भगवान विट्ठल और उनका आदर्श जीवन -🛕🙏💖🚶‍♀️

Started by Atul Kaviraje, July 30, 2025, 09:58:01 PM

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Atul Kaviraje

भगवान विट्ठल और उनका आदर्श जीवन - एक भक्तिपूर्ण कविता-

चरण 1
विट्ठल विट्ठल नाम जपे, पंढरपुर के नाथ,
ईंट पर खड़े हैं वो, भक्तों के साथ।
शांत, सौम्य वो मूरत, मन को बहुत भाए,
प्यारा मेरा पांडुरंग, सबके कष्ट मिटाए।
🛕🙏
अर्थ: पंढरपुर के स्वामी भगवान विट्ठल का नाम जपते हैं, जो ईंट पर खड़े होकर भक्तों के साथ रहते हैं। उनकी शांत और सौम्य मूर्ति मन को बहुत प्रिय लगती है। मेरे प्यारे पांडुरंग सभी के कष्ट मिटाते हैं।

चरण 2
पुंडलिक की भक्ति देखी, सेवा थी अनमोल,
मात-पिता की सेवा की, खोले प्रभु के पोल।
इंतजार किया प्रभु ने, ईंट पर खड़े रहे,
भक्ति की महिमा गाई, जग में नाम बहे।
👨�👩�👧�👦🧱
अर्थ: पुंडलिक की भक्ति देखी गई, जो बहुत अनमोल थी। उन्होंने अपने माता-पिता की सेवा की और प्रभु के रहस्य खोल दिए। प्रभु ने ईंट पर खड़े होकर इंतजार किया। भक्ति की महिमा गाई गई और उनका नाम जग में फैल गया।

चरण 3
जाति-भेद ना जाने वो, सबको गले लगाए,
गरीब हो या अमीर, प्रेम से है मनाए।
वारकरी की ये डगर, चले एक साथ सब,
ज्ञानोबा माउली तुकाराम, गूंजे हर पल अब।
🤝🎶
अर्थ: वह जाति-भेद नहीं जानते, सबको गले लगाते हैं। गरीब हो या अमीर, सबको प्रेम से मनाते हैं। वारकरी के इस मार्ग पर सब एक साथ चलते हैं। 'ज्ञानोबा माउली तुकाराम' का जयघोष हर पल गूंजता रहता है।

चरण 4
सादगी का है जीवन, आडंबर ना कोई,
नाम-स्मरण की महिमा, मन में शुद्धता बोई।
कम खर्च में ही प्रसन्न, मेरे विट्ठल देव,
मन की सच्चाई से ही, करते भक्तों की सेव।
🌿💖
अर्थ: उनका जीवन सादगीपूर्ण है, कोई आडंबर नहीं। नाम-स्मरण की महिमा से मन में शुद्धता बोई जाती है। मेरे भगवान विट्ठल कम खर्च में ही प्रसन्न होते हैं। वे मन की सच्चाई से ही भक्तों की सेवा करते हैं।

चरण 5
संतों ने दी वाणी, अभंगों का है सार,
एकनाथ, तुकाराम, ज्ञानेश्वर का प्यार।
धर्म का पाठ सिखाया, प्रेम का संदेश दिया,
गृहस्थ में रहकर भी, प्रभु को पा लिया।
📚✍️🏠
अर्थ: संतों ने वाणी दी, अभंगों में उसका सार है, जैसे एकनाथ, तुकाराम और ज्ञानेश्वर का प्यार। उन्होंने धर्म का पाठ सिखाया, प्रेम का संदेश दिया, और गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी प्रभु को पा लिया।

चरण 6
करुणा और समरसता, उनकी शिक्षा में है,
मानवता की सेवा, हर दिक्षा में है।
दीन-दुखियों के संग वो, हमेशा ही खड़े,
प्रेम के पथ पर चलें, हर बाधा से लड़े।
❤️🌍
अर्थ: करुणा और सामाजिक समरसता उनकी शिक्षाओं में है। मानवता की सेवा हर शिक्षा में है। वे दीन-दुखियों के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। प्रेम के पथ पर चलकर हर बाधा से लड़ते हैं।

चरण 7
आदर्श जीवन का पथ, विट्ठल ने दिखाया,
संतों ने भी उस पर, चलके हमें समझाया।
आओ हम भी बनें, उनके सच्चे भक्त,
विट्ठल नाम जपे, रहें प्रेम में अनुरक्त।
🌟✨🙏
अर्थ: विट्ठल ने आदर्श जीवन का मार्ग दिखाया, और संतों ने भी उस पर चलकर हमें समझाया। आओ हम भी उनके सच्चे भक्त बनें, विट्ठल नाम का जाप करें, और प्रेम में लीन रहें।

सारांश
यह कविता भगवान विट्ठल के शांत स्वरूप, संत पुंडलिक की भक्ति, विट्ठल भक्ति मार्ग की समानता, वारकरी संप्रदाय की सादगी, और संतों के योगदान का भक्तिपूर्ण वर्णन करती है। यह विट्ठल भक्ति को गृहस्थ जीवन में रहकर भी सादगी, प्रेम, करुणा और सामाजिक समरसता के साथ एक आदर्श जीवन जीने का मार्ग बताती है। 🛕🙏💖🚶�♀️

--अतुल परब
--दिनांक-30.07.2025-बुधवार.
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