भगवान शिव की जीवन-कथा-🕉️🙏🐍🌊🌙🔱🥁💔💖🏠🧘‍♂️🏔️😊💪🐂🌌✨

Started by Atul Kaviraje, July 14, 2025, 10:06:22 PM

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Atul Kaviraje

भगवान शिव की जीवन-कथा (एक दीर्घ भक्तिपूर्ण हिंदी कविता)

1. आदि और अंत नहीं जिनका, अनादि देव महादेव, 🕉�
कैलाशपति, गंगाधर, शिव शंभु, हे देवों के देव। 🙏
जटा में गंगा, मस्तक पे चंद्र, कंठ में विष का रंग, 🐍🌊🌙
आपकी लीलाएँ अनूठी, जीवन का हर भंग। ✨

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ:

आदि और अंत नहीं जिनका, अनादि देव महादेव: जिनका न कोई आरंभ है न अंत, वे अनादि देव महादेव हैं।

कैलाशपति, गंगाधर, शिव शंभु, हे देवों के देव: वे कैलाशपति, गंगाधर, शिव शंभु, देवों के भी देव हैं।

जटा में गंगा, मस्तक पे चंद्र, कंठ में विष का रंग: उनकी जटाओं में गंगा है, मस्तक पर चंद्रमा, और कंठ में विष का नीला रंग है।

आपकी लीलाएँ अनूठी, जीवन का हर भंग: आपकी लीलाएँ अद्वितीय हैं, जो जीवन के हर पहलू को दर्शाती हैं।

2. सती से प्रथम प्रेम तुम्हारा, दक्ष यज्ञ का दुखद अंत, 💔
तांडव से तुम व्याकुल हुए, ब्रह्मांड हुआ संत।
शक्तिपीठों की रचना की, विष्णु ने दे संज्ञान,
फिर पार्वती का अवतार, जोड़ा तुमसे फिर से प्राण। 💖

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ:

सती से प्रथम प्रेम तुम्हारा, दक्ष यज्ञ का दुखद अंत: सती से आपका पहला प्रेम था, और दक्ष के यज्ञ का दुखद अंत हुआ।

तांडव से तुम व्याकुल हुए, ब्रह्मांड हुआ संत: तांडव से आप व्याकुल हो गए, और ब्रह्मांड शांत हो गया।

शक्तिपीठों की रचना की, विष्णु ने दे संज्ञान: विष्णु ने शक्तिपीठों की रचना की, यह ज्ञान देकर।

फिर पार्वती का अवतार, जोड़ा तुमसे फिर से प्राण: फिर पार्वती का अवतार हुआ, जिन्होंने आपसे फिर से नाता जोड़ा।

3. गंगा को जटा में धामा, भगीरथ का रखा मान, 🌊
धरती पर अमृत वर्षा कर, दिया नया जीवन-ज्ञान।
हलाहल विष पीकर तुमने, नीलकंठ कहलाए, 💙
औरों के दुख हरने को, स्वयं पीड़ा अपनाए। 😔

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ:

गंगा को जटा में धामा, भगीरथ का रखा मान: आपने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया, भगीरथ का सम्मान रखा।

धरती पर अमृत वर्षा कर, दिया नया जीवन-ज्ञान: धरती पर अमृत वर्षा करके, नया जीवन और ज्ञान दिया।

हलाहल विष पीकर तुमने, नीलकंठ कहलाए: आपने हलाहल विष पीकर नीलकंठ कहलाए।

औरों के दुख हरने को, स्वयं पीड़ा अपनाए: दूसरों के दुख हरने के लिए, आपने स्वयं पीड़ा अपनाई।

4. पार्वती से विवाह करके, गृहस्थी का दिखाया रूप, 🏠
गणेश और कार्तिकेय संग, भरा परिवार का कूप।
योगीराज, आदि गुरु हो, ध्यान में लीन सदा, 🧘�♂️
कैलाश की ऊँची चोटी पर, विराजते हो तुम कदा। 🏔�

