कविता: शिव पूजा: शास्त्रों में परिभाषाएँ -🕉️🙏✨🪨🌀🌸🕯️💧🥛📿🗣️🌿💜🌙🧘‍♂️🌌

Started by Atul Kaviraje, July 21, 2025, 10:12:00 PM

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Atul Kaviraje

हिंदी कविता: शिव पूजा: शास्त्रों में परिभाषाएँ - भक्तिमय स्तुति 🕉�

१. शिव का स्वरूप
शिव नाम है कल्याण का, शुभता का आधार, 🕉�
अनादि, अनंत, अजर हैं, हैं वो सृष्टि का सार।
निराकार ॐ में समाए, साकार हैं शंकर,
कण-कण में है वास उनका, हर देवों में ऊपर।
अर्थ: शिव नाम कल्याण और शुभता का आधार है। वे अनादि, अनंत, अजर हैं और सृष्टि का सार हैं। निराकार ॐ में समाए हुए हैं और साकार रूप में शंकर हैं। कण-कण में उनका वास है, वे सभी देवताओं से ऊपर हैं।

२. लिंग पूजा का भेद
लिंग रूप में शिव दिखते, ब्रह्मांड का वो प्रतीक, 🪨🌀
अहंकार को मिटाते, देते ज्ञान की सीख।
जल, दूध से अभिषेक, मन को करते पवित्र,
ये पूजा ना केवल कर्म, ये तो है पावन चित्र।
अर्थ: शिवलिंग शिव के निराकार स्वरूप और ब्रह्मांड का प्रतीक हैं। यह अहंकार को मिटाते हैं और ज्ञान की सीख देते हैं। जल और दूध से अभिषेक करने से मन पवित्र होता है। यह पूजा केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि एक पावन चित्र है।

३. मंत्रों की शक्ति
ॐ नमः शिवाय का, जो भी करे जप, 📿🗣�
महामृत्युंजय मंत्र से, मिटें सारे संताप।
हर श्वास में शिव नाम, बस जाए मन में,
आंतरिक शांति मिले, हर मुश्किल में।
अर्थ: जो भी 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करता है, और महामृत्युंजय मंत्र से सभी कष्ट मिट जाते हैं। हर श्वास में शिव नाम मन में बस जाए, तो हर मुश्किल में आंतरिक शांति मिलती है।

४. बेलपत्र का अर्पण
बेलपत्र और धतूरा, प्रिय हैं शिव को अति, 🌿💜
विषपान कर संभाला, संसार की ये गति।
जो भी सच्चे मन से, चढ़ाए ये फूल,
शिव भोले भंडारी हैं, करते ना कोई भूल।
अर्थ: बेलपत्र और धतूरा शिव को बहुत प्रिय हैं। उन्होंने विषपान कर संसार की गति को संभाला था। जो भी सच्चे मन से ये फूल चढ़ाता है, शिव भोले भंडारी हैं, वे कभी भूल नहीं करते (अर्थात वे भक्त पर कृपा करते हैं)।

५. सोमवार का व्रत
सोमवार का दिन पावन, शिवरात्रि का त्यौहार, 🌙 fasting
शिव-पार्वती का मिलन, खुशियों की बहार।
व्रत और तप से शिव को, करें प्रसन्न हम,
आशीर्वाद पाएं उनका, मिटा लें हर गम।
अर्थ: सोमवार का दिन पावन है, शिवरात्रि का त्यौहार है, यह शिव-पार्वती के मिलन और खुशियों की बहार है। व्रत और तप से हम शिव को प्रसन्न करें, उनका आशीर्वाद पाएं और हर दुख मिटा लें।

६. ध्यान और योग
आदियोगी हैं शिव, ध्यान में जो लीन, 🧘�♂️🌌
योग से पाते हैं मुक्ति, हर दुःख हर पीन।
बाहर की पूजा से बढ़कर, मन की शुद्धि है प्यारी,
आत्मा से परमात्मा को, जोड़ती ये यारी।
अर्थ: शिव आदियोगी हैं, जो ध्यान में लीन रहते हैं। योग से मुक्ति मिलती है, हर दुःख और पीड़ा दूर होती है। बाहरी पूजा से बढ़कर मन की शुद्धि प्यारी है, यह आत्मा को परमात्मा से जोड़ती है।

७. मोक्ष का मार्ग
शिव की भक्ति से मिले, कल्याण और मोक्ष, 🌊💫
भक्तों को वो देते हैं, हर संकट से रोक।
करुणा की है मूर्ति वो, जो हैं दयालु बड़े,
शिव की शरण में आओ, हर पाप से तुम लड़ो। 🙏💖
अर्थ: शिव की भक्ति से कल्याण और मोक्ष मिलता है, वे भक्तों को हर संकट से बचाते हैं। वे करुणा की मूर्ति हैं, जो बहुत दयालु हैं। शिव की शरण में आओ, और हर पाप से तुम लड़ो।

चित्र: शिव का ध्यान करते हुए चित्र 🧘�♂️, शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हाथ 🌿💧, ॐ (ओम) का प्रतीक 🕉�, डमरू 🥁, त्रिशूल 🔱, चमकते तारे 🌟.
प्रतीक: सर्प 🐍 (शक्ति), चंद्रमा 🌙 (शांति), तीसरा नेत्र (ज्ञान), गंगा की लहरें (पवित्रता), हाथ जोड़ना (भक्ति).

इमोजी सारांश: 🕉�🙏✨🪨🌀🌸🕯�💧🥛📿🗣�🌿💜🌙🧘�♂️🌌🌊💫🐍🥁🔱🌟

--अतुल परब
--दिनांक-21.07.2025-सोमवार.
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