विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस: न्याय की वैश्विक पुकार -१७ जुलाई २०२५ - 1-

Started by Atul Kaviraje, July 18, 2025, 05:30:18 PM

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Atul Kaviraje

विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस - गुरुवार - 17 जुलाई, 2025 -

आज, १७ जुलाई २०२५, गुरुवार को विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन न्याय के महत्व, पीड़ितों के अधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के प्रयासों को समर्पित है।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस: न्याय की वैश्विक पुकार (१७ जुलाई २०२५ - गुरुवार)

आज, १७ जुलाई २०२५, गुरुवार को दुनिया भर में विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन न्याय की सार्वभौमिक अवधारणा को समर्पित है, जो यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि सबसे जघन्य अपराधों - जैसे नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध और आक्रामकता के अपराध - के लिए जवाबदेही हो। यह दिन पीड़ितों को न्याय दिलाने और भविष्य में ऐसे अत्याचारों को रोकने के प्रयासों को याद दिलाता है।

आइए, इस महत्वपूर्ण दिवस के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझते हैं:

१. विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस क्यों मनाया जाता है?
१७ जुलाई को यह दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन १९९८ में रोम संविधि (Rome Statute) को अपनाया गया था, जिसने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (International Criminal Court - ICC) की स्थापना की नींव रखी। यह संविधि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्याय के इतिहास में एक मील का पत्थर है, जिसने व्यक्तियों को अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए एक स्थायी न्यायालय की स्थापना की। यह दिन न्याय, पीड़ितों के अधिकारों और गंभीर अपराधों के लिए जवाबदेही के महत्व पर जोर देता है।
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२. अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की भूमिका
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) एक स्थायी अंतर्राष्ट्रीय अदालत है जिसका उद्देश्य उन व्यक्तियों पर मुकदमा चलाना है जो नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध और आक्रामकता के अपराध जैसे सबसे गंभीर अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं। इसका मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे अपराधों के अपराधी दंडित हों, और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके। ICC उन मामलों में कार्रवाई करता है जब राष्ट्रीय न्यायालय ऐसा करने में असमर्थ या अनिच्छुक होते हैं।
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३. रोम संविधि का महत्व
रोम संविधि न केवल ICC की स्थापना करती है, बल्कि यह उन अपराधों को भी परिभाषित करती है जिनके लिए ICC का अधिकार क्षेत्र है। यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक अभूतपूर्व दस्तावेज है, जिसने व्यक्तियों की जवाबदेही का सिद्धांत स्थापित किया, भले ही वे राज्य के प्रमुख क्यों न हों। इसने पीड़ितों की भूमिका और उनके अधिकारों को भी मान्यता दी, जिससे उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेने और मुआवजे का दावा करने का अवसर मिला।
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४. अंतर्राष्ट्रीय न्याय के सिद्धांत
अंतर्राष्ट्रीय न्याय कुछ प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है:

जवाबदेही: कोई भी व्यक्ति सबसे गंभीर अपराधों के लिए दंड से बच नहीं सकता।

गैर-प्रतिरक्षा: राज्य के प्रमुख या सैन्य नेता होने से कोई प्रतिरक्षा प्राप्त नहीं होती।

पीड़ितों के अधिकार: पीड़ितों को न्याय और reparations (क्षतिपूर्ति) का अधिकार है।

रोकथाम: जवाबदेही से भविष्य के अपराधों को रोकने में मदद मिलती है।
ये सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों की आधारशिला हैं।
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५. पीड़ितों के अधिकारों का संरक्षण
विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस पीड़ितों के अधिकारों को केंद्र में रखता है। ICC पीड़ितों को कार्यवाही में भाग लेने, अपनी आवाज उठाने और सुनवाई के दौरान सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार देता है। यह पीड़ितों के लिए एक ट्रस्ट फंड भी स्थापित करता है जो उन लोगों को सहायता प्रदान करता है जिन्हें गंभीर अपराधों से नुकसान हुआ है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि न्याय केवल सजा नहीं, बल्कि पीड़ितों का पुनर्वास भी हो।
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इमोजी सारांश:
विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस का महत्व समझाते हुए: 📅⚖️📜🕊�🏛�🌍👮�♂️📝🌐🤝🛡�💔🗣�💖🚧❓💰🌍🤝🕊�🌱🚨👨�⚖️📈👤👥💡🌟 - ये इमोजी ICC के स्थापना दिवस, उसके कार्यों, सिद्धांतों, चुनौतियों, पीड़ितों के अधिकारों, और न्याय व शांति के बीच के संबंध को दर्शाते हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-17.07.2025-गुरुवार.
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