रोहिंग्या और 'संन्यस्त खड्ग' (भाऊ तोरसेकर की दृष्टि से) - कविता 📜💔🌍⚔️📖🧐💡🛡

Started by Atul Kaviraje, July 14, 2025, 04:27:56 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

रोहिंग्या और 'संन्यस्त खड्ग' (भाऊ तोरसेकर की दृष्टि से) - कविता 📜

चरण 1: पीड़ा का सागर 💔🌍
म्यांमार से रोहिंग्या चले,
पीड़ा का सागर गहरा।
शरणार्थी का जीवन जीते,
छाया है उन पर अँधेरा।
अर्थ: म्यांमार से रोहिंग्या लोग अपनी पीड़ा के गहरे सागर में बहते हुए आ रहे हैं। वे शरणार्थी के रूप में जीवन जी रहे हैं और उनके जीवन में अँधेरा छाया हुआ है।

चरण 2: सावरकर का चिंतन ⚔️📖
सावरकर का 'संन्यस्त खड्ग',
बोले ये गहरी बात।
अहिंसा अच्छी पर राष्ट्र-रक्षा,
सबसे पहले, दिन और रात।
अर्थ: सावरकर का नाटक 'संन्यस्त खड्ग' एक गहरा संदेश देता है। यह कहता है कि अहिंसा भले ही अच्छी हो, लेकिन राष्ट्र की रक्षा दिन-रात सबसे पहले होनी चाहिए।

चरण 3: तोरसेकर का भाव 🧐💡
भाऊ तोरसेकर समझाते हैं,
सावरकर की दूरदृष्टि।
अति अहिंसा से देश हो दुर्बल,
फिर बढ़ती है संकट की वृष्टि।
अर्थ: भाऊ तोरसेकर समझाते हैं कि सावरकर कितने दूरदर्शी थे। उनका कहना है कि बहुत अधिक अहिंसा से देश कमजोर हो सकता है, जिससे संकटों की बारिश होने लगती है।

चरण 4: सुरक्षा का प्रश्न 🛡�🇮🇳
देश की सीमा, जनता की सुरक्षा,
है ये सबसे बड़ा धर्म।
मानवीयता का भी मान रखें,
पर राष्ट्र-हित हो सबसे गरम।
अर्थ: देश की सीमा और जनता की सुरक्षा सबसे बड़ा कर्तव्य है। हमें मानवीयता का भी सम्मान करना चाहिए, लेकिन राष्ट्र का हित सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए।

चरण 5: घुसपैठ की चिंता 🛂🚨
अवैध घुसपैठ का खतरा,
बढ़ाए सुरक्षा की चिंता।
जनसांख्यिकी भी बदले,
ये भविष्य की एक शंका।
अर्थ: अवैध घुसपैठ से सुरक्षा की चिंता बढ़ जाती है। इससे जनसंख्या का संतुलन भी बदल सकता है, जो भविष्य के लिए एक आशंका है।

चरण 6: संतुलन की खोज ⚖️🤝
संवेदना और सुरक्षा के बीच,
ढूँढ़ें हम सही संतुलन।
'खड्ग' को न कर दें संन्यस्त,
वरना होगा राष्ट्र का पतन।
अर्थ: हमें संवेदनशीलता और सुरक्षा के बीच सही संतुलन खोजना चाहिए। हमें अपनी रक्षा शक्ति (खड्ग) को पूरी तरह से त्यागना नहीं चाहिए, नहीं तो राष्ट्र का पतन हो जाएगा।

चरण 7: राष्ट्र की शक्ति 🗡�✨
एक मजबूत राष्ट्र ही सदा,
कर पाए अपनों की रक्षा।
सावरकर का ये संदेश,
देश को देगा नई शिक्षा।
अर्थ: केवल एक मजबूत राष्ट्र ही हमेशा अपने लोगों की रक्षा कर सकता है। सावरकर का यह संदेश देश को एक नई सीख देगा।

कविता सार संक्षेप इमोजी: 💔🌍⚔️📖🧐💡🛡�🇮🇳🛂🚨⚖️🤝🗡�✨

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.07.2025-सोमवार.
===========================================