मृत्यु का क्षेत्र और देवी काली का प्रभुत्व: जीवन पर एक परिप्रेक्ष्य-1-

Started by Atul Kaviraje, August 02, 2025, 10:15:08 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

'मृत्यु का क्षेत्र' और देवी काली का 'प्रभुत्व' तथा जीवन के दृष्टिकोण-
('मृत्यु का क्षेत्र' और देवी काली का 'प्रभुत्व' और जीवन पर परिप्रेक्ष्य)
(The 'Realm of Death' and 'Dominion' of Goddess Kali and Perspectives on Life)
Goddess Kali's 'world of death' and 'dominion' and outlook on life-

मृत्यु का क्षेत्र और देवी काली का प्रभुत्व: जीवन पर एक परिप्रेक्ष्य
देवी काली, हिंदू धर्म की सबसे शक्तिशाली और जटिल देवियों में से एक हैं। उनका स्वरूप जितना भयानक है, उतना ही कृपालु भी। उन्हें अक्सर मृत्यु, समय और परिवर्तन की देवी के रूप में देखा जाता है, लेकिन उनका प्रभुत्व केवल इन्हीं तक सीमित नहीं है। वे जीवन के गूढ़ रहस्यों, सृजन और विनाश के चक्र, और आध्यात्मिक मुक्ति का प्रतीक भी हैं।

💀🕰� परिवर्तन और विनाश की देवी 🌌 Shakti 🔱

1. काली का स्वरूप और अर्थ
देवी काली का शाब्दिक अर्थ 'समय' या 'काला' है। उनका गहरे नीले या काले रंग का स्वरूप अनंत ब्रह्मांड और समय की असीमता को दर्शाता है। उनके खुले बाल, रक्त से सनी जीभ, नरमुंडों की माला और कटे हुए सिर को धारण किए हुए हाथ उनके विनाशकारी पहलू को दर्शाते हैं, जो अज्ञानता, अहंकार और दुष्टता का नाश करते हैं। हालांकि, उनका एक हाथ वरदान और दूसरा अभय मुद्रा में होता है, जो भक्तों को सुरक्षा और ज्ञान प्रदान करता है।

2. मृत्यु का क्षेत्र और काली का प्रभुत्व
काली को अक्सर श्मशान घाट या युद्धभूमि से जोड़ा जाता है, जो मृत्यु और विनाश के स्थान हैं। यह दर्शाता है कि वे न केवल जीवन की उत्पत्ति पर, बल्कि उसके अंत पर भी नियंत्रण रखती हैं। उनका 'मृत्यु का क्षेत्र' केवल शारीरिक मृत्यु तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर के अहंकार, अज्ञानता और नकारात्मक प्रवृत्तियों की मृत्यु का भी प्रतीक है। जब ये नकारात्मक शक्तियाँ मर जाती हैं, तभी आध्यात्मिक विकास और मुक्ति संभव हो पाती है।

🔥 अहंकार का विनाश 🛡� आध्यात्मिक मुक्ति 🧘�♀️

3. काली और समय का चक्र
काली को 'काल' यानी समय की देवी भी कहा जाता है। वे समय के निरंतर प्रवाह और हर चीज़ के क्षणभंगुर स्वभाव का प्रतीक हैं। उनका प्रभुत्व इस तथ्य पर है कि सब कुछ समय के अधीन है - जन्म, जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का चक्र। वे हमें सिखाती हैं कि जीवन क्षणभंगुर है, और हमें वर्तमान में जीना चाहिए, मोह और आसक्ति से मुक्त होकर।

⏳ समय का निरंतर प्रवाह 🌀 जीवन-मृत्यु चक्र 🌌

4. सृजन, संरक्षण और संहार का संतुलन
यह समझना महत्वपूर्ण है कि काली केवल विनाश की देवी नहीं हैं। वे त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की शक्ति 'महाकाली' के रूप में सृजन, संरक्षण और संहार तीनों का संतुलन बनाए रखती हैं। उनका विनाशकारी स्वरूप वास्तव में सृजन के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। जैसे, पुरानी पत्तियों के झड़ने के बाद ही नई पत्तियां आती हैं, उसी प्रकार पुराने और अनुपयोगी का विनाश नए और बेहतर के जन्म के लिए आवश्यक है।

🌱 नूतनता का आगमन 🍃 पुनरुत्थान ✨

5. जीवन पर परिप्रेक्ष्य: भय पर विजय
काली का स्वरूप भले ही भयानक लगे, लेकिन वे अपने भक्तों को भय से मुक्ति दिलाती हैं। उनका आह्वान हमें जीवन की कठोर वास्तविकताओं का सामना करने और उनसे पार पाने की शक्ति देता है। वे सिखाती हैं कि मृत्यु जीवन का एक अपरिहार्य हिस्सा है, और हमें इससे डरना नहीं चाहिए, बल्कि इसे स्वीकार करना चाहिए। मृत्यु का सामना करने का अर्थ है जीवन को पूरी तरह से जीना और हर पल का महत्व समझना।

💪 भय पर विजय 💯 अदम्य साहस 🌟

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.08.2025-शुक्रवार.
===========================================