अश्वत्थ मारुति पूजन - 26 जुलाई 2025, शनिवार-2-🙏🌿🐒

Started by Atul Kaviraje, July 27, 2025, 10:26:04 AM

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Atul Kaviraje

अश्वत्थ मारुति पूजन-

अश्वत्थ मारुति पूजन - 26 जुलाई 2025, शनिवार-

6. प्रतीकात्मक अर्थ (Symbols)
पीपल वृक्ष 🌳: देवत्व, अमरता, ज्ञान और त्रिमूर्ति का प्रतीक। यह प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण का भी संदेश देता है।

हनुमान जी 🐒: शक्ति, भक्ति, निस्वार्थ सेवा, बुद्धि और बल का प्रतीक। वे साहस और संकटमोचन के देव हैं।

शनिवार 🌑: कर्मफल दाता शनिदेव का दिन, जो न्याय और अनुशासन का प्रतीक हैं।

लाल रंग ❤️: शक्ति, ऊर्जा और शुभता का प्रतीक।

सिंदूर: ऊर्जा, मंगल और शुभता का प्रतीक, जो हनुमान जी को प्रिय है।

7. पौराणिक कथा और अश्वत्थ
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन के दौरान विष निकला, तो भगवान शिव ने उसे पी लिया। उस समय पीपल वृक्ष की छाया में बैठकर उन्होंने विष के प्रभाव को कम किया। इसीलिए पीपल को शिव का भी प्रिय वृक्ष माना जाता है। हनुमान जी चूंकि शिव के रुद्रावतार हैं, इसलिए पीपल वृक्ष के नीचे उनकी पूजा विशेष फलदायी होती है। एक अन्य मान्यता यह भी है कि देवी लक्ष्मी दरिद्रता के रूप में पीपल पर निवास करती हैं, लेकिन शनिवार को पीपल पर लक्ष्मी का वास नहीं होता, बल्कि भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए शनिवार को पीपल की पूजा करने से शनि के साथ-साथ लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।

8. ध्यान रखने योग्य बातें
पूजन हमेशा स्नान करने के बाद और स्वच्छ मन से करें।

पीपल वृक्ष को बिना स्नान किए और बिना उचित भाव के स्पर्श न करें।

पूजन के दौरान मांस-मदिरा का सेवन न करें।

किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

पूजा के बाद प्रसाद बांटना न भूलें।  प्रसाद वितरण से पुण्य प्राप्त होता है।

शनिवार को पीपल के वृक्ष को बिना पूजा किए नहीं काटना चाहिए।

9. आधुनिक जीवन में प्रासंगिकता
आज के व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन में अश्वत्थ मारुति पूजन मानसिक शांति और सकारात्मकता लाने का एक साधन है। यह हमें प्रकृति से जुड़ने, अपनी जड़ों को समझने और आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव करने का अवसर देता है। यह पूजन हमें सिखाता है कि विश्वास, समर्पण और सकारात्मक कर्म हमें किसी भी चुनौती से पार पाने में मदद कर सकते हैं। यह हमें अपनी समस्याओं का सामना करने के लिए आंतरिक शक्ति प्रदान करता है।

10. भक्ति और विश्वास का संगम
अश्वत्थ मारुति पूजन केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भक्ति, विश्वास और परंपरा का एक सुंदर संगम है। यह हमें याद दिलाता है कि ब्रह्मांड में एक ऐसी शक्ति है जो हमें हर मुश्किल घड़ी में सहारा देती है। हनुमान जी की भक्ति हमें निडरता, सेवाभाव और अदम्य साहस का पाठ पढ़ाती है। इस पवित्र दिन पर की गई उपासना हमारे जीवन को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करती है। 🙏✨

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-26.07.2025-शनिवार.
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