कविता: "शिव परिवार: दिव्य आदर्श"🔱🧘🌺🤱🐘💡🗡️💪👨‍👩‍👧‍👦💖🤝🌍📚🌟

Started by Atul Kaviraje, July 22, 2025, 10:04:23 PM

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Atul Kaviraje

दीर्घ हिंदी कविता: "शिव परिवार: दिव्य आदर्श"

१. पहला चरण: शिव परिवार का वैभव
कैलाश पर विराजे शिव, संग पार्वती माता,
गणेश और कार्तिकेय, परिवार की है ये गाथा।
नंदी और सर्प भी हैं, अद्भुत है यह मेल,
दिव्यता का संगम है, जीवन का है ये खेल।
अर्थ: कैलाश पर्वत पर भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान हैं, गणेश और कार्तिकेय भी हैं, यह परिवार की कहानी है। नंदी और सर्प भी हैं, यह अद्भुत मेल है, यह दिव्यता का संगम है, यह जीवन का खेल है।

२. दूसरा चरण: शिव की महानता
भोलेनाथ हैं वैरागी, फिर भी गृहस्थ का भार,
त्याग और तपस्या से, करते सबका उद्धार।
विष पीकर नीलकंठ बने, देते हैं कल्याण,
शिव से मिलती है हमें, शक्ति और ज्ञान।
अर्थ: भोलेनाथ वैरागी हैं, फिर भी गृहस्थ जीवन का भार संभालते हैं, त्याग और तपस्या से सबका उद्धार करते हैं। विष पीकर नीलकंठ बने, कल्याण करते हैं, शिव से हमें शक्ति और ज्ञान मिलता है।

३. तीसरा चरण: पार्वती की ममता
शक्ति स्वरूपा पार्वती, ममता की वो खान,
अपने पुत्रों पर लुटाती, असीम प्यार का दान।
शिव के प्रति समर्पण, उनकी है अनमोल,
नारी शक्ति का प्रतीक, जीवन का वो मोल।
अर्थ: शक्ति स्वरूपा पार्वती ममता की खान हैं, अपने पुत्रों पर असीम प्यार लुटाती हैं। शिव के प्रति उनका समर्पण अनमोल है, वह नारी शक्ति का प्रतीक और जीवन का मूल्य हैं।

४. चौथा चरण: गणेश की बुद्धि
प्रथम पूज्य श्री गणेश, बुद्धि के हैं दाता,
विघ्न हरें वो सारे, शुभ काम में आते।
मूषक पर सवारी करते, हैं वो बड़े प्यारे,
ज्ञान की राह दिखाते, हर भक्त के सहारे।
अर्थ: प्रथम पूज्य श्री गणेश बुद्धि के दाता हैं, वे सारे विघ्न हरते हैं और शुभ कामों में आते हैं। मूषक पर सवारी करते हैं, वे बड़े प्यारे हैं, ज्ञान की राह दिखाते हैं, हर भक्त के सहारे।

५. पाँचवाँ चरण: कार्तिकेय का शौर्य
कार्तिकेय हैं सेनापति, शौर्य और पराक्रम,
बुराई का करते नाश, दिखाते हैं हर दम।
मुरगन के नाम से पूजे, दक्षिण में हैं प्यारे,
नेतृत्व की कला सिखाते, जीत के हैं वो नारे।
अर्थ: कार्तिकेय सेनापति हैं, शौर्य और पराक्रम से भरे हैं, वे हरदम बुराई का नाश करते हैं। मुरुगन के नाम से पूजे जाते हैं, दक्षिण में प्यारे हैं, नेतृत्व की कला सिखाते हैं, जीत के नारे हैं।

६. छठा चरण: अद्भुत सहिष्णुता
सर्प, मूषक, मोर और नंदी, सब एक साथ रहते,
आपस में प्रेम से रहते, शांति का पाठ कहते।
विरोधियों को भी गले लगाना, यह इनकी है रीत,
सहिष्णुता का ये संदेश, जीवन का सच्चा मीत।
अर्थ: सर्प, मूषक, मोर और नंदी सब एक साथ रहते हैं, आपस में प्रेम से रहते हुए शांति का पाठ कहते हैं। विरोधियों को भी गले लगाना इनकी रीति है, सहिष्णुता का यह संदेश जीवन का सच्चा मित्र है।

७. सातवाँ चरण: आदर्शों का प्रकाश
यह परिवार सिखाता है, जीवन का हर सार,
प्रेम, त्याग, सहिष्णुता, सद्भाव का आधार।
आओ हम भी सीखें इनसे, जीवन को संवारें,
शिव परिवार के आदर्शों पर, अपना जीवन वारें।
अर्थ: यह परिवार जीवन का हर सार सिखाता है, प्रेम, त्याग, सहिष्णुता और सद्भाव का आधार है। आओ हम भी इनसे सीखें और अपने जीवन को संवारें, शिव परिवार के आदर्शों पर अपना जीवन न्योछावर करें।

कविता का अर्थ (Short Meaning of the Poem):
यह कविता शिव परिवार के प्रत्येक सदस्य के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है। यह भगवान शिव के त्याग, देवी पार्वती की शक्ति और ममता, गणेश की बुद्धि और शुभता, तथा कार्तिकेय के शौर्य का वर्णन करती है। कविता विशेष रूप से इस परिवार की अनूठी सहिष्णुता और सद्भाव पर जोर देती है, जहाँ विपरीत स्वभाव वाले प्राणी भी शांति से रहते हैं। यह भारतीय परिवारों और समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करती है, जो प्रेम, त्याग और सहिष्णुता के मूल्यों पर आधारित है।

प्रतीक और इमोजी (Symbols and Emojis for the Poem):

शिव 🔱🧘: ध्यान और दिव्य शक्ति।

पार्वती 🌺🤱: ममता और शक्ति।

गणेश 🐘💡: बुद्धि और शुभता।

कार्तिकेय 🗡�💪: साहस और शक्ति।

परिवार 👨�👩�👧�👦💖: प्रेम और एकता।

सहिष्णुता 🤝🌍: सद्भाव और सह-अस्तित्व।

ज्ञान 📚🌟: जीवन के आदर्श और प्रकाश।

इमोजी सारांश (Emoji Summary):
🔱🧘🌺🤱🐘💡🗡�💪👨�👩�👧�👦💖🤝🌍📚🌟 - शिव परिवार: त्याग, शक्ति, ज्ञान, साहस, प्रेम और सहिष्णुता के दिव्य आदर्शों का प्रतीक, जो जीवन को आलोकित करता है।

--अतुल परब
--दिनांक-22.07.2025-मंगळवार.
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