वनवास के दौरान राम और सीता का संघर्ष: एक भक्तिपूर्ण कविता-

Started by Atul Kaviraje, July 09, 2025, 10:13:50 PM

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Atul Kaviraje

वनवास के दौरान राम और सीता का संघर्ष: एक भक्तिपूर्ण कविता-

चरण 1: राजपाट का त्याग, वन का पथ अपनाया
👑➡️🌿
अयोध्या के सुख छोड़े सारे,
राजा बन वन को सिधारे।
राम-सीता संग लक्ष्मण भाई,
कठिन राहों पर चले सिपाही।

अर्थ: भगवान राम ने अयोध्या के सभी सुखों का त्याग कर वन का मार्ग अपनाया। राम, सीता और लक्ष्मण भाई के साथ, वे तपस्वी की तरह कठिन रास्तों पर चल पड़े।

चरण 2: वन जीवन की कठिनाई, धूप-बारिश की मार खाई
🌳⛰️🌧�
जंगल-जंगल भटके सारे,
धूप-छाँव, वर्षा के मारे।
कंद-मूल फल भोजन था,
भूमि पर ही शयन था।

अर्थ: वे घने जंगलों में भटकते रहे, जहाँ उन्हें धूप, छाँव और बारिश की मार सहनी पड़ी। उनका भोजन कंद-मूल फल था और वे भूमि पर ही सोते थे।

चरण 3: सीता हरण का दुख, वियोग की आग
💔😭🔥
मृग मरीचिका का छल जब आया,
रावण ने सीता को हर ले जाया।
राम के हृदय में वेदना छाई,
सीता की आँखों से अश्रु धारा बहाई।

अर्थ: जब मायावी मृग का छल आया, तब रावण सीता का हरण कर ले गया। राम के हृदय में अत्यंत पीड़ा हुई और सीता की आँखों से आँसुओं की धारा बहने लगी।

चरण 4: राम का विलाप, खोज का संकल्प
😢🚶�♂️🔎
सीता बिना व्याकुल थे राम,
भटके वन-वन, ले उनका नाम।
खोजने निकले प्रिया अपनी,
ली शपथ, हरेंगे हर विपदा अपनी।

अर्थ: सीता के बिना राम बहुत व्याकुल थे, वे उनका नाम लेकर वन-वन भटकते रहे। अपनी प्रिया को खोजने का संकल्प लिया और शपथ ली कि वे हर विपदा का सामना करेंगे।

चरण 5: राक्षसों से रण, शौर्य का प्रदर्शन
👺⚔️🛡�
खर-दूषण से लड़े भयंकर,
शूर्पणखा भी हुई घायल।
प्रभु ने किया राक्षसों का नाश,
मिटाया भय, जगाया विश्वास।

अर्थ: राम और लक्ष्मण ने खर-दूषण जैसे भयंकर राक्षसों से युद्ध किया और शूर्पणखा भी घायल हुई। प्रभु ने राक्षसों का नाश कर भय को मिटाया और लोगों में विश्वास जगाया।

चरण 6: हनुमान का साथ, लंका की उड़ान
🐒💪✈️
हनुमान बने राम के सहायक,
लंका पहुँचे बन पवन दायक।
सीता का पता लगाया पल में,
आग लगाई रावण के महल में।

अर्थ: हनुमान भगवान राम के सहायक बने और पवनपुत्र बनकर लंका पहुँचे। उन्होंने पल भर में सीता का पता लगा लिया और रावण के महल में आग लगा दी।

चरण 7: सेतु बंधन, युद्ध और विजय
🌉🌊🏆
वानर सेना ने सेतु बनाया,
समुद्र पर पुल तुरंत सजाया।
रावण को मारकर धर्म बचाया,
सीता संग राम, अयोध्या में छाए।

अर्थ: वानर सेना ने समुद्र पर पुल बनाया, जिसे सेतु बंधन कहा गया। रावण को मारकर भगवान राम ने धर्म की रक्षा की, और सीता के साथ अयोध्या में लौटे।

--अतुल परब
--दिनांक-09.07.2025-बुधवार.
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