यात्राओं पर भक्तिमय कविता 🏞️🎊💖🌟🙏🏞️🎊🥁💖✨🏡

Started by Atul Kaviraje, July 29, 2025, 10:11:52 PM

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Atul Kaviraje

यात्राओं पर भक्तिमय कविता 🏞�🎊💖

यहाँ मळसूर यात्रा और चौंडेश्वरी देवी यात्रा के पावन अवसर पर एक सुंदर, अर्थपूर्ण और सरल कविता प्रस्तुत है, जिसमें प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ भी दिया गया है:

चरण 1:
आज मंगलवार, पावन दिन आया,
यात्राओं का सुंदर मौसम है छाया।
मळसूर में यात्रा, पातुर की शान,
चौंडेश्वरी देवी का सोंगे में जयगान।

अर्थ: आज मंगलवार है, एक पवित्र दिन आया है, यात्राओं का सुंदर मौसम छा गया है। पातुर की शान, मळसूर में यात्रा हो रही है, और सोंगे में चौंडेश्वरी देवी का जयघोष हो रहा है।

चरण 2:
दूर-दूर से आए भक्त प्यारे,
देवी-देवता के चरणों में नमन करें सारे।
मनोकामनाएँ लेकर, श्रद्धा से आए,
आशीर्वाद पाकर, सब खुशी मनाए।

अर्थ: दूर-दूर से प्यारे भक्त आए हैं, सभी देवी-देवता के चरणों में प्रणाम कर रहे हैं। अपनी मनोकामनाएँ लेकर वे श्रद्धा से आए हैं, और आशीर्वाद पाकर सब खुशी मना रहे हैं।

चरण 3:
मळसूर की धरती, पवित्र है गाथा,
पूरण हो हर इच्छा, झूके सबका माथा।
चौंडेश्वरी माता, शक्ति का रूप,
हर संकट दूर करे, मिटाए हर कूप।

अर्थ: मळसूर की धरती पवित्र है, यहाँ की कहानी भी पवित्र है, हर इच्छा पूरी हो, सबके सिर झुकें। चौंडेश्वरी माता शक्ति का रूप हैं, वे हर संकट दूर करती हैं और हर बुराई मिटाती हैं।

चरण 4:
ढोल-नगाड़ों की गूँज है निराली,
लोक नृत्य और भजनों की थाली।
संस्कृति का संगम, एकता का पाठ,
मिलजुलकर मनाएँ, ये भक्ति की हाट।

अर्थ: ढोल-नगाड़ों की गूँज अनोखी है, लोक नृत्य और भजनों की थाली सजी है। यह संस्कृति का संगम है, एकता का पाठ है, सब मिलकर मनाएँ, यह भक्ति का बाजार है।

चरण 5:
नैवेद्य चढ़ाएँ, प्रसाद बाँटें प्यार से,
पेट भरें सबका, मन से और द्वार से।
भाईचारा बढ़े, न हो कोई भेद,
खुशियों से भर जाए हर खेत-खेड़।

अर्थ: प्यार से नैवेद्य चढ़ाएँ और प्रसाद बाँटें, सबका पेट मन से और हर घर से भर जाए। भाईचारा बढ़े, कोई भेद न हो, और हर खेत-खलिहान खुशियों से भर जाए।

चरण 6:
गाँव की समृद्धि, फसलों की बहार,
देवी-देवता की कृपा का उपहार।
पशुधन सुरक्षित, हर घर में सुख,
दूर हो जाए हर प्रकार का दुःख।

अर्थ: गाँव की समृद्धि हो, फसलों की बहार आए, यह देवी-देवता की कृपा का उपहार है। पशुधन सुरक्षित रहे, हर घर में सुख हो, और हर प्रकार का दुःख दूर हो जाए।

चरण 7:
जय मळसूर देवता, जय चौंडेश्वरी माता,
आपकी कृपा से, सुख का है नाता।
जीवन में सदा बनी रहे खुशहाली,
आपकी महिमा की जय हो, हरियाली।

अर्थ: मळसूर देवता की जय हो, चौंडेश्वरी माता की जय हो, आपकी कृपा से सुख का संबंध है। जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहे, आपकी महिमा का जयघोष हो, हर जगह हरियाली हो।

कविता का इमोजी सारांश 🌟🙏🏞�🎊🥁💖✨🏡
29 जुलाई, 2025 को मळसूर यात्रा 🌟 और चौंडेश्वरी देवी यात्रा 🙏 महाराष्ट्र में मनाई जाएगी। ये यात्राएँ भक्ति 🏞�, पारंपरिक अनुष्ठान 🎊, ढोल-नगाड़े 🥁 और सामुदायिक एकता का प्रतीक हैं। भक्त सुख-समृद्धि 💖✨ और अच्छी फसल के लिए देवी-देवताओं का आशीर्वाद मांगते हैं, जिससे हर घर 🏡 में खुशहाली आए।

--अतुल परब
--दिनांक-29.07.2025-मंगळवार.
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