जरा-जीवन्तिका पूजन: बच्चों के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए प्रार्थना ✨✨👶👧

Started by Atul Kaviraje, July 26, 2025, 10:24:56 AM

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Atul Kaviraje

जरा-जीवन्तिका पूजन-

जरा-जीवन्तिका पूजन: बच्चों के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए प्रार्थना ✨

आज, 25 जुलाई 2025, शुक्रवार को श्रावण मास के पहले शुक्रवार के शुभ अवसर पर जरा-जीवन्तिका पूजन का पवित्र अनुष्ठान किया जा रहा है। यह पूजन मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कुछ अन्य क्षेत्रों में माताओं द्वारा अपनी संतानों के उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और सुरक्षा के लिए किया जाता है। जरा-जीवन्तिका देवी को बच्चों के रक्षक और पोषणकर्ता के रूप में पूजा जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में बच्चों के प्रति माता-पिता के असीम प्रेम और कल्याण की कामना का प्रतीक है।

इस दिन का महत्व और भक्तिभाव पूर्ण विवेचन (10 प्रमुख बिंदु)

संतानों के लिए विशेष पूजन: जरा-जीवन्तिका पूजन विशेष रूप से बच्चों के लिए किया जाता है। माताएँ अपने बच्चों को बीमारियों से बचाने और उन्हें लंबी आयु प्रदान करने के लिए देवी जरा-जीवन्तिका का आह्वान करती हैं। 🧒👧

उदाहरण: नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की माताओं द्वारा यह पूजा अत्यंत श्रद्धापूर्वक की जाती है।

देवी जरा-जीवन्तिका का स्वरूप: जरा-जीवन्तिका देवी को एक पोषणकर्ता और रक्षक देवी के रूप में देखा जाता है। उनकी पूजा से बच्चों को सभी प्रकार के शारीरिक कष्टों और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। 🛡�

श्रावण मास में महत्व: श्रावण मास, जो भगवान शिव और प्रकृति के उत्कर्ष का महीना है, अपने आध्यात्मिक वातावरण के कारण इस प्रकार के पूजन के लिए बहुत शुभ माना जाता है। पहले शुक्रवार का विशेष महत्व होता है। 🌿

पारिवारिक कल्याण की भावना: यह पूजन केवल बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार के स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए भी होता है। यह परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और सामंजस्य लाता है। 👨�👩�👧�👦

परंपरा और विश्वास: यह एक प्राचीन परंपरा है जो पीढ़ियों से चली आ रही है। माताएँ अपनी दादी और नानी से इस पूजन की विधि और महत्व सीखती हैं, जिससे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य अगली पीढ़ी तक पहुँचते हैं। 📜

नैवेद्य और अर्पण: पूजन के दौरान देवी को विशेष नैवेद्य (भोग) अर्पित किया जाता है, जिसमें अक्सर दूध, चावल और मीठी चीजें शामिल होती हैं। यह देवी के प्रति कृतज्ञता और समर्पण का प्रतीक है। 🍚🥛

कथा श्रवण: कई घरों में पूजन के बाद जरा-जीवन्तिका देवी की कथा सुनी जाती है। यह कथा देवी की महिमा और पूजन के महत्व को बताती है, जिससे भक्तों की श्रद्धा और दृढ़ होती है। 📖

स्वास्थ्य और समृद्धि का आह्वान: इस पूजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता का आह्वान करना है। यह उन्हें एक सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने की प्रार्थना है। 🌟

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: माना जाता है कि जरा-जीवन्तिका पूजन बच्चों को बुरी नज़र और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाता है, जिससे वे सुरक्षित और निर्भय होकर बढ़ सकें। 🧿

माता-पिता का निस्वार्थ प्रेम: यह त्योहार माता-पिता, विशेषकर माँ के निस्वार्थ प्रेम, त्याग और समर्पण को दर्शाता है। वे अपने बच्चों के कल्याण के लिए पूरी निष्ठा से यह व्रत और पूजन करती हैं। ❤️

जरा-जीवन्तिका पूजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह माता-पिता के स्नेह, विश्वास और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना का एक जीवंत प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि परंपराएँ कैसे परिवार को जोड़े रखती हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए आशीर्वाद बन जाती हैं।

प्रतीक, चित्र और इमोजी

बच्चे: 👶👧🧒

देवी/पूजा: 🙏✨🌸

सुरक्षा/दीर्घायु: 🛡�⏳

परिवार/प्रेम: 👨�👩�👧�👦❤️

शुभ/पवित्र: 🕉�🌟

इमोजी सारांश (Emoji Summary)
जरा-जीवन्तिका पूजन! ✨👶👧 बच्चों की सुरक्षा 🛡�, दीर्घायु ⏳ और स्वास्थ्य के लिए 🙏। माताओं का प्रेम ❤️ और आशीर्वाद। शुभ श्रावण शुक्रवार! 🌸🕉�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-25.07.2025-शुक्रवार.
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