कृष्ण और उनके द्वारा राक्षसों का वध: एक भक्तिपूर्ण कविता-

Started by Atul Kaviraje, July 09, 2025, 10:13:10 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

कृष्ण और उनके द्वारा राक्षसों का वध: एक भक्तिपूर्ण कविता-

चरण 1: धरती का बोझ, हरने को आए
🌍🙏✨
अधर्म बढ़ा, जब पाप गहराया,
कंस का जब आतंक छाया।
ले अवतार, कृष्ण कन्हाई आए,
धरती का बोझ, हरने को आए।

अर्थ: जब धरती पर अधर्म और पाप बढ़ गया, और कंस जैसे दुष्टों का आतंक फैल गया, तब भगवान कृष्ण ने अवतार लिया। वे पृथ्वी पर से बुराइयों का भार कम करने के लिए आए थे।

चरण 2: पूतना का अंत, शिशु का बल
👶😈💥
पूतना आई, विष पिलाने को,
शिशु रूप में प्रभु को हराने को।
दूध के संग, प्राण सोख लिए,
शिशु कृष्ण ने, दुष्ट को छल दिए।

अर्थ: जब पूतना शिशु कृष्ण को विषपान कराने आई, तो छोटे से कृष्ण ने उसके प्राणों को दूध के साथ ही सोख लिया। इस तरह शिशु रूप में ही उन्होंने दुष्ट पूतना का अंत कर दिया।

चरण 3: बकासुर का वध, ग्वालों की रक्षा
🐄🌳🛡�
बकासुर बन, जब दानव आया,
पक्षी रूप में, मुख को फैलाया।
फाड़ दिया मुख, प्रभु ने बल से,
बचाया सबको, उसके छल से।

अर्थ: जब बकासुर एक विशाल पक्षी के रूप में ग्वालों को खाने आया, तो कृष्ण ने अपने बल से उसके मुख को फाड़ दिया। उन्होंने इस तरह ग्वाल-बालों को उस राक्षस के छल से बचाया।

चरण 4: कालिया का मर्दन, यमुना स्वच्छ
🐍💧✅
यमुना जल जब, विष से काला,
कालिया नाग ने, था घेरा डाला।
नाग नाथ किया, फन पर नाचे,
नदी को किया, फिर से निर्मल सांचे।

अर्थ: जब यमुना नदी का जल कालिया नाग के विष से काला हो गया था, तो कृष्ण ने उसके फनों पर नृत्य कर उसे नाथ दिया। उन्होंने इस तरह यमुना नदी को फिर से स्वच्छ और शुद्ध कर दिया।

चरण 5: कंस का संहार, धर्म का जयघोष
👑⚔️🕉�
कंस ने जब, की अति क्रूरता,
कारागार में, थी अमानुषिकता।
मुष्टि प्रहार से, कंस को मारा,
धर्म पताका, कृष्ण ने फहराया।

अर्थ: जब कंस ने अत्यधिक क्रूरता की और अपनी कारागार में अमानवीयता फैलाई, तब कृष्ण ने मुष्टि प्रहार से उसका वध कर दिया। इस प्रकार कृष्ण ने धर्म की पताका फहराई।

चरण 6: अहंकार का नाश, नरकासुर का अंत
😈⬇️💖
अहंकारी नरकासुर जब, आया,
अनेक स्त्रियों को, था सताया।
सुदर्शन चक्र से, किया संहार,
मुक्त की स्त्रियाँ, हर लिया भार।

अर्थ: जब अहंकारी नरकासुर आया और उसने कई स्त्रियों को सताया, तब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से उसका संहार कर दिया। उन्होंने इस तरह स्त्रियों को मुक्त किया और उनके ऊपर से अत्याचार का बोझ हटा दिया।

चरण 7: लीला का अर्थ, सद्भाव का पथ
🎭✨🧘�♂️
हर राक्षस का, वध था एक लीला,
दे गए शिक्षा, ये कर्म रंगीला।
बुराई पर हो, अच्छाई की जीत,
कृष्ण के चरणों में, रहे हमारी प्रीत।

अर्थ: कृष्ण द्वारा प्रत्येक राक्षस का वध एक लीला थी, जिससे उन्होंने हमें महत्वपूर्ण शिक्षाएँ दीं। यह हमें सिखाता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। हम सभी की प्रीति हमेशा कृष्ण के चरणों में बनी रहे।

--अतुल परब
--दिनांक-09.07.2025-बुधवार.
===========================================