विदेशी निवेश और भारत की अर्थव्यवस्था पर हिंदी कविता-🌊💰🧑‍🏭✈️💪🏗️⚠️🇮🇳

Started by Atul Kaviraje, July 23, 2025, 10:29:25 PM

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Atul Kaviraje

विदेशी निवेश और भारत की अर्थव्यवस्था पर हिंदी कविता-

विदेशी निवेश की लहर, 🌊
भारत की धरती पर आई है।
लेकर नई आशा, नया शहर,
उन्नति की राह दिखाई है।
(अर्थ: विदेशी निवेश की लहर भारत की धरती पर आई है। यह नई आशा और नया शहर लेकर आई है, जिसने उन्नति की राह दिखाई है।)

पूंजी का सागर, धन का योग, 💰
उद्योगों को मिलती जान नई।
विकास का बढ़ता हर संयोग,
अर्थव्यवस्था की है शान सही।
(अर्थ: यह पूंजी का सागर, धन का योग है, जिससे उद्योगों को नई जान मिलती है। विकास का हर संयोग बढ़ता है, यह अर्थव्यवस्था की सही शान है।)

रोजगार के खुले नए द्वार, 🧑�🏭
तकनीक का नया आगमन है।
युवाओं को मिला है प्यार,
हर दिल में नया स्पंदन है।
(अर्थ: रोजगार के नए द्वार खुले हैं, तकनीक का नया आगमन हुआ है। युवाओं को प्यार मिला है, हर दिल में नई धड़कन है।)

निर्यात बढ़ा, व्यापार फैला, ✈️
विश्व बाजार में भारत है।
सपनों का हर रंग खिला,
सफलता का अब ये सारथ है।
(अर्थ: निर्यात बढ़ा है, व्यापार फैला है, भारत विश्व बाजार में है। सपनों का हर रंग खिला है, अब यह सफलता का सारथी है।)

प्रतिस्पर्धा बढ़ी, दक्षता आई, 💪
उपभोक्ता को मिला है लाभ।
गुणवत्ता की कदर अब खाई,
हर चीज़ में है अद्भुत छाप।
(अर्थ: प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, दक्षता आई है, उपभोक्ता को लाभ मिला है। गुणवत्ता की कद्र अब हुई है, हर चीज़ में अद्भुत छाप है।)

बुनियादी ढांचे का विकास हुआ, 🏗�
शहरों में चमके हैं पथ।
विदेशी मुद्रा का प्रवाह हुआ,
मजबूत हुआ देश का रथ।
(अर्थ: बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है, शहरों में रास्ते चमक रहे हैं। विदेशी मुद्रा का प्रवाह हुआ है, देश का रथ मजबूत हुआ है।)

चुनौतियाँ भी साथ चलतीं, ⚠️
ध्यान रखना है आवश्यक।
पर प्रगति की राह बनती,
भारत का भविष्य आकर्षक।
(अर्थ: चुनौतियाँ भी साथ चलती हैं, ध्यान रखना आवश्यक है। पर प्रगति की राह बनती है, भारत का भविष्य आकर्षक है।)

इमोजी सारांश: 🌊💰🧑�🏭✈️💪🏗�⚠️🇮🇳

--अतुल परब
--दिनांक-23.07.2025-बुधवार.
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