राष्ट्रीय सब कुछ या कुछ नहीं दिवस-💪🎯🌟🚀📈✨💯

Started by Atul Kaviraje, July 26, 2025, 10:24:11 PM

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Atul Kaviraje

राष्ट्रीय सब कुछ या कुछ नहीं दिवस-

एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सीधीसादी, सरल तुकबंदी

चरण 1
सपना देखा है जो हमने, पूरा उसे करेंगे हम,
आधे मन से नहीं चलेंगे, पूरा जोर लगाएंगे हम।
राहें चाहे कितनी भी हों कठिन, न पीछे हटेंगे हम,
सब कुछ या कुछ नहीं का, पाठ पढ़ेंगे हम।

अर्थ: हमने जो सपने देखे हैं, उन्हें पूरा करने के लिए हम पूरे मन से प्रयास करेंगे। हम आधे-अधूरे मन से काम नहीं करेंगे, बल्कि अपना पूरा जोर लगाएंगे। रास्ते चाहे कितने भी मुश्किल हों, हम पीछे नहीं हटेंगे। हम 'सब कुछ या कुछ नहीं' के सिद्धांत का पालन करेंगे।

चरण 2
लक्ष्य जो साधा है हमने, उस पर ही नज़र रहेगी,
भटकाव की कोई गुंजाइश, अब न यहाँ रहेगी।
मन की शक्ति को हम अब, पूरा परखेंगे,
सब कुछ या कुछ नहीं का, दृढ़ संकल्प रखेंगे।

अर्थ: हमने जो लक्ष्य निर्धारित किया है, हमारी पूरी नज़र उसी पर रहेगी। अब हमें भटकने की कोई गुंजाइश नहीं है। हम अपनी मानसिक शक्ति का पूरा उपयोग करेंगे और 'सब कुछ या कुछ नहीं' का दृढ़ संकल्प बनाए रखेंगे।

चरण 3
हर मुश्किल को ठुकरा कर, आगे बढ़ते जाएंगे,
असफलता से सीखेंगे हम, फिर से प्रयास करेंगे।
गिरेंगे, संभलेंगे लेकिन, हार नहीं मानेंगे,
सब कुछ या कुछ नहीं का, मंत्र अपनाएंगे।

अर्थ: हम हर मुश्किल को नकार कर आगे बढ़ते रहेंगे। हम अपनी असफलताओं से सीखेंगे और फिर से प्रयास करेंगे। हम गिरेंगे, उठेंगे, लेकिन कभी हार नहीं मानेंगे। हम 'सब कुछ या कुछ नहीं' के मंत्र को अपनाएंगे।

चरण 4
समय को व्यर्थ न गँवाएँगे, हर पल का उपयोग करेंगे,
अपनी मेहनत से हम, अपनी किस्मत गढ़ेंगे।
आलस्य को छोड़कर हम, कर्म को पूजेंगे,
सब कुछ या कुछ नहीं का, सार समझेंगे।

अर्थ: हम समय बर्बाद नहीं करेंगे, बल्कि हर पल का सदुपयोग करेंगे। हम अपनी मेहनत से अपनी किस्मत खुद बनाएंगे। हम आलस्य को त्याग कर अपने कर्म को महत्व देंगे और 'सब कुछ या कुछ नहीं' के मूल सिद्धांत को समझेंगे।

चरण 5
अंधेरी रातों में भी, आशा की लौ जलाएंगे,
थक कर बैठ न जाएंगे, मंज़िल तक जाएंगे।
हर बाधा को पार करेंगे, विजय का डंका बजाएंगे,
सब कुछ या कुछ नहीं का, गीत गाएंगे।

अर्थ: हम सबसे मुश्किल समय में भी उम्मीद की किरण जलाए रखेंगे। हम थक कर बैठ नहीं जाएंगे, बल्कि अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे। हम हर बाधा को पार करेंगे और जीत का जश्न मनाएंगे। हम 'सब कुछ या कुछ नहीं' का गीत गाएंगे।

चरण 6
डर को दूर भगाएंगे, आत्मविश्वास बढ़ाएंगे,
सपनों को साकार करने का, बीड़ा उठाएंगे।
सफलता की सीढ़ी पर, कदम बढ़ाएंगे,
सब कुछ या कुछ नहीं का, नारा लगाएंगे।

अर्थ: हम अपने डर को दूर भगाएंगे और अपना आत्मविश्वास बढ़ाएंगे। हम अपने सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी लेंगे। हम सफलता की सीढ़ी पर आगे बढ़ेंगे और 'सब कुछ या कुछ नहीं' का नारा लगाएंगे।

चरण 7
जीवन की राहों में, यह सिद्धांत अपनाएंगे,
हर चुनौती को हम, अवसर बनाएंगे।
पूरे जोश से आगे बढ़ेंगे, पीछे न हटेंगे,
सब कुछ या कुछ नहीं का, जीवन जिएंगे।

अर्थ: हम जीवन की राहों में इस सिद्धांत को अपनाएंगे। हम हर चुनौती को एक अवसर में बदल देंगे। हम पूरे जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़ेंगे और कभी पीछे नहीं हटेंगे। हम 'सब कुछ या कुछ नहीं' के सिद्धांत के साथ अपना जीवन जिएंगे।

कविता के लिए इमोजी सारांश:
💪🎯🌟🚀📈✨💯

--अतुल परब
--दिनांक-26.07.2025-शनिवार.
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