प्रत्य प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ:

पार्वती से विवाह करके, गृहस्थी का दिखाया रूप: पार्वती से विवाह करके, आपने गृहस्थ जीवन का रूप दिखाया।

गणेश और कार्तिकेय संग, भरा परिवार का कूप: गणेश और कार्तिकेय के साथ, परिवार का कुआँ (खुशियों से) भर दिया।

योगीराज, आदि गुरु हो, ध्यान में लीन सदा: आप योगीराज, आदि गुरु हो, हमेशा ध्यान में लीन रहते हो।

कैलाश की ऊँची चोटी पर, विराजते हो तुम कदा: कैलाश की ऊँची चोटी पर आप हमेशा विराजमान रहते हो।

5. भोलेनाथ कहलाते हो, थोड़ी भक्ति से हो प्रसन्न, 😊
जल चढ़ाने से ही खुश हो, करते हो दुख का हनन।
रावण जैसे भक्तों को भी, दिया तुमने वरदान,
शक्ति और करुणा का, तुम हो सच्चा अभिमान। 💪

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ:

भोलेनाथ कहलाते हो, थोड़ी भक्ति से हो प्रसन्न: आप भोलेनाथ कहलाते हो, थोड़ी सी भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हो।

जल चढ़ाने से ही खुश हो, करते हो दुख का हनन: जल चढ़ाने से ही खुश हो जाते हो, और दुखों का नाश करते हो।

रावण जैसे भक्तों को भी, दिया तुमने वरदान: आपने रावण जैसे भक्तों को भी वरदान दिया।

शक्ति और करुणा का, तुम हो सच्चा अभिमान: आप शक्ति और करुणा का सच्चा अभिमान हो।

6. त्रिशूल तुम्हारा संहार का, डमरू सृष्टि की है धुन, 🔱🥁
तीसरी आँख से देखो तुम, सत्य का हर एक गुण।
नंदी है वाहन तुम्हारा, जो है धर्म का प्रतीक, 🐂
हर जीव में है शिव का वास, ये ज्ञान है अतिरिक। 🌌

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ:

त्रिशूल तुम्हारा संहार का, डमरू सृष्टि की है धुन: आपका त्रिशूल संहार का है, डमरू सृष्टि की धुन है।

तीसरी आँख से देखो तुम, सत्य का हर एक गुण: आप तीसरी आँख से सत्य के हर गुण को देखते हो।

नंदी है वाहन तुम्हारा, जो है धर्म का प्रतीक: नंदी आपका वाहन है, जो धर्म का प्रतीक है।

हर जीव में है शिव का वास, ये ज्ञान है अतिरिक: हर जीव में शिव का वास है, यह ज्ञान अतिरिक्त है।

7. हे महादेव, हे विश्वनाथ, कृपा करो हम सब पर, 🙏
आपकी भक्ति में डूबे रहें, सुख-शांति मिले निरंतर।
हर कण में है तेरा वास, कण-कण में तेरा ध्यान,
शिवमय हो जीवन हमारा, यही है अब वरदान। ✨💖

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ:

हे महादेव, हे विश्वनाथ, कृपा करो हम सब पर: हे महादेव, हे विश्वनाथ, हम सब पर कृपा करो।

आपकी भक्ति में डूबे रहें, सुख-शांति मिले निरंतर: हम आपकी भक्ति में डूबे रहें, हमें निरंतर सुख-शांति मिले।

हर कण में है तेरा वास, कण-कण में तेरा ध्यान: हर कण में आपका वास है, हर कण में आपका ध्यान है।

शिवमय हो जीवन हमारा, यही है अब वरदान: हमारा जीवन शिवमय हो जाए, यही अब वरदान है।

कविता का इमोजी सारांश: 🕉�🙏🐍🌊🌙🔱🥁💔💖🏠🧘�♂️🏔�😊💪🐂🌌✨

--अतुल परब
--दिनांक-14.07.2025-सोमवार.
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