कविता: सूर्य देव का दयालु और रक्षक रूप 🌅🙏✨ 💡 🤲 🛡️ 🧘 💖 😊

Started by Atul Kaviraje, July 06, 2025, 10:23:40 PM

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Atul Kaviraje

भक्तिभावपूर्ण हिंदी कविता: सूर्य देव का दयालु और रक्षक रूप 🌅🙏

यह सूर्य देव के दयालु और रक्षक स्वरूप को दर्शाती हुई एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सीधी-सादी, सरल और तुकबंदी वाली भक्तिपूर्ण दीर्घ कविता है। प्रत्येक चरण का अर्थ और दृश्य भी दिए गए हैं।

सूर्य देव की कृपा और प्रकाश

चरण १
उगते सूर्य देव, किरणों से सजकर,
जीवन का दाता, दयालु बनकर।
अंधेरा मिटाएँ, प्रकाश फैलाएँ,
रोशनी से जग को, हर पल नहलाएँ।
अर्थ: उगते हुए सूर्य देव अपनी किरणों से सजकर, जीवन के दाता और दयालु रूप में आते हैं। वे अंधेरा मिटाते हैं, प्रकाश फैलाते हैं और हर पल जग को अपनी रोशनी से नहलाते हैं।

चरण २
दीननाथ कहलाएँ, दीन-दुखियों के नाथ,
सब पर कृपा करें, थामे हर का हाथ।
कोई ना भूखा रहे, ना कोई प्यासा,
सबको मिले सहारा, पूरी हो हर आशा।
अर्थ: वे दीननाथ कहलाते हैं, जो गरीब और दुखियों के स्वामी हैं। वे सब पर कृपा करते हैं और सबका हाथ थामते हैं। कोई भूखा न रहे, न कोई प्यासा, सबको सहारा मिले और हर आशा पूरी हो।

चरण ३
आरोग्य के स्वामी, रोग मिटाएँ सारे,
किरणें अमृत जैसी, हर पल दुलारे।
शरीर को शक्ति दें, मन को शांति दें,
जीवन में खुशियों की, मीठी भ्रांति दें।
अर्थ: वे स्वास्थ्य के स्वामी हैं, जो सारे रोग मिटाते हैं। उनकी किरणें अमृत जैसी हैं, जो हर पल प्यारी लगती हैं। वे शरीर को शक्ति और मन को शांति देते हैं, जीवन में खुशियों की मीठी अनुभूति देते हैं।

चरण ४
अज्ञान का अंधियारा, दूर वो भगाएँ,
ज्ञान की मशालें, दिल में जलाएँ।
बुद्धि का दाता हैं, सन्मार्ग दिखाएँ,
सही और गलत की, पहचान कराएँ।
अर्थ: वे अज्ञान के अंधेरे को दूर भगाते हैं, और दिल में ज्ञान की मशालें जलाते हैं। वे बुद्धि के दाता हैं, जो सही मार्ग दिखाते हैं, और सही-गलत की पहचान कराते हैं।

चरण ५
संकट में जब भी, कोई पुकारे,रक्षक बनके आते, देव हैं प्यारे।
रक्षा कवच देते, हर डर मिटाते,
मुश्किल घड़ी में, साथ निभाते।
अर्थ: जब भी कोई संकट में पुकारता है, तो वे प्यारे देव रक्षक बनकर आते हैं। वे सुरक्षा कवच देते हैं, हर डर मिटाते हैं और मुश्किल घड़ी में साथ निभाते हैं।

चरण ६
नियमितता का पाठ, हमसे वो कहते,
प्रतिदिन उठो तुम, मत आलस में रहते।
कर्म पथ पर बढ़ो, निरंतर चलते,
सफलता की सीढ़ी, तुम चढ़ते।
अर्थ: वे हमसे नियमितता का पाठ कहते हैं, कि प्रतिदिन उठो और आलस में मत रहो। कर्म के पथ पर निरंतर चलते हुए आगे बढ़ो, ताकि सफलता की सीढ़ी चढ़ सको।

चरण ७
कृपा और करुणा, है इनकी पहचान,
दीन-दुखियों के हित में, देते हैं जो जान।
सूर्य देव का रूप, मन को भाए,
जीवन में खुशहाली, सदा ऐसे ही आए।
अर्थ: कृपा और करुणा ही इनकी पहचान है, जो गरीब-दुखियों के हित में अपना सब कुछ देते हैं। सूर्य देव का यह रूप मन को भाता है, और जीवन में खुशहाली सदा ऐसे ही आए।

दृश्य और इमोजी:
इस कविता के साथ आप निम्नलिखित चित्र, प्रतीक और इमोजी का उपयोग कर सकते हैं:

चित्र/प्रतीक:

उगता हुआ सूरज 🌅

सूर्य देव की मूर्ति 🙏

एक हाथ से आशीर्वाद देते हुए ✨

दीपक (ज्ञान) 💡

सहारा देने वाला हाथ 🤲

ढाल (सुरक्षा) 🛡�

स्वस्थ व्यक्ति 🧘

इमोजी:
☀️ 🙏 🌅 ✨ 💡 🤲 🛡� 🧘 💖 😊

इमोजी सारांश:सूर्य देव ☀️ अपने दयालु ✨ और रक्षक 🛡� रूप में, जीवन 🌅 और ज्ञान 💡 का प्रकाश फैलाते हैं। वे दीन-दुखियों के नाथ 🤲 हैं और आरोग्य 🧘 प्रदान करते हैं। उनकी कृपा 🙏 से मन प्रेम 💖 और खुशी 😊 से भर जाता है।

--अतुल परब
--दिनांक-06.07.2025-रविवार.
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