बाळमुकुंद बालावधूत पुण्यतिथि पर हिंदी कविता-🪔🌺🙏😌📖🌅🕌

Started by Atul Kaviraje, July 16, 2025, 10:31:29 PM

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Atul Kaviraje

बाळमुकुंद बालावधूत पुण्यतिथि पर हिंदी कविता-

कोल्हापूर की धरती पर, एक संत हुए महान,
बाळमुकुंद बालावधूत, जिनका है दिव्य ज्ञान।
आज है उनकी पुण्यतिथि, करते हैं हम नमन,
श्रद्धा से झुका है आज, हर एक भक्त का मन।
अर्थ: कोल्हापूर की धरती पर एक महान संत हुए, बाळमुकुंद बालावधूत, जिनका ज्ञान दिव्य है। आज उनकी पुण्यतिथि है, हम उन्हें नमन करते हैं, आज हर भक्त का मन श्रद्धा से झुका हुआ है।

भक्ति का मार्ग दिखाया, त्याग का पाठ पढ़ाया,
जीवन के हर कण में, ईश्वर को दर्शाया।
माया मोह से ऊपर, उनका था जीवन,
आध्यात्मिक शांति का, दिया हमें दर्शन।
अर्थ: उन्होंने भक्ति का मार्ग दिखाया और त्याग का पाठ पढ़ाया, जीवन के हर कण में ईश्वर का दर्शन कराया। उनका जीवन माया और मोह से ऊपर था, उन्होंने हमें आध्यात्मिक शांति का दर्शन कराया।

भेदभाव की दीवारें, उन्होंने तोड़ डालीं,
प्रेम और समरसता की, राहें उन्होंने पालीं।
ज्ञान की गंगा बहाई, हर ओर उजाला,
मिटा दिया अज्ञान का, हर एक काला।
अर्थ: उन्होंने भेदभाव की दीवारों को तोड़ डाला, और प्रेम व समरसता की राहें अपनाईं। उन्होंने ज्ञान की गंगा बहाई, चारों ओर उजाला किया, अज्ञान के हर अंधेरे को मिटा दिया।

वाणी उनकी अमृत थी, हर शब्द था उपदेश,
जीवन को जीने का, दिया सच्चा संदेश।
सादगी उनकी पहचान, पवित्र था व्यवहार,
भक्तों के लिए वे थे, प्रभु का उपहार।
अर्थ: उनकी वाणी अमृत के समान थी, हर शब्द उपदेश था, उन्होंने जीवन को जीने का सच्चा संदेश दिया। सादगी उनकी पहचान थी, उनका व्यवहार पवित्र था, भक्तों के लिए वे प्रभु का उपहार थे।

कोल्हापूर का धाम, है पावन आज भी,
उनकी कृपा की वर्षा, होती है आज भी।
दर्शन करने आते हैं, दूर-दूर से लोग,
मिट जाते हैं उनके, हर दुख और रोग।
अर्थ: कोल्हापूर का धाम आज भी पवित्र है, और उनकी कृपा की वर्षा आज भी होती है। दूर-दूर से लोग उनके दर्शन करने आते हैं, उनके हर दुख और रोग मिट जाते हैं।

प्रेरणा के वे पुंज हैं, मार्गदर्शक हैं हमारे,
उनके आदर्शों से, जीवन को संवारें।
हम सब मिलकर आज, यह वचन लेते हैं,
उनके दिखाए पथ पर, सदा चलते रहते हैं।
अर्थ: वे प्रेरणा के पुंज हैं, हमारे मार्गदर्शक हैं, उनके आदर्शों से हम अपने जीवन को संवारें। हम सब मिलकर आज यह वचन लेते हैं, कि उनके दिखाए मार्ग पर हमेशा चलते रहेंगे।

पुण्यतिथि पर उनकी, करते हैं प्रणाम,
बाळमुकुंद बालावधूत, अमर है तेरा नाम।
शांति और आनंद का, फैला दो प्रकाश,
तुम्हारे चरणों में प्रभु, हम करते हैं अरदास।
अर्थ: उनकी पुण्यतिथि पर हम प्रणाम करते हैं, बाळमुकुंद बालावधूत, तुम्हारा नाम अमर है। शांति और आनंद का प्रकाश फैला दो, प्रभु, हम तुम्हारे चरणों में यह प्रार्थना करते हैं।

कविता का संक्षिप्त अर्थ
यह कविता संत बाळमुकुंद बालावधूत जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है। इसमें उनके जीवन के मुख्य पहलुओं जैसे भक्ति, त्याग, ज्ञान का प्रसार, सामाजिक समरसता और सादगी का वर्णन किया गया है। कविता भक्तों की श्रद्धा और उनके आदर्शों को अपनाने के संकल्प को व्यक्त करती है, यह प्रार्थना करती है कि उनकी शिक्षाएं हमेशा हमारे जीवन को प्रकाशित करती रहें।

कविता के लिए प्रतीक और इमोजी
दीपक: 🪔 ज्ञान और प्रकाश।

पवित्र फूल: 🌺 शुद्धता और समर्पण।

हाथ जोड़े हुए: 🙏 श्रद्धा और भक्ति।

शांत चेहरा/मुद्रा: 😌 शांति और ध्यान।

ज्ञान की पुस्तक: 📖 शिक्षा और उपदेश।

उगता सूरज: 🌅 प्रेरणा और आशा।

मंदिर का शिखर: 🕌 पवित्रता और आध्यात्मिकता।

कविता का इमोजी सारांश
🪔🌺🙏😌📖🌅🕌

--अतुल परब
--दिनांक-16.07.2025-बुधवार.
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