भारत: वैश्विक नेता बनने के कगार पर-🇮🇳🌎🐛

Started by Atul Kaviraje, July 13, 2025, 05:57:49 PM

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Atul Kaviraje

भारत: वैश्विक नेता बनने के कगार पर और मराठी मीडिया में 'कीड़े-मकोड़ों' का खेल: एक राजनीतिक विश्लेषण 🇮🇳🌎🐛

आज भारत एक वैश्विक नेता बनने की दहलीज पर खड़ा है, एक ऐसा देश जो अपनी आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक शक्ति से अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना प्रभाव बढ़ाया है, कई महत्वपूर्ण वैश्विक निर्णयों में सक्रिय भूमिका निभाई है और 'विश्वगुरु' बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। एक ओर यह सकारात्मक तस्वीर है, वहीं दूसरी ओर घरेलू स्तर पर, विशेष रूप से मराठी मीडिया के कुछ वर्गों में (जिन्हें राजनीतिक विश्लेषक भाऊ तोरसेकर 'कीड़े-मकोड़े' कहते हैं) विपक्षी दलों के प्रभाव में नकारात्मकता और विघटनकारी प्रवृत्ति बढ़ रही है। यह लेख भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और मराठी मीडिया के कुछ हिस्सों में इन 'कीड़े-मकोड़ों के खेल' का विश्लेषण करेगा।

भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और मीडिया में 'लीला' (10 प्रमुख बिंदु)

भारत आज केवल एक विकासशील राष्ट्र नहीं रहा, बल्कि वह एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों, अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति को आकार दे रही है। इस प्रगति को अक्सर आंतरिक और बाहरी कारकों द्वारा नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाता है।

1. 💰📈 आर्थिक महाशक्ति के रूप में उदय:
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। इस आर्थिक शक्ति के कारण वैश्विक व्यापार और निवेश में भारत का प्रभाव बढ़ा है।

2. 🌍 भू-राजनीतिक महत्व:
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्वाड (QUAD) जैसे समूहों में सक्रिय भागीदारी से चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

3. 🧘�♀️🕉� सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक प्रभाव:
भारत का योग, आयुर्वेद, अध्यात्म और लोकतांत्रिक मूल्य वैश्विक स्तर पर स्वीकार किए जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इसका एक उत्तम उदाहरण है।

4. 🕊� परराष्ट्र नीति में स्वायत्तता:
रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक संकटों में भारत ने किसी भी एक पक्ष में न झुकते हुए, राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देते हुए एक स्वतंत्र परराष्ट्र नीति (Strategic Autonomy) बनाए रखी है, जिसकी वैश्विक स्तर पर सराहना हुई है।

5. ♻️🦠 वैश्विक समस्याओं पर नेतृत्व:
जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और स्वास्थ्य संकट (जैसे कोविड-19 महामारी में टीकों की आपूर्ति) जैसी वैश्विक समस्याओं पर भारत ने सक्रिय नेतृत्व दिखाया है।

6. 🤝 G20 और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रभाव:
G20 अध्यक्षता और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर भारत ने विकासशील देशों की आवाज़ बुलंद की है, जिससे वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों में भारत की विश्वसनीयता बढ़ी है।

7. 🛡� रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता:
भारत ने अपनी रक्षा बलों को मजबूत करने और हथियारों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत रक्षा उत्पादन में वृद्धि की है।

8. 👨�👩�👧�👦 प्रवासी भारतीय समुदाय का योगदान:
दुनिया भर में भारतीय समुदाय (Diaspora) भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक शक्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की छवि ऊपर उठी है।

9. 🐛🎤 मराठी मीडिया के कुछ घटकों की नकारात्मक भूमिका (भाऊ तोरसेकर के विश्लेषणानुसार):
राजनीतिक विश्लेषक भाऊ तोरसेकर के अनुसार, जब भारत वैश्विक मंच पर अपना स्थान मजबूत कर रहा है, तब मराठी मीडिया के कुछ समूह (जो अक्सर विपक्षी दलों से जुड़े होते हैं) लगातार नकारात्मक खबरें, निराधार आरोप और पक्षपाती विश्लेषण प्रसारित कर रहे हैं।

10. 👎📺 राष्ट्रविरोधी शक्तियों का अप्रत्यक्ष प्रचार:
तोरसेकर जैसे विश्लेषकों का दावा है कि ये 'कीड़े-मकोड़े' जाने-अनजाने में ऐसी कथाओं (narratives) को बढ़ावा देते हैं जिससे देश की छवि खराब होती है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव को धक्का लग सकता है। वे मानते हैं कि यह विपक्ष की केवल राजनीति नहीं, बल्कि कभी-कभी यह राष्ट्रविरोधी शक्तियों के हित में भी होता है।

उदाहरण: जब भारत ने कई देशों को कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराकर 'वैक्सीन मैत्री' का प्रदर्शन किया, तब कुछ मीडिया आउटलेट्स ने देश के भीतर टीकाकरण की धीमी गति पर अधिक ध्यान केंद्रित किया, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की सकारात्मक छवि पर संदेह पैदा हुआ। इसी तरह, जब भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा था, तब कुछ मराठी मीडिया समूहों ने देश की छोटी-मोटी समस्याओं पर अधिक जोर दिया, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को नजरअंदाज किया गया।

यह विश्लेषण दर्शाता है कि कैसे एक तरफ भारत वैश्विक पटल पर मजबूती से उभर रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ आंतरिक तत्व, विशेष रूप से मीडिया में, इस प्रगति को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, भारत अपनी विकास यात्रा जारी रखेगा।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-13.07.2025-रविवार.
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