महाराष्ट्रीय बेंदूर पूर्णिमा: कृषकों का आभार 📜🙏🚜🐮✨🔔🌾💖🏞️

Started by Atul Kaviraje, July 09, 2025, 10:27:38 PM

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Atul Kaviraje

महाराष्ट्रीय बेंदूर पूर्णिमा: कृषकों का आभार 📜

आज 9 जुलाई, बुधवार है आया,
बेंदूर पूर्णिमा का उत्सव है छाया।
खेतों के साथी, बैलों को सजाया,
किसान का मन खुशियों से भर आया।
अर्थ: आज 9 जुलाई, बुधवार का दिन है, और बेंदूर पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है। खेतों के साथी बैलों को सजाया गया है, जिससे किसानों का मन खुशियों से भर गया है।

आषाढ़ पूर्णिमा का पावन ये पर्व है,
बैलों को पूजने का ये सच्चा मर्म है।
सेवा उनकी, जो करते हैं हर काम,
देते हैं उनको आज प्रेम का सलाम।
अर्थ: यह आषाढ़ पूर्णिमा का पवित्र त्योहार है, और यह बैलों की पूजा करने का वास्तविक अर्थ है। किसान उन बैलों को प्यार से सलाम करते हैं जो उनके लिए हर काम करते हैं।

सुबह-सुबह नहलाया, रंगों से सजाया,
सींगों पर चमकीली चुनरिया ओढ़ाया।
गले में घंटियाँ, फूलों की मालाएँ,
देखकर उनका रूप, मन हर्षाएँ।
अर्थ: सुबह-सुबह उन्हें नहलाया गया, रंगों से सजाया गया, और उनके सींगों पर चमकीली चुनरी ओढ़ाई गई। उनके गले में घंटियाँ और फूलों की मालाएँ हैं, उनके इस रूप को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है।

घर-घर में पकवान, पूरन पोली की थाली,
बैलों को खिलाते, भरते प्रेम की लाली।
माथा उनका चूमा, लिया उनका आशीष,
इनके बिना कैसे करते हम कृषि।
अर्थ: घर-घर में पूरन पोली और अन्य पकवानों की थाली तैयार है। किसान बैलों को प्यार से खिलाते हैं, उनके माथे को चूमते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं, यह स्वीकार करते हुए कि उनके बिना कृषि कैसे संभव होती।

शिरडी के आसपास भी यही है नजारा,
किसान का है जीवन इन्हीं से सारा।
धन्य है धरती, धन्य है पशुधन,
बेंदूर पूर्णिमा, यह पवित्र पावन।
अर्थ: शिरडी के आसपास भी यही दृश्य है, जहां किसानों का पूरा जीवन इन पशुओं पर निर्भर करता है। यह धरती धन्य है, यह पशुधन धन्य है, बेंदूर पूर्णिमा का यह त्योहार पवित्र और पावन है।

प्रकृति से जुड़ाव, सिखाता ये त्योहार,
पशुओं का महत्व, करता ये स्वीकार।
कृतज्ञता का भाव, मन में भर लाता,
बैल-बैल नहीं, हमारे भाग्य विधाता।
अर्थ: यह त्योहार प्रकृति से जुड़ाव सिखाता है और पशुओं के महत्व को स्वीकार करता है। यह मन में कृतज्ञता का भाव भरता है, क्योंकि बैल केवल बैल नहीं हैं, बल्कि वे हमारे भाग्य के निर्माता हैं।

श्रद्धा और भक्ति का है ये अनुपम संगम,
बेंदूर पूर्णिमा, करता है जीवन को शुभम।
किसानों के मन में खुशियों की लहर,
यह है उनका सच्चा पर्व, यह है उनका शहर।
अर्थ: यह श्रद्धा और भक्ति का एक अद्वितीय संगम है, बेंदूर पूर्णिमा जीवन को शुभ बनाती है। किसानों के मन में खुशियों की लहर है, यह उनका सच्चा त्योहार है, यह उनका अपना संसार है।

इमोजी सारांश: 📜🙏🚜🐮✨🔔🌾💖🏞�

--अतुल परब
--दिनांक-09.07.2025-बुधवार.
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