श्री विठ्ठल रुक्मिणी देवस्थान यात्रा-धापेवाडा, नागपूर-

Started by Atul Kaviraje, July 11, 2025, 10:40:15 PM

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Atul Kaviraje

श्री विठ्ठल रुक्मिणी देवस्थान यात्रा-धापेवाडा, नागपूर पर हिंदी कविता 📖

चरण 1: धापेवाडा का धाम
नागपुर के धापेवाडा में,
विठ्ठल रुक्मिणी का धाम।
पुण्य भूमि यह पावन है,
भक्ति का है यह विश्राम।
अर्थ: नागपुर के धापेवाडा में भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी का पवित्र मंदिर स्थित है। यह भूमि अत्यंत पवित्र है और भक्तों के लिए भक्ति और शांति का स्थान है।
🚩🙏✨🏞�

चरण 2: पंढरपुर की झाँकी
विदर्भ का पंढरपुर कहलाए,
वारकरी यहाँ दर्शन को आए।
विठू माउली नाम गाते,
जीवन सफल बना जाते।
अर्थ: यह स्थान विदर्भ का पंढरपुर कहलाता है, जहाँ वारकरी भक्त दर्शन के लिए आते हैं। वे भगवान विठ्ठल का नाम गाते हैं और अपने जीवन को सफल बनाते हैं।
👣🎶🚶�♂️😇

चरण 3: मूर्तियों का तेज
विठ्ठल की छवि मनमोहक,
रुक्मिणी की मूरत मनभावक।
नित नवीन श्रृंगार सजे,
दर्शन से हर दुःख भगे।
अर्थ: भगवान विठ्ठल की छवि मन को मोह लेने वाली है और देवी रुक्मिणी की मूर्ति भी अत्यंत सुंदर है। रोज़ नए श्रृंगार से सजी मूर्तियों के दर्शन से सारे दुःख दूर हो जाते हैं।
💖✨👑😊

चरण 4: शांति का अनुभव
शांत सरोवर तट पर मंदिर,
मन को मिले परम सुंदर।
दूर हो जाएँ सब चिंताएँ,
हर पल शांति छा जाए।
अर्थ: यह मंदिर शांत सरोवर के किनारे स्थित है, जहाँ मन को परम शांति मिलती है। यहाँ आकर सारी चिंताएँ दूर हो जाती हैं और हर पल शांति का अनुभव होता है।
🧘�♂️🌿🕊�😌

चरण 5: भक्तों का मेला
एकादशी पर भीड़ उमड़े,
भक्ति के रंग सब पर चढ़े।
झूमते गाते सब भक्त आते,
विठ्ठल विठ्ठल पुकारते।
अर्थ: एकादशी के दिन भक्तों का मेला लगता है और सभी भक्ति के रंग में रंग जाते हैं। भक्त झूमते-गाते हुए आते हैं और 'विठ्ठल विठ्ठल' पुकारते हैं।
🎉🎶👨�👩�👧�👦🥳

चरण 6: परंपरा का साथ
पुरानी परंपरा यहाँ जीती,
ज्ञान की धारा बहती।
पूर्वजों का है यह वरदान,
भक्ति का यह है सम्मान।
अर्थ: यहाँ पुरानी परंपराएँ जीवित हैं और ज्ञान की धारा प्रवाहित होती रहती है। यह हमारे पूर्वजों का वरदान है और भक्ति का सम्मान है।
📜📖🤝🌟

चरण 7: आशीर्वाद की वर्षा
धापेवाडा के दाता विठ्ठल,
करते हर इच्छा पूरी फल।
कृपा बरसे हर क्षण पर,
सुख-समृद्धि हो जीवन भर।
अर्थ: धापेवाडा के भगवान विठ्ठल सभी इच्छाएँ पूरी करते हैं। उनकी कृपा हर पल बरसती है और जीवन भर सुख-समृद्धि बनी रहती है।
🙏🌈✨💖

--अतुल परब
--दिनांक-11.07.2025-शुक्रवार.
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