संकष्टी चतुर्थी का पावन पर्व 🌟🙏🌙🐘🥳✨🚧🌟👶💰🕊️🧘‍♀️⚕️📚💡🧹🛡️🥟😋📖🗣️💖

Started by Atul Kaviraje, July 14, 2025, 10:28:16 PM

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Atul Kaviraje

संकष्टी चतुर्थी पर हिंदी कविता-

संकष्टी चतुर्थी का पावन पर्व 🌟

१. चरण पहला:
आज है संकष्टी का दिन, ☀️
गणपति आए मेरे घर में।
दुःख सारे अब दूर भगाएँ,
सुख-समृद्धि जीवन में लाएँ।
(अर्थ: आज संकष्टी चतुर्थी का दिन है, भगवान गणेश मेरे घर आएँगे। वे सभी दुखों को दूर करेंगे और जीवन में सुख-समृद्धि लाएँगे।)

२. चरण दूसरा:
मोदक का भोग लगाऊँ मैं, 🥟
चंदन अक्षत सजाऊँ मैं।
मूषक पर विराजे गणेश,
पूर्ण करें मेरे हर क्लेश।
(अर्थ: मैं मोदक का भोग लगाऊँगा, चंदन और अक्षत से सजाऊँगा। चूहे पर विराजमान गणेश जी मेरे सभी कष्टों को दूर करेंगे।)

३. चरण तीसरा:
चंद्रमा का दर्शन करके, 🌕
व्रत को अब मैं तोड़ूँगी।
ज्ञान और बुद्धि के दाता,
हर मन को तुम हो भाता।
(अर्थ: चंद्रमा के दर्शन करने के बाद, अब मैं व्रत खोलूँगी। हे ज्ञान और बुद्धि के दाता, आप हर मन को पसंद आते हैं।)

४. चरण चौथा:
लंबोदर तुम हो दयालु, 🙏
सिद्धि-बुद्धि के हो रखवाले।
रिद्धि-सिद्धि तुम्हारे संग,
रंगो जीवन में सुखद रंग।
**(अर्थ: हे लंबोदर, आप दयालु हैं और सिद्धि-बुद्धि के रक्षक हैं। रिद्धि और सिद्धि आपके साथ हैं, मेरे जीवन में सुखद रंग भर दो।) **

५. चरण पाँचवाँ:
हाथी जैसी तुम्हारी काया, 🐘
शुभ कार्यों की हो तुम माया।
प्रथम पूज्य हो तुम ही देव,
करते हैं सब जन तुम्हारी सेव।
(अर्थ: हाथी जैसी आपकी काया है, आप शुभ कार्यों की माया हैं। आप ही पहले पूजे जाने वाले देवता हैं, सभी लोग आपकी सेवा करते हैं।)

६. चरण छठा:
कष्ट निवारक तुम ही स्वामी, 🚧
तुम ही मेरे अन्तर्यामी।
जो भी तुमको श्रद्धा से पूजे,
उसके घर में सुख ही गूँजे।
(अर्थ: आप ही कष्टों को दूर करने वाले स्वामी हैं, आप ही मेरे अंतर्यामी हैं। जो भी आपको श्रद्धा से पूजता है, उसके घर में केवल सुख ही गूँजता है।)

७. चरण सातवाँ:
आज के दिन ये प्रार्थना, ✨
हर घर में रहे शांति का वासना।
गणपति बप्पा मोरया,
मंगल मूर्ति मोरया।
(अर्थ: आज के दिन यह प्रार्थना है कि हर घर में शांति का वास हो। गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया।)

सारांश इमोजी: 🙏🌙🐘🥳✨🚧🌟👶💰🕊�🧘�♀️⚕️📚💡🧹🛡�🥟😋📖🗣�💖

यह संकष्टी चतुर्थी आपके जीवन में अपार सुख और शांति लाए। 🙏

--अतुल परब
--दिनांक-14.07.2025-सोमवार.
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