स्वयंज्योती मुळे महाराज पुण्यतिथि पर हिंदी कविता-🌸✨🏡📚🧘‍♂️🌿🙏🕊️

Started by Atul Kaviraje, July 23, 2025, 10:25:39 PM

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Atul Kaviraje

स्वयंज्योती मुळे महाराज पुण्यतिथि पर हिंदी कविता-

आज पुण्यतिथि है उस संत की, 🌸
स्वयंज्योती मुळे महाराज।
ज्ञान की ज्योत जगाई थी,
जीवन का दिया था राज।
(अर्थ: आज स्वयंज्योती मुळे महाराज की पुण्यतिथि है। उन्होंने ज्ञान की ज्योति जलाई थी और जीवन का रहस्य बताया था।)

सतारा की भूमि से जन्मे, ✨
आत्मा की राह दिखाई।
अज्ञान के तिमिर को हरते,
दिव्य प्रकाश फैलाई।
(अर्थ: वे सतारा की भूमि में जन्मे थे, उन्होंने आत्मा का मार्ग दिखाया। अज्ञान के अंधकार को दूर करते हुए, उन्होंने दिव्य प्रकाश फैलाया।)

सादगी ही जिनका गहना था, 🏡
कर्म था सेवा का सार।
दिन-दुखियों का सहारा था,
बाँटा प्रेम का उपहार।
(अर्थ: सादगी ही उनका गहना था, सेवा ही उनके कर्म का सार थी। वे दीन-दुखियों का सहारा थे, उन्होंने प्रेम का उपहार बांटा।)

ज्ञान बांटा था प्रवचनों से, 📚
भक्ति का दिया संदेश।
मन को शुद्ध किया वचनों से,
मिटाया हर क्लेश।
(अर्थ: उन्होंने अपने प्रवचनों से ज्ञान बांटा, भक्ति का संदेश दिया। उन्होंने अपने वचनों से मन को शुद्ध किया और हर कष्ट मिटाया।)

गुरु-शिष्य की परंपरा से, 🧘�♂️
शिष्यों को राह दिखाई।
त्याग और तप की धारा से,
परमात्मा तक पहुंचाई।
(अर्थ: उन्होंने गुरु-शिष्य की परंपरा से शिष्यों को राह दिखाई। त्याग और तपस्या की धारा से उन्हें परमात्मा तक पहुंचाया।)

शांत स्वभाव और विनम्रता, 🌿
हर दिल में बसते थे।
उनकी वाणी में थी ममता,
जो सबको भाते थे।
(अर्थ: उनका स्वभाव शांत और विनम्र था, वे हर दिल में बसते थे। उनकी वाणी में ममता थी, जो सबको पसंद आती थी।)

पुण्यतिथि पर करें स्मरण, 🙏
उनके त्याग, तप और ज्ञान का।
जीवन में करें उनका अनुसरण,
मिलेगा हमें भी सच्चा स्थान का।
(अर्थ: पुण्यतिथि पर हम उनके त्याग, तपस्या और ज्ञान का स्मरण करें। हम उनके जीवन का अनुसरण करें, हमें भी सच्चा स्थान मिलेगा।)

इमोजी सारांश: 🌸✨🏡📚🧘�♂️🌿🙏🕊�

--अतुल परब
--दिनांक-23.07.2025-बुधवार.
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