कौशल की नई उड़ान- (31 जुलाई 2025, गुरुवार) 🚀 प्रशिक्षुता का बढ़ता मान 🚀

Started by Atul Kaviraje, July 31, 2025, 10:19:30 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

हिंदी कविता: कौशल की नई उड़ान-

(31 जुलाई 2025, गुरुवार)

🚀 प्रशिक्षुता का बढ़ता मान 🚀

१.
आज 31 जुलाई है, दिवस है ये खास,
राष्ट्रीय प्रशिक्षु दिवस, जगाए नई आस।
कौशल की है बात, हर हाथ में हुनर,
भविष्य को सँवारें, बन कर हम माहिर।
अर्थ: आज 31 जुलाई है, यह एक खास दिन है, राष्ट्रीय प्रशिक्षु दिवस जो नई उम्मीदें जगाता है। यह कौशल की बात करता है, हर हाथ में हुनर की, हम माहिर बनकर भविष्य को संवारें।

२.
किताबों से बाहर, दुनिया का ज्ञान,
सीखें हम काम से, बने महान।
हाथों में हुनर, मन में लगन,
हर चुनौती का करें हम दमन।
अर्थ: किताबों से बाहर, दुनिया का ज्ञान है, हम काम से सीखकर महान बनें। हाथों में हुनर हो, मन में लगन हो, हम हर चुनौती का सामना करें।

३.
उद्योगों से जुड़ें, ज्ञान पाएँ,
सही राह पर चलें, मंज़िल तक जाएँ।
वजीफा भी मिले, आत्मनिर्भर बनें,
अपने पैरों पर खड़े, खुद के दम पर जिएँ।
अर्थ: उद्योगों से जुड़ें, ज्ञान प्राप्त करें, सही राह पर चलकर मंजिल तक पहुँचें। वजीफा भी मिले, आत्मनिर्भर बनें, अपने पैरों पर खड़े होकर अपने दम पर जिएँ।

४.
'स्किल इंडिया' का सपना है ये प्यारा,
हर युवा हो कुशल, बने भारत हमारा।
विश्व में छा जाएँ, अपनी पहचान बनाएँ,
नवाचार की राह पर, कदम हम बढ़ाएँ।
अर्थ: यह 'स्किल इंडिया' का प्यारा सपना है, हर युवा कुशल हो और हमारा भारत महान बने। हम विश्व में छा जाएँ, अपनी पहचान बनाएँ और नवाचार की राह पर कदम बढ़ाएँ।

५.
गुरु हैं हमारे, हर शिक्षक महान,
जो देते हैं हमको, अपना पूरा ज्ञान।
हाथ पकड़कर सिखाते, हर मुश्किल राह,
बनाते हमें निपुण, जीवन की है ये चाह।
अर्थ: हमारे गुरु और हर शिक्षक महान हैं, जो हमें अपना पूरा ज्ञान देते हैं। वे हाथ पकड़कर हर मुश्किल राह सिखाते हैं, हमें निपुण बनाते हैं, यही जीवन की इच्छा है।

६.
नया भारत गढ़ें, विश्वास से भरें,
प्रशिक्षुता से हम, राहें अपनी बनाएँ।
मेहनत का फल है, उज्जवल ये कल,
चलो बढ़ाएँ कदम, बनें हम सफल।
अर्थ: नया भारत गढ़ें, विश्वास से भरें, प्रशिक्षुता से हम अपनी राहें बनाएँ। मेहनत का फल उज्ज्वल भविष्य है, चलो कदम बढ़ाएँ, सफल बनें।

७.
प्रशिक्षु दिवस की, शुभकामनाएँ हज़ार,
हो हर युवा का, जीवन गुलज़ार।
ज्ञान बढ़े, कौशल चमके,
देश हमारा, हरदम दमके।
अर्थ: प्रशिक्षु दिवस की हजारों शुभकामनाएँ, हर युवा का जीवन खुशहाल हो। ज्ञान बढ़े, कौशल चमके, और हमारा देश हरदम जगमगाता रहे।

--अतुल परब
--दिनांक-31.07.2025-गुरुवार.
===========================================