गणेश ध्वनि और भक्ति भावना-कविता- गणेश की ध्वनि, भक्ति का रंग 🐘🎶🙏📢✨🤝🚧💪🥁🥳

Started by Atul Kaviraje, July 15, 2025, 10:16:24 PM

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Atul Kaviraje

गणेश ध्वनि और भक्ति भावना पर हिंदी कविता

गणेश की ध्वनि, भक्ति का रंग 🐘🎶

१. चरण पहला:
गणपति बप्पा मोरया, 📢
खुशियों का सागर भर दिया।
ध्वनि तेरी जब गूँजती है,
हर मन में आशा जागती है।
(अर्थ: गणपति बप्पा मोरया की ध्वनि से खुशियों का सागर भर जाता है। जब आपकी ध्वनि गूँजती है, तो हर मन में आशा जागती है।)

२. चरण दूसरा:
गजर्ना तेरी, शक्ति अपार, 💪
मिटा दे हर बाधा, हर हार।
विश्वासी मन तेरा ही नाम लेता,
तू ही तो है विघ्नहर्ता।
(अर्थ: आपकी गजर्ना (आवाज़) में अपार शक्ति है, यह हर बाधा और हार को मिटा देती है। विश्वासी मन आपका ही नाम लेता है, आप ही विघ्नहर्ता हैं।)

३. चरण तीसरा:
मोदक प्रिय, मूषक सवारी, 🥟
तू ही तो है देव हितकारी।
भक्ति के रंग जब चढ़ जाते,
हर दुःख-संकट दूर भगाते।
(अर्थ: मोदक प्रिय हैं, मूषक आपकी सवारी है, आप ही तो हितकारी देवता हैं। जब भक्ति के रंग चढ़ जाते हैं, तो हर दुःख-संकट दूर भाग जाते हैं।)

४. चरण चौथा:
ढोल-नगाड़ों की थाप पे नाचे, 🥁
भक्तों के मन में उमंगें गाजें।
एकता का पाठ तू सिखाए,
मिलकर सब तुझको ध्याएँ।
(अर्थ: ढोल-नगाड़ों की थाप पर भक्त नाचते हैं, उनके मन में उमंगें उठती हैं। आप एकता का पाठ सिखाते हैं, सब मिलकर आपका ध्यान करते हैं।)

५. चरण पाँचवाँ:
ज्ञान और बुद्धि के तुम दाता, 💡
हर शिशु को तुम हो भाता।
तेरी कृपा से सब कुछ संभव,
जीवन में आए सुख का अनुभव।
(अर्थ: आप ज्ञान और बुद्धि के दाता हैं, आप हर बच्चे को पसंद आते हैं। आपकी कृपा से सब कुछ संभव है, जीवन में सुख का अनुभव आता है।)

६. चरण छठा:
विसर्जन में आँखें भर आएँ, 😭
अगले बरस फिर तुम आ जाओ।
कहते-कहते मन हर्षाए,
तेरा नाम सदा मन में समाए।
(अर्थ: विसर्जन में आँखें भर आती हैं, अगले साल फिर आप आ जाएँ। कहते-कहते मन प्रसन्न हो उठता है, आपका नाम सदा मन में बसा रहे।)

७. चरण सातवाँ:
जय गणेश, जय गणपति देवा, 🙏
स्वीकारो हमारी ये सेवा।
भक्ति का ये अमृत रस है,
तू ही हमारा सच्चा बस है।
(अर्थ: जय गणेश, जय गणपति देवा, हमारी यह सेवा स्वीकार करें। यह भक्ति का अमृत रस है, आप ही हमारे सच्चे आश्रय हैं।)

सारांश इमोजी: 🐘🎶🙏📢✨🤝🚧💪🥁🥳🧘�♀️😌💖🏛�👶🌟🕉�🌌🎨😭

गणेश ध्वनि और भक्ति भावना का यह संगम हमारे जीवन में शांति, शक्ति और खुशियाँ लाए।

--अतुल परब
--दिनांक-15.07.2025-मंगळवार.
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