडल ने 10–12 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया:

कुंभ मेले का महत्व: नाशिक में हर 12 साल में होने वाला कुंभ मेला एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होता है, जिसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी और धन की आवश्यकता होती है।

खर्च ऑडिट की मांग: पिछले कुंभ मेले के खर्च और धन के उपयोग में पारदर्शिता लाने के लिए खर्च ऑडिट की मांग की गई थी।

विधानमंडल की मंजूरी: इस संबंध में, महाराष्ट्र विधानमंडल ने नाशिक कुंभ मेले से संबंधित खर्च के ऑडिट के लिए 10 से 12 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है।

उद्देश्य: इस फंड का उपयोग कुंभ मेले के आयोजन के दौरान हुए सभी खर्चों की गहन जांच और ऑडिट करने के लिए किया जाएगा। इसमें बुनियादी ढांचा, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छता और अन्य प्रशासनिक खर्च शामिल होंगे।

पारदर्शिता और जवाबदेही: इस ऑडिट से सार्वजनिक धन का उचित उपयोग सुनिश्चित होगा और प्रशासन की पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ेगी। भविष्य के कुंभ मेले के आयोजन के लिए भी इससे उपयोगी मार्गदर्शक सिद्धांत मिलेंगे।

आगे की प्रक्रिया: ऑडिट की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की संभावना है और इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त की जाएगी।

"नाशिक में नए कृषि अनुसंधान केंद्र की स्थापना; अंगूर उत्पादकों को लाभ।"

कृषि क्षेत्र का महत्व: नाशिक केवल एक धार्मिक शहर ही नहीं, बल्कि यह एक प्रमुख कृषि केंद्र भी है, विशेष रूप से अंगूर उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां से बड़ी मात्रा में अंगूर का निर्यात होता है।

नए केंद्र की आवश्यकता: अंगूर उत्पादकों को आधुनिक तकनीक, रोग नियंत्रण और उत्पादन वृद्धि के लिए वैज्ञानिक मार्गदर्शन की आवश्यकता थी।

स्थापना और उद्देश्य: अंगूर उत्पादकों की इन जरूरतों को पूरा करने के लिए नाशिक में एक नए कृषि अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य अंगूर की खेती से संबंधित समस्याओं पर शोध करना, नई किस्मों का विकास करना और किसानों को अद्यतन जानकारी प्रदान करना है।

केंद्र का कार्य:

अनुसंधान: अंगूर पर लगने वाले रोगों, कीट नियंत्रण और मिट्टी की उर्वरता पर शोध।

नई किस्मों का विकास: जलवायु परिवर्तन का सामना करने वाली और अधिक उत्पादन देने वाली अंगूर की नई किस्मों का विकास करना।

प्रशिक्षण और मार्गदर्शन: अंगूर उत्पादकों को आधुनिक खेती के तरीकों, जल-बचत तकनीक और गुणवत्ता नियंत्रण पर प्रशिक्षण देना।

मिट्टी परीक्षण: मिट्टी परीक्षण सुविधा उपलब्ध कराकर किसानों को उनकी जमीन की जरूरत के अनुसार खाद के उपयोग में मार्गदर्शन करना।

संभावित लाभ: इस केंद्र की स्थापना से नाशिक के अंगूर उत्पादकों को बड़ा फायदा होगा। इससे अंगूर का उत्पादन बढ़ेगा, गुणवत्ता में सुधार होगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-05.07.2025-शनिवार.
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