लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जयंती पर हिंदी कविता-🌅✊✒️🎉📚🔥🙏🇮🇳

Started by Atul Kaviraje, July 23, 2025, 10:24:12 PM

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Atul Kaviraje

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जयंती पर हिंदी कविता-

जयंती लोकमान्य की आज, 🌅
तिलक वीर, महान थे।
स्वतंत्रता का किया आगाज़,
राष्ट्र के वे ही प्राण थे।
(अर्थ: आज लोकमान्य तिलक की जयंती है, वे एक महान वीर थे। उन्होंने स्वतंत्रता की शुरुआत की, वे राष्ट्र के प्राण थे।)

"स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार", ✊
यह नारा उन्होंने दिया।
हर दिल में भरा था प्यार,
ब्रिटिश राज को हिला दिया।
(अर्थ: "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है", यह नारा उन्होंने दिया। उन्होंने हर दिल में प्रेम भरा और ब्रिटिश शासन को हिला दिया।)

केसरी और मराठा के थे लेखक, ✒️
ज्ञान की ज्योत जलाई।
जन-जन को किया था प्रेरक,
सोती चेतना जगाई।
(अर्थ: वे केसरी और मराठा के लेखक थे, उन्होंने ज्ञान की ज्योति जलाई। उन्होंने लोगों को प्रेरित किया और सोई हुई चेतना को जगाया।)

गणेश-शिवाजी उत्सव शुरू किए, 🎉
एकता का दिया पाठ।
देश को एकजुट किए,
बढ़ाया था देश का ठाठ।
(अर्थ: उन्होंने गणेश और शिवाजी उत्सव शुरू किए, एकता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने देश को एकजुट किया और देश की शान बढ़ाई।)

मांडले की जेल में लिखा गीता-रहस्य, 📚
कर्मयोग का ज्ञान दिया।
उनका जीवन था एक भव्य,
देशभक्ति का दान दिया।
(अर्थ: उन्होंने मांडले जेल में गीता-रहस्य लिखी, कर्मयोग का ज्ञान दिया। उनका जीवन भव्य था, उन्होंने देशभक्ति का दान दिया।)

लाल-बाल-पाल की तिकड़ी थी, 🔥
गरम दल के थे नेता।
आज़ादी की लड़ी लड़ाई थी,
थे वे सच्चे भाग्य-विधाता।
(अर्थ: वे लाल-बाल-पाल की तिकड़ी में थे, गरम दल के नेता थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी, वे सच्चे भाग्य-विधाता थे।)

लोकमान्य कहलाए जनता से, 🙏
त्याग और तप का प्रतीक।
उनकी प्रेरणा अमर है हमसे,
सदा करेंगे उन्हें याद ठीक।
(अर्थ: वे जनता से लोकमान्य कहलाए, त्याग और तपस्या के प्रतीक थे। उनकी प्रेरणा हम में अमर है, हम उन्हें हमेशा याद करेंगे।)

इमोजी सारांश: 🌅✊✒️🎉📚🔥🙏🇮🇳
 
--अतुल परब
--दिनांक-23.07.2025-बुधवार.
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