संत मामा दांडेकर पुण्यतिथि: पुणे - भक्तिभावपूर्ण कविता-🙏🌟🎶💖📖💡🤝🕉️

Started by Atul Kaviraje, July 09, 2025, 10:35:09 AM

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Atul Kaviraje

संत मामा दांडेकर पुण्यतिथि: पुणे - भक्तिभावपूर्ण कविता-

08 जुलाई 2025, मंगलवार को संत मामा दांडेकर की पुण्यतिथि के पावन अवसर पर, पुणे की पवित्र भूमि को नमन करते हुए, एक भक्तिभावपूर्ण कविता:

1. दिव्य प्रकाश की भोर 🌅
आज का दिन है पावन, पुणे की धरती पर,
मामा दांडेकर की पुण्यतिथि, मन में भक्ति भरकर।
जीवन था उनका दिव्य, ज्ञान की ज्योति जगाई,
लाखों दिलों में उन्होंने, भक्ति की अलख जगाई।
अर्थ: आज का दिन पुणे की धरती पर पवित्र है, मामा दांडेकर की पुण्यतिथि मन में भक्ति भरकर मनाई जा रही है। उनका जीवन दिव्य था, उन्होंने ज्ञान की ज्योति जलाई और लाखों दिलों में भक्ति की लौ जगाई।

2. वारकरी का अभिमान 🚶�♂️
वारकरी संप्रदाय के थे वे, सच्चे और महान।
विठ्ठल नाम की धुन में, किया सारा जीवन दान।
पंढरपुर की वारी में, चलते थे हर साल,
भक्तों को दिया उन्होंने, भक्ति का यह विशाल।
अर्थ: वे वारकरी संप्रदाय के सच्चे और महान सदस्य थे। उन्होंने विठ्ठल नाम की धुन में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। हर साल वे पंढरपुर की वारी में चलते थे, और भक्तों को भक्ति का यह विशाल मार्ग दिया।

3. कीर्तन का जादू 🎶
उनकी वाणी में था जादू, कीर्तन में था रस।
शब्दों से वे बाँध लेते थे, हर एक भक्त का बस।
पुराणों की कथाएँ सुनाईं, सरल और मीठी भाषा में,
हर मन को समझाया उन्होंने, ईश्वर बसता आशा में।
अर्थ: उनकी वाणी में जादू था, उनके कीर्तन में रस था। वे अपने शब्दों से हर भक्त को मंत्रमुग्ध कर देते थे। उन्होंने पुराणों की कहानियाँ सरल और मधुर भाषा में सुनाईं, और हर मन को समझाया कि ईश्वर आशा में बसते हैं।

4. ज्ञान और वैराग्य 📖
विद्यार्थी थे, विद्वान थे, ज्ञान का था भंडार।
पर सब कुछ तज दिया उन्होंने, अपनाया वैराग्य का सार।
मोह-माया से परे रहे, सादगी थी उनका गहना,
दुनिया को दिया संदेश, ईश्वर का नाम ही है सहना।
अर्थ: वे विद्यार्थी थे, विद्वान थे, और ज्ञान का भंडार थे। लेकिन उन्होंने सब कुछ त्याग दिया और वैराग्य का सार अपनाया। वे मोह-माया से दूर रहे, सादगी ही उनका आभूषण था। उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि ईश्वर का नाम ही सहनशक्ति है।

5. युवाओं के प्रेरणास्रोत 💡
युवाओं को राह दिखाई, संस्कार दिए सच्चे।
धर्म और संस्कृति से जोड़े, मन को किया अच्छे।
भविष्य के थे वे निर्माता, आशा की किरण थे,
उनके आदर्शों से आज भी, जीवन में प्रकाश बिखरे।
अर्थ: उन्होंने युवाओं को राह दिखाई और सच्चे संस्कार दिए। उन्हें धर्म और संस्कृति से जोड़ा और मन को अच्छा किया। वे भविष्य के निर्माता और आशा की किरण थे। उनके आदर्शों से आज भी जीवन में प्रकाश बिखरता है।

6. सेवा का संकल्प 🤝
निस्वार्थ भाव से की सेवा, मानव कल्याण का था ध्येय।
भेदभाव को दूर किया, फैलाया प्रेम का विजय।
समता और बंधुत्व की, दी उन्होंने सीख प्यारी,
आज भी हम याद करते हैं, उनकी महिमा न्यारी।
अर्थ: उन्होंने निस्वार्थ भाव से सेवा की, मानव कल्याण ही उनका लक्ष्य था। उन्होंने भेदभाव को दूर किया और प्रेम की जीत फैलाई। उन्होंने समानता और भाईचारे की प्यारी सीख दी। आज भी हम उनकी अनूठी महिमा को याद करते हैं।

7. अमर नाम 🌟
मामा दांडेकर का नाम, अमर रहेगा जग में।
उनकी शिक्षाएँ रहेंगी, हर एक भक्त के मग में।
पुण्यतिथि पर हम करते हैं, उनको सादर नमन,
उनका आशीर्वाद हमें दे, सुखमय जीवन हर क्षण।
अर्थ: मामा दांडेकर का नाम दुनिया में अमर रहेगा। उनकी शिक्षाएँ हर भक्त के मार्ग में रहेंगी। पुण्यतिथि पर हम उन्हें सादर नमन करते हैं, उनका आशीर्वाद हमें हर पल सुखमय जीवन दे।

चित्र, प्रतीक और इमोजी
कविता के अर्थ और भावना को दर्शाने वाले चित्र, प्रतीक और इमोजी:

चित्र/प्रतीक:

उगता सूरज (दिव्य प्रकाश की भोर) 🌅

वारकरी की पालखी (वारकरी का अभिमान) 🚶�♂️

कीर्तन करते हुए साधु (कीर्तन का जादू) 🎶

पुस्तकों का ढेर (ज्ञान और वैराग्य) 📚

युवाओं का समूह (युवाओं के प्रेरणास्रोत) 🧑�🤝�🧑

हाथ मिलाते लोग (सेवा का संकल्प) 🤝

चमकता तारा (अमर नाम) 🌟

इमोजी:

🙏 प्रणाम/श्रद्धांजलि: भक्ति और सम्मान।

🌟 चमकता तारा: प्रेरणा और अमरत्व।

🎶 संगीत नोट्स: कीर्तन और भक्ति संगीत।

💖 चमकता दिल: प्रेम और भक्ति।

📖 खुली किताब: ज्ञान और शिक्षा।

💡 बल्ब: ज्ञान और प्रेरणा।

🤝 हाथ मिलाना: सेवा और सद्भाव।

🕉� ओम का चिन्ह: आध्यात्मिकता।

इमोजी सारांश
🙏🌟🎶💖📖💡🤝🕉�

संत मामा दांडेकर की पुण्यतिथि पर, उनके आदर्शों को अपनाकर हम अपने जीवन को और भी समृद्ध बना सकते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-08.07.2025-मंगळवार.
